विधानसभा में भिड़े सीएम योगी और अखिलेश यादव, नई शिक्षा नीति को लेकर पूछे गए सवाल

लखनऊ। यूपी विधानसभा में मानसून सत्र के आज दूसरा दिन नई शिक्षा नीति को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के बीच जमकर नोकझोक हुई। दरसअल जब सदन में मुख्यमंत्री योगी नई शिक्षा नीति पर बोल रहे थे तभी नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि नई शिक्षा नीति से क्या बदलाव आए हैं। 15 साल की एजग्रुप वाले कितने बच्चे हैं। इस पर सीएम योगी ने तंज कसते हुए कहा कि अगर ये नई शिक्षा नीति पढ़कर आते तो सवाल न पूछते, इसमें रोजगार के पाठ्यक्रम भी लागू किए गए हैं।
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि नेता विरोधी दल कहते हैं भर्ती नहीं हुई। पिछले 6 साल में नकलविहीन परीक्षा हो रही। शिक्षक भर्ती के लिए हम एक आयोग का बिल लाए हैं। प्रदेश में नकल विहीन परीक्षाएं हो रही हैं। नकल माफियाओं पर नकेल कसा गया। बिना देरी किए परिणाम जारी किए जा रहे। भर्ती प्रक्रिया में कोई मामला कोर्ट में लंबित नहीं। पूरी पारदर्शिता, निष्पक्षता के साथ भर्ती हो रही। रिकॉर्ड टाइम में बोर्ड की परीक्षाएं कराई गईं।
इसके साथ सीएम योगी ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 लागू हो चुकी है, इसमे सामान्य पाठ्यक्रम के साथ-साथ विभिन्न रोजगार पर पाठ्यक्रम भी लागू किये गये है, और राज्य सरकार इसे आगे बढ़ा रही है। इसमें पैरामेडिकल, ड्रोन टेक्नॉलोजी, डाटा एनालिसिस, थ्री डी पेंटिंग जैसे तीन महीने और छह महीने के पाठ्यक्रम भी जोड़े गये है।
ये जवाब प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी ने नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के सवाल के जवाब में दिए। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव बोले कि बेरोजगारी के आंकड़े छिपा रहे हैं। नौकरी के लिए सरकार की क्या योजना है। कितने लोगों को नौकरी मिल रही, बताइये। नई शिक्षा नीति से क्या बदलाव आए हैं। 15 साल की एजग्रुप वाले कितने बच्चे हैं।
साथ ही ये भी बता दें कि जनसंख्या को लेकर अखिलेश ने सीएम योगी से सवाल किए। इसपर सीएम योगी ने कहा कि नेता विरोधी दल को जनसंख्या की चिंता है। अखिलेश जी को संयम रखना चाहिए। एक देश एक कानून की भी बात कर लेते।