कांग्रेस व उसके साथी रखें संयम

लोकसभा चुनानव 2024 से पहले विपक्षी दलों के एकजुट होने से सियासी हलचल तो बढ़ ही गयी है। सत्तारूढ़ भाजपा ने भी ंइडिया बनाम भारत का विवाद खड़ा करके इस मसले को हवा दे दी है। मीडिया को इसीलिए विपक्षी दलों के इंडिया गठबंधन मंे लोकप्रिय नेता का पता लगाना पड़ रहा है। यह कोई अकाट्य प्रमाण तो नहीं है लेकिन जनता के बीच राजनीतिक रुचि किस तरह बदलती है, इसका संकेत तो मिल ही जाता है। हाल ही मंे सी-वोटर मूड आफ द नेशन और इंडिया टुडे का एक सर्वे यही बताता है। इसी साल के प्रारम्भ में अर्थात् जनवरी 2023 मंे सर्वे किया गया था जिसमें विपक्ष की तरफ से नेता पद पर सबसे ज्यादा वोट आम आदमी पार्टी के नेता अरविन्द केजरीवाल को मिले थे। केजरीवाल के पक्ष मंे 24 फीसद लोग थे जबकि कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को सिर्फ 15 फीसद लोगों का समर्थन प्राप्त था। अब अगस्त में फिर सर्वे किया गया है। इस बीच कर्नाटक मंे कांग्रेस की सरकार बन गयी और 28 विपक्षी दलों ने इंडिया नाम से नया मोर्चा भी बना लिया है। राहुल गांधी सबसे आगे दिखाई पड़ रहे हैं। सर्वे में राहुल गांधी को 24 फीसद लोगों का समर्थन मिला है जबकि केजरीवाल के पक्ष मंे 15 फीसद लोग हैं। जनता के बीच अपनी सुधरी छवि का राहुल गांधी कितना राजनीतिक फायदा उठा सकेंगे, यह कांग्रेस व उसके साथियों पर निर्भर करेगा। उम्मीद है कि कांग्रेस की वर्किंग कमेटी की बैठक में इस पर विचार होगा। साथ ही कांग्रेस के सहभागी द्रमुक के नेता ने जिस तरह सनातन जैसा विवाद खड़ा किया, उससे भी राहुल को परेशानी हो सकती है।
देश में 2024 के अप्रैल या मई महीने में लोकसभा चुनाव संभावित है। उससे पहले विपक्ष की कुल 28 पार्टियों ने एनडीए से मुकाबले के लिए इंडिया नाम का गठबंधन बनाया है। विपक्ष की ओर से अब तक तीन सफल बैठक होने के बावजूद गठबंधन इंडिया को लीड करने वाले को लेकर सस्पेंस बनी हुई है। हालांकि, इस गठबंधन में कॉर्डिनेशन कमेटी का गठन हो चुका है, जो चुनाव संबंधी रणनीति पर काम करेगी। इस बीच इंडिया अलायंस के लिए सबसे उपयुक्त चेहरे को लेकर किए गए सर्वे में चैंकाने वाला जवाब मिला है। सर्वे में लोगों से सवाल किया गया 2024 में कौन होगा विपक्ष का चेहरा? इस पर मिले जवाब के अनुसार कुल 15 फीसदी लोगों का मानना था कि विपक्ष को लीड करने के लिए पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी पार्टी प्रमुख ममता बनर्जी सबसे प्रबल दावेदारों में से एक हैं। जबकि इसी सवाल को लेकर जनवरी 2023 में किए गए सर्वे में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को मात्र 13 प्रतिशत वोट मिला था जबकि दिल्ली के सीएम और आप पार्टी चीफ अरविंद केजरीवाल को सबसे ज्यादा 24 फीसदी लोगों का साथ मिला था। जनवरी 2023 वाले सर्वे में 20 फीसदी वोट के साथ ममता बनर्जी दूसरे स्थान पर थी। अब अगस्त 2023 में हुए सर्वे में राहुल गांधी को 24 फीसदी वोट मिले हैं। इस प्रकार विपक्ष की गठबंधन इंडिया का नेतृत्व करने के लिए सबसे उपयुक्त चेहरा कौन? इस सवाल पर मिला जवाब देश की सबसे पुरानी पार्टी के पक्ष में गया है। सर्वे की माने तो कांग्रेस के वायनाड से सांसद राहुल गांधी को सबसे ज्यादा पसंद किया गया है। सर्वे में राहुल गांधी को 24 फीसदी वोट मिले। जबकि इस सवाल पर अरविंद केजरीवाल और ममता बनर्जी को एक समान अंक प्राप्त हुआ है। सर्वे में दोनों मुख्यमंत्री को 15 फीसदी वोट मिले हैं। सर्वे इंडिया टुडे सी-वोटर मूड ऑफ द नेशन का है, जिसे 14 जुलाई से 13 अगस्त के बीच किया गया।
कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने यूरोप दौरे में पेरिस की साइंसेज पो यूनिवर्सिटी में छात्रों को संबोधित किया। राहुल ने इस दौरान केंद्र में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी और उसके वैचारिक संरक्षक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर जमकर निशाना साधा। राहुल गांधी ने कहा, मैंने गीता पढ़ी है। उपनिषद पढ़े हैं। कई हिंदू किताबें भी पढ़ी हैं। इस आधार पर मैं कह सकता हूं कि बीजेपी जो करती है, उसमें कुछ भी हिंदूवादी नहीं है। राहुल गांधी ने कहा, मैंने कभी किसी हिंदू किताब में नहीं पढ़ा और न किसी हिंदू विद्वान से सुना कि आपको उन्हें नुकसान पहुंचाना चाहिए, जो आपसे कमजोर हैं। ये बीजेपी के लोग हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हैं। उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है। वे सत्ता पाने के लिए कुछ भी करते हैं। उन्होंने कहा, यह विचार। यह शब्द- हिंदू राष्ट्रवादी एक गलत शब्द है। वे हिंदू राष्ट्रवादी नहीं हैं। उनका हिंदू धर्म से कोई लेना-देना नहीं है।
कांग्रेस नेता ने कहा, भारत में सिख समुदाय सहित 20 करोड़ लोग असहज महसूस कर रहे हैं। ये हमारे लिए शर्म की बात है। इसे ठीक करने की जरूरत है। ऐसे अल्पसंख्यक भी हैं, जो असहज महसूस करते हैं। ऐसी महिलाएं भी हैं, जो सुरक्षित महसूस नहीं करती हैं। राहुल गांधी ने देश में अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमले को लेकर भी बातचीत की। उन्होंने कहा, भाजपा और आरएसएस भारत की निचली जाति, पिछड़ी जाति और इसके अलावा अल्पसंख्यकों की अभिव्यक्ति को रोकने की कोशिश कर रही हैं। मैं ऐसा भारत नहीं चाहता हूं, जहां लोगों के साथ बदसलूकी किया जाए।
राहुल गांधी के बयान पर बीजेपी के लोकसभा सांसद तेजस्वी सूर्या ने प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, भारत वैश्विक स्तर पर उपलब्धि हासिल कर रहा है, ये बात कुछ लोगों को शायद पसंद नहीं आ रही। लिहाजा वो ‘रो’ रहे हैं। तेजस्वी सूर्या ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पहले ट्विटर) पर लिखा- तथ्य यह है कि राहुल गांधी सोचते हैं कि हिंदू धर्म का अभ्यास किताबों के संदर्भ में किया जाता है। उनकी सोच से पता चलता है कि हमारे धर्म के बारे में उनकी समझ कितनी हल्की है। हालांकि राहुल गांधी ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर केंद्र सरकार के मौजूदा रुख से सहमति जताई और कहा एक बड़ा देश होने के कारण यह भारत के लिए स्वाभाविक है कि वह दुनिया भर के देशों के साथ द्विपक्षीय संबंध रखे। ब्रसेल्स के प्रेस क्लब में संवाददाता सम्मेलन के दौरान उनसे एक यूक्रेनी समाचार एजेंसी के संवाददाता ने रूस-यूक्रेन संघर्ष पर मोदी सरकार द्वारा अपनाए गए ‘सधे हुए रुख‘ के बारे में सवाल किया था। राहुल गांधी ने जवाब दिया, ‘मुझे लगता है कि विपक्ष इस संघर्ष पर भारत सरकार के वर्तमान रुख से कुल मिलाकर सहमत होगा।‘ उन्होंने कहा, ‘‘रूस के साथ हमारा रिश्ता है और मुझे नहीं लगता कि सरकार वर्तमान में जो रुख अपना रही है, उससे विपक्ष का कोई अलग दृष्टिकोण होगा। भारत ने बार-बार रूस और यूक्रेन से कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने तथा युद्ध को समाप्त करने का आह्वान किया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई मौकों पर रूस और यूक्रेन के राष्ट्रपतियों से बात की है और शत्रुता को तत्काल समाप्त करने तथा संघर्ष के समाधान के लिए कूटनीति और बातचीत के रास्ते पर लौटने का आग्रह किया है। भारत-रूस संबंधों और पश्चिमी नेताओं के भारत को रूस से दूर करने के प्रयासों के बारे में पूछे जाने पर राहुल गांधी ने दोहराया कि भारत के लिए विभिन्न देशों के साथ विविध प्रकार के संबंध रखना स्वाभाविक है। उन्होंने कहा, ‘‘निश्चित तौर पर भारत का रूस के साथ एक रिश्ता है, भारत का अमेरिका के साथ भी रिश्ता है। इस प्रकार की राजनीतिक परिपक्वता राहुल को दिखानी होगी। इसके साथ ही धर्म और अल्पसंख्यकों पर अपना बयान संतुलित रखना होगा। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)