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भारत-बांग्लादेश के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर बनी सहमति, तटरक्षकों ने भी गंभीर मुद्दों पर की चर्चा

नई दिल्ली। भारत और बांग्लादेश ने ढाका में पांचवीं वार्षिक रक्षा वार्ता आयोजित की, जिसमें दोनों देश द्विपक्षीय अभ्यास बढ़ाने सहित अपने रक्षा सहयोग को बढ़ाने पर सहमत हुए। भारत के रक्षा सचिव गिरिधर अरामाने बांग्लादेश की दो दिवसीय यात्रा पर हैं। उन्होंने अपने बांग्लादेशी समकक्ष लेफ्टिनेंट जनरल वेकर-उज-जमान, मुख्य कर्मचारी अधिकारी, सशस्त्र बल डिवीजन के साथ बैठक की सह-अध्यक्षता की। बयान में कहा गया, दोनों पक्षों ने बढ़ती रक्षा सहयोग गतिविधियों पर संतोष व्यक्त किया। वार्ता में मौजूदा द्विपक्षीय अभ्यासों पर चर्चा हुई। गिरिधर अरामाने और लेफ्टिनेंट जनरल वेकर-उज-जमान के बीच सार्थक बातचीत हुई और इस बात पर जोर दिया कि दोनों देश पांचवीं वार्षिक रक्षा वार्ता में बनी आम समझ के आधार पर निरंतर जुड़ाव की उम्मीद कर रहे हैं। बयान में आगे कहा गया, दोनों देशों की सशस्त्र सेनाएं कई क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग की संभावना जारी रखेंगी और बढ़ते मेलजोल दोनों देशों के संबंधों के भविष्य के लिए एक सकारात्मक संकेत हैं।रक्षा मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में कहा, भारत और बांग्लादेश के बीच वार्षिक रक्षा वार्ता दोनों देशों के बीच सर्वोच्च संस्थागत संवादात्मक तंत्र है। बातचीत में दोनों देशों ने दोनों सशस्त्र बलों के बीच संबंधों के भविष्य के कार्यक्रम को निर्धारित करने में इसके महत्व पर प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान दोनों देशों ने चल रहे रक्षा सहयोग की भी समीक्षा की। भारतीय और बांग्लादेशी तटरक्षक ने सोमवार को क्षेत्रीय कमांडर स्तर की एक बैठक की।जानकारी के अनुसार भरतीय और बांग्लादेशी तटरक्षकों ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए आयोजित यह बैठक क्रमशः 2015 और 2017 में हस्ताक्षर किये गये सहमति पत्र (एमओयू) के प्रावधानों तथा मानक संचालन प्रक्रिया के तहत की गई। अधिकारी ने बताया कि बैठक में सीमा पार मछली पकड़ने के बारे में मछुआरों को जागरूक करने, सूचना साझा करने और क्षमता निर्माण जैसे समुद्री मुद्दों पर चर्चा की गई। वहीं, वित्त मंत्रालय ने एक आधिकारिक विज्ञप्ति में बताया कि भारत और बांग्लादेश के बीच दो दिवसीय संयुक्त सीमा शुल्क समूह (जेजीसी) की बैठक नई दिल्ली में आयोजित की गई, जहां दोनों पक्षों ने सीमा शुल्क सहयोग और सीमा पार व्यापार सुविधा से संबंधित मुद्दों पर चर्चा की।
बैठक की सह-अध्यक्षता सदस्य (सीमा शुल्क), केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर और सीमा शुल्क बोर्ड, भारत और सदस्य (सीमा शुल्करू लेखापरीक्षा, आधुनिकीकरण और अंतर्राष्ट्रीय व्यापार), राष्ट्रीय राजस्व बोर्ड, बांग्लादेश द्वारा की गई जिसमें दोनों देशों ने कई द्विपक्षीय मुद्दों पर चर्चा की। इनमें नए भूमि सीमा शुल्क स्टेशन खोलना, बंदरगाह प्रतिबंधों में ढील देना, सड़क और रेल बुनियादी ढांचे का विकास, सीमा शुल्क डाटा का आगमन-पूर्व आदान-प्रदान और सीमा शुल्क सहयोग पर एक द्विपक्षीय समझौता शामिल हैं।

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