सीपी राधाकृष्णन नए उपराष्ट्रपति

राजनीति मंे भी अजब-गजब के हालात पैदा होते रहते हैं। अभी 9 सितम्बर 2025 को देश के 15वें उपराष्ट्रपति का चुनाव हुआ। सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन ने विपक्ष के संयुक्त प्रत्याशी पूर्व न्यायाधीश बी. सुदर्शन रेड्डी को पराजित कर दिया। एनडीए के पास सुनिश्चित बहुमत था और उसके प्रत्याशी की जीत भी निश्चित मानी जा रही थी लेकिन इस बीच चर्चा इस बात पर ज्यादा होती रही कि पूर्व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने पद क्यों छोड़ा? कुछ लोग धनखड़ के स्वास्थ्य कारणों को अपर्याप्त मान रहे थे और तर्क दे रहे थे कि उपराष्ट्रपति पद पर संघ के किसी विश्वस्त को बैठाना है। भारत के 15वें उपराष्ट्रपति सीपी राधाकृष्णन आरएएस से ही भारतीय जनसंघ मंे भेजे गये थे। हो सकता है कि राष्ट्रपति पद तक उनकी यात्रा जारी रहे। इस सवाल को भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष से भी जोड़ा जा रहा है। राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव अब होना है और संघ प्रमुख मोहन भागवत ने भाजपा को इसके लिए हरी झंडी दे दी है। बहरहाल, उपराष्ट्रपति के चुनाव मंे जिस तरह विपक्ष बिखरा नजर आया, उससे विपक्षी दलों के महागठबंधन इंडिया की मजबूती की संभावनाएं दूर-दूर तक नहीं दिख रही हैं। इस बार उपराष्ट्रपति चुनाव में कुल मतदाता 781 थे जिनमें 767 ने ही वोट डाले। इनमंे भी 15 वोट अमान्य हो गये। एनडीए के प्रत्याशी सीपी राधाकृष्णन को 452 मत मिले जबकि विपक्ष के बी. सुदर्शन रेड्डी को सिर्फ 300 मत मिल पाए। माना जा रहा है कि 12 से 15 सांसदों ने क्रास वोटिंग की है जो विपक्ष के ही हो सकते हैं।
बहरहाल एनडीए उम्मीदवार सीपी राधाकृष्णन देश के अगले उपराष्ट्रपति चुने गए हैं। उपराष्ट्रपति पद के लिए हुए चुनावों में उनके हक में कुल 452 वोट पड़े। उपराष्ट्रपति चुनाव के निर्वाचन अधिकारी पीसी मोदी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि कुल 767 सांसदों ने उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट दिया। इनमें से 752 वैलिड थे और बाकी 15 अमान्य करार दिए गए। उनके सामने विपक्षी पार्टियों के साझा उम्मीदवार के तौर पर सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जस्टिस बी सुदर्शन रेड्डी चुनौती पेश कर रहे थे। हालांकि, संख्या बल एनडीए के हक में रहने की वजह से सीपी राधाकृष्णन का जीतना पहले से तय माना जा रहा था। लेकिन ऐसी भी अटकलें थी कि क्रॉस वोटिंग हो सकती है।
बी. सुदर्शन रेड्डी को 300 फस्र्ट प्रेफरेंस वोट मिले और सीपी राधाकृष्णन को 452 वोट हासिल हुए। पीसी मोदी ने कहा कि उपराष्ट्रपति चुनाव के नियमों के मुताबिक, सीपी राधाकृष्णन को उपराष्ट्रपति चुना गया है।
महाराष्ट्र राजभवन की वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार, 20 अक्तूबर 1957 को तमिलनाडु के तिरुप्पुर में जन्मे सी पी राधाकृष्णन ने बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन में स्नातक की डिग्री हासिल की। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के स्वयंसेवक के रूप में शुरुआत करके वे 1974 में भारतीय जनसंघ की राज्य कार्यकारिणी समिति के सदस्य बने। उन्हें 1996 में तमिलनाडु में बीजेपी का सचिव नियुक्त किया गया। इसके बाद वह कोयंबटूर से लोकसभा सांसद बने। सांसद रहते हुए वे संसदीय स्थायी समिति (कपड़ा मंत्रालय) के अध्यक्ष रहे। इसके अलावा सी पी राधाकृष्णन स्टॉक एक्सचेंज घोटाले की जांच के लिए बनी विशेष संसदीय समिति के सदस्य थे।
