उत्तर प्रदेश

चुनावी मोड में सीएम योगी, दस सीटों के उपचुनाव के लिए मंत्रियों की बैठक

लखनऊ। प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव को लेकर राजनीतिक दलों में सरगर्मी बढ़ने लगी है।सूत्रों के अनुसार इस बैठक में मुख्यमंत्री उपचुनाव की तैयारियों, स्वच्छता पखवाड़ा, सदस्यता अभियान पर चर्चा कर सकते हैं। इसके साथ ही प्रभारी मंत्रियों से उनकी रिपोर्ट भी ले सकते हैं। योगी अपने मंत्रियों को विभागीय व आमजन से जुड़ी योजनाओं को धरातल पर उतारने के कामों में तेजी लाने के निर्देश दे सकते हैं। चर्चा इस बात की भी हैं कि यहां सीटवार समीक्षा भी हो सकती है।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रदेश में वर्ष 2017 के पहले शुचितापूर्ण भर्ती संभव नहीं थी। उस समय सभी आयोग व बोर्डों पर सवाल उठते थे। आज भी तमाम मामलों में सीबीआई जांच चल रही है। उस समय सरकारों की कार्यपद्धति से युवाओं के भविष्य से न सिर्फ खिलवाड़ किया गया, बल्कि प्रदेश को पहचान के संकट से भी गुजरना पड़ा।
सीएम लोकभवन में अधीनस्थ सेवा चयन आयोग से चयनित अभ्यर्थियों के नियुक्ति पत्र वितरण समारोह को संबोधित कर रहे थे। समारोह में 647 वन रक्षकों व वन्यजीव रक्षकों और 41 प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अवर अभियंताओं को नियुक्ति पत्र वितरित किया गया। सीएम ने कहा कि नियुक्ति पाने वाले 688 में से 124 से अधिक बालिकाएं हैं।
सीएम ने बिना नाम लिए सपा नेताओं पर निशाना साधते हुए कहा कि पहचान का संकट पैदा करने वाले वही लोग हैं, जो पेपर लीक करने वाले गैंग के सरगनाओं को अपना शागिर्द बनाते थे। भर्ती प्रक्रिया शुरू होते ही नियुक्ति की सूची चली जाती थी और वसूली शुरू हो जाती थी। उन्होंने कहा कि तब गरीब व मेधावी छात्र को नियुक्ति नहीं मिल पाती थी, बल्कि नियुक्ति बैकडोर से होती थी। सीएम ने कहा कि परीक्षा की शुचिता के लिए अनुचित साधनों के रोकथाम अधिनियम को लागू किया गया है। इसमें एक करोड़ जुर्माना व आजीवन कारावास का प्रावधान है। एआई और बायोमीट्रिक सिस्टम का भी बेहतरीन उपयोग किया गया है।

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