मंजूर बजट से अधिक खर्च पर रोक: सीएम सुक्खू

शिमला। फिजूलखर्ची रोकने को सरकार ने अफसरशाही पर नकेल कस दी है। सीएम और मंत्री से मंजूरी नहीं ली तो वित्त और योजना विभाग पूंजीगत कार्यों और खरीदारी के लिए तय बजट से बाहर मंजूरी नहीं देंगे।
मुख्यमंत्री और विभाग के मंत्रियों से भी अतिरिक्त बजट के लिए स्वीकृति केवल उन कार्यों के लिए ली जाएगी, जिन्हें करना बहुत अधिक जरूरी और अपरिहार्य होगा। अन्यथा स्वीकृति नहीं मिलेगी। प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष भी इस संबंध में अपने स्तर पर फैसले नहीं ले पाएंगे। मुख्यमंत्री सुखविंद्र सिंह सुक्खू के पास वित्त और योजना विभाग भी हैं।
इसमें लिखा है कि यह ध्यान में आया है कि प्रशासनिक विभाग पूंजीगत कार्यों को बिना पर्याप्त संसाधनों और बजट की उपलब्धता के प्रशासनिक स्वीकृति दे रहे हैं। अब वे वित्त वर्ष के मध्य में अतिरिक्त फंड की मांग कर रहे हैं, जिसका वार्षिक बजट में कोई प्रावधान नहीं था। इससे सरकार के वित्तीय प्रबंधन पर विपरीत प्रभाव पड़ रहा है। इस तरह के कई मामले सामने आए हैं, जहां आधारभूत ढांचे से जुड़े काम और सिविल कार्यों को वास्तविक जरूरतों से ज्यादा किया जा रहा है। विभागों को भेजे पत्र में साफ किया गया है कि पहली प्राथमिकता लंबित देनदारियां चुकाने को दी जाएगी, जो कि पूंजीगत कार्यों और खरीदारी से संबंधित हैं। नए पूंजीगत कार्यों और खरीददारी के लिए पहले उन पुराने मामलों को देखा जाना चाहिए। वित्त और योजना विभाग अतिरिक्त आवंटन कैपिटल हेड से संबंधित को बजट आवंटन से बाहर होने पर विचार नहीं करेंगे।