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चिली में कम्युनिस्ट नेता जीनेट की बड़ी जीत, अब राष्ट्रपति पद के लिए जंग

चिली में नवंबर में होने वाले राष्ट्रपति चुनाव से पहले राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। यहां वामपंथी पार्टियों की ओर से हुए प्राइमरी चुनाव में कम्युनिस्ट नेता जीनेट जारा ने चैंकाने वाली जीत दर्ज की है। जारा ने अपनी मुख्य प्रतिद्वंद्वी कैरोलिना टोहा को आसानी से हरा दिया। इस जीत के साथ ही जारा अब मौजूदा सरकार की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवार होंगी। 51 साल की जीनेट जारा चिली के कम्युनिस्ट पार्टी की सदस्य हैं और राष्ट्रपति गैब्रिएल बोरिक की सरकार में श्रम मंत्री रह चुकी हैं। उन्होंने 60.5 प्रतिशत वोट हासिल कर अपने प्रतिद्वंद्वी टोहा को पीछे छोड़ दिया, जिन्हें महज 27.7 प्रतिशत वोट मिले। इस जीत के बाद जारा ने कहा कि आज से हम एक नए रास्ते पर चलेंगे, जिसका मकसद चिली को ज्यादा न्यायसंगत और लोकतांत्रिक बनाना है। दक्षिणपंथ के खतरे के सामने हम एकजुटता, संवाद और उम्मीद से जवाब देंगे। जारा की छवि पार्टी के दूसरे कट्टर नेताओं के मुकाबले कुछ नरम और कूटनीतिक मानी जाती है। श्रम मंत्री के तौर पर उन्होंने न्यूनतम वेतन बढ़ाने और हफ्ते में काम के घंटे घटाकर 40 करने जैसे कदमों के लिए तारीफ बटोरी। उनकी तुलना देश की पूर्व राष्ट्रपति मिशेल बैचेलेट से की जा रही है, जिन्होंने चिली में महिला सशक्तिकरण और सामाजिक सुधारों के लिए अहम भूमिका निभाई थी। हालांकि, जारा के सामने चुनौतियां कम नहीं हैं। चिली में फिलहाल आर्थिक सुस्ती, संगठित अपराध और अप्रवासन को लेकर जनता में चिंता बढ़ रही है। इन मुद्दों के चलते देश में दक्षिणपंथी नेताओं को समर्थन तेजी से बढ़ रहा है। खासतौर पर अल्ट्रा-राइट नेता जोस एंटोनियो कास्ट और पूर्व श्रम मंत्री एवलीन मत्तेई लोकप्रियता में आगे चल रहे हैं। मत्तेई अपने व्यापार समर्थक एजेंडे से निवेशकों को भी लुभा रही हैं।

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