उनका सफर आगे बढ़ा और 2004 में सी.पी. राधाकृष्णन ने संसदीय प्रतिनिधिमंडल के हिस्से के रूप में संयुक्त राष्ट्र महासभा को संबोधित किया। वे ताइवान जाने वाले पहले संसदीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्य भी थे। सन् 2016 में उन्हें कोच्चि स्थित कॉपर बोर्ड का अध्यक्ष बनाया गया, जहाँ उन्होंने चार साल तक काम किया। उनके नेतृत्व में भारत से नारियल रेशा का निर्यात 2532 करोड़ रुपये के रिकॉर्ड स्तर तक पहुँच गया। सन् 2020 से 2022 तक राधाकृष्णन बीजेपी के केरल प्रभारी थे।
उप राष्ट्रपति का चुनाव परोक्ष होता है, जिसके निर्वाचक मंडल यानी इलेक्टोरल कॉलेज में राज्यसभा और लोकसभा के सांसद शामिल होते हैं। राष्ट्रपति चुनाव में चुने हुए सांसदों के साथ विधायक भी मतदान करते हैं लेकिन उप राष्ट्रपति चुनाव में लोकसभा और राज्यसभा के सांसद ही वोट डाल सकते है। खास बात यह है कि दोनों सदनों के लिए मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव में मतदान नहीं कर सकते लेकिन वे उप राष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग कर सकते हैं। उप राष्ट्रपति का कार्यकाल पूरा हो जाने के 60 दिनों के अंदर चुनाव कराना जरूरी होता है। इसके लिए चुनाव आयोग एक निर्वाचन अधिकारी नियुक्त करता है जो मुख्यतः किसी एक सदन का महासचिव होता है।
निर्वाचन अधिकारी चुनाव को लेकर पब्लिक नोट जारी करता है और उम्मीदवारों से नामांकन मंगवाता है। उप राष्ट्रपति पद के लिए चुनाव लड़ने के लिए उम्मीदवार के पास 20 प्रस्तावक और कम से कम 20 अन्य अनुमोदक होने चाहिए। प्रस्तावक और अनुमोदक राज्यसभा और लोकसभा के सदस्य ही हो सकते है। उम्मीदवार को 15 हजार रुपए भी जमा कराने होते हैं। इसके बाद निर्वाचन अधिकारी नामांकन पत्रों की जांच करता है और योग्य उम्मीदवारों के नाम बैलट में शामिल किए जाते हैं।
कोई व्यक्ति भारत का उप राष्ट्रपति चुने जाने के लिए तभी योग्य होगा जब वह कुछ शर्तों को पूरा करता हो। जैसे, उसे भारत का नागरिक होना चाहिए, उम्र 35 साल से कम नहीं होनी चाहिए और वह राज्यसभा के लिए चुने जाने की योग्यताओं को पूरा करता हो। अगर कोई भारत सरकार या किसी राज्य की सरकार के अधीन कोई लाभ का पद रखता है तो वह उप राष्ट्रपति चुने जाने के योग्य नहीं होगा।
उपराष्ट्रपति पद से इस्तीफे के करीब 50 दिन बाद जगदीप धनखड़ ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। उन्होंने अपने उत्तराधिकारी सी.पी. राधाकृष्णन को बधाई दी है। एनडीए कैंडिडेट सीपी राधाकृष्णन ने उपराष्ट्रपति चुनाव में अपने प्रतिद्वंद्वी विपक्षी गठबंधन
इंडिया के उम्मीदवार सुदर्शन रेड्डी को शिकस्त दी। धनखड़ के इस्तीफा देने पर ही उपराष्ट्रपति चुनाव समय से पहले कराया गया। अब एनडीए कैंडिडेट की जीत पर धनखड़ ने रिएक्ट किया है।
सीपी राधाकृष्णन को बधाई देते हुए धनखड़ ने कहा कि उपराष्ट्रपति का पद उनके विशाल अनुभव के साथ और भी गौरव प्राप्त करेगा। ध्यान रहे 21 जुलाई को संसद के मॉनसून सत्र के पहले दिन पद छोड़ने के बाद धनखड़ का यह पहला सार्वजनिक बयान था। राधाकृष्णन को लिखे पत्र में धनखड़ ने कहा कि दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र और मानवता के छठे हिस्से का घर माना जाने
वाला भारत दुनिया का सबसे बड़ा लोकतंत्र है। भारत के उपराष्ट्रपति के तौर पर आपके चुने जाने पर हार्दिक बधाई।
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)