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कांग्रेस के मनीष तिवारी जीते, भाजपा के संजय टंडन को दी मात

चण्डीगढ़। मनीष तिवारी चंडीगढ़ से लोकसभा का चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। वह कई साल से अपने लिए यहां सियासी जमीन तैयार कर रहे थे। वर्ष 2022 की शुरुआत में जब चंडीगढ़ बिजली विभाग के निजीकरण की खबर आई तो तिवारी ने इसे लेकर संसद में सवाल उठाया। पूछा कि जब विभाग फायदे में है तो उसे बेचा क्यों जा रहा है।
कॉलोनी नंबर-4 को तोड़े जाने का भी उन्होंने विरोध जताया था। यही नहीं, तिवारी ने श्री आनंदपुर साहिब से सांसद होते हुए भी अपने एमपीलैड फंड से लाखों रुपये बापूधाम, धनास, मनीमाजरा में ओपन एयर जिम और कैमरे लगाने पर खर्च किए। चंडीगढ़ सीट पर कांग्रेस और आम आदमी पार्टी मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं। तिवारी को टिकट मिलने के पीछे यह भी बड़ा कारण है कि वह गठबंधन के मानकों पर पूरी तरह फिट बैठ रहे थे। कांग्रेस के कई वरिष्ठ नेता पार्टी छोड़कर आप का दामन थाम चुके हैं। प्रदीप छाबड़ा और चंद्रमुखी शर्मा का नाम उनमें प्रमुख है। चंद्रमुखी शर्मा बेशक आप में शामिल हो गए हों लेकिन तिवारी से उनकी दोस्ती कभी कम नहीं हुई। ऐसे ही आप के कई अन्य नेताओं से मनीष तिवारी की अच्छी बनती है। ऐसे में आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी तिवारी को लेकर माहौल बनाया।

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