ईरान के सिर्फ एक न्यूक्लियर सेंटर को पहुंची थी क्षति

ईरान के न्यूक्लियर साइट पर हुए हमले को लेकर अब नई जानकारी सामने आई है। पिछले महीने तीन साइट्स पर बंकर बस्टर बमों से हमला किया गया था। इससे जुड़ी एक खुफिया रिपोर्ट अब सामने आ रही है, जिसने ईरान के परमाणु कार्यक्रम पर हुए अमेरिकी हमलों की असल तस्वीर साफ कर दी है। रिपोर्ट बताती है कि पिछले महीने अमेरिकी हवाई हमलों में केवल एक फोर्दो अंडरग्राउंड साइट को ही गंभीर नुकसान पहुंचा है। इस ठिकाने पर हमला इतना प्रभावी रहा कि वहां यूरेनियम संवर्धन गतिविधियां तकरीबन दो साल तक ठप हो सकती हैं।
रिपोर्ट में दावा किया गया है कि ईरान के इस्फहान और नतांज स्थित अन्य दो परमाणु स्थलों को कम नुकसान पहुंचा है और ईरान इन दोनों जगहों पर अगले कुछ महीनों में गतिविधियां फिर से शुरू कर सकता है। इन हमलों को लेकर अमेरिका और इजरायल के बीच लगातार चर्चा चल रही है और अगर ईरान जल्द बातचीत के लिए राजी नहीं होता या न्यूक्लियर साइट को फिर बनाने की कोशिश करता है तो नतांज और इस्फहान पर दोबारा हमले की योजना भी बनाई जा सकती है। रिपोर्ट के मुताबिक, यह हमले जून में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के आदेश पर किए गए थे। ट्रंप को उस वक्त ईरान के छह न्यूक्लियर ठिकानों पर हफ्तों तक लगातार हमला करने का विकल्प भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने इसे सीमित रखते हुए केवल तीन ठिकानों पर एकबारगी हमले को मंजूरी दी। ईरान ने साफ किया है कि उसका न्यूक्लियर प्रोग्राम पूरी तरह से नागरिक उपयोग के लिए है लेकिन अमेरिका और इजरायल का मानना है कि तेहरान परमाणु हथियार बनाने की दिशा में काम कर रहा है। अमेरिका को यह भी संदेह है कि ईरान ने हमले से पहले अपने उच्च-ग्रेड यूरेनियम का बड़ा स्टॉक फोर्दो से निकालकर कहीं और छिपा दिया।