खेल-खिलाड़ी

बेटियों ने रचा एक और इतिहास

हमारे देश में सावित्री, सीता से शुरू हुई बेटियों की शेहरत रानी लक्ष्मीबाई तक हर क्षेत्र मंे छायी रही है। बेटियों को बोझ समझने वाले और कोख मंे ही उनकी हत्या करने वालों को अब तो समझ आ ही जानी चाहिए कि बेटियां बेटों से किसी भी स्तर पर कम नहीं है। आज हमारे देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद पर द्रौपदी मुर्मू राष्ट्रपति के रूप में बिराजमान हैं तो बेटियां राफेल जैसा लड़ाकू विमान भी उड़ा रही हैं। खेल के क्षेत्र मंे भारत की बेटियों ने एक नया इतिहास रचा है। महिला क्रिकेट विश्व कप में पहली बार हरमनप्रीत कौर के नेतृत्व में बेटियों ने विश्व चैम्पियन बनकर देश का सम्मान बढ़ाया है। दक्षिण अफ्रीका को विश्वकप में बल्ले और गेंद दोनों से धूल चटाने के बाद हरमन प्रीत कौर और स्मृति मंधाना के साथ सभी खिलाड़ियों ने महिला वल्र्ड कप की ट्राफी के साथ जश्न मनाते हुए नया गीत गाया। यह गीत उन सभी बेटियों को प्रोत्साहित करेगा जो खेलने में रुचि रखती हैं।
भारतीय महिला टीम द्वारा नया गीत इस प्रकार है-
टीम इंडिया-टीम इंडिया
कर दें सबकी हवा टाइट
टीम इंडिया हियर टू फाइट
कोई भी ना लेता हमको लाइट
हमारा फ्यूचर है ब्राइट
साथ में चलेंगे, साथ मंे उठेंगे
हम हैं टीम इंडिया, साथ में जीतेंगे
कोई भी न लेता हमसे पंगा
रहेगा सबसे ऊपर हमारा तिरंगा
हम हैं टीम इंडिया
हम हैं टीम इंडिया।
यह गीत बताता है कि खेलने मंे टीम वर्क की भावना कितना महत्व रखती है और हम अपने लिए नहीं देश के लिए खेलते हैं। हमारे खेल से देश का सम्मान जुड़ा होता है। इसलिए महिला विश्व कप मंे भारत की सभी खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया।
भारतीय टीम ने 2 नवम्बर को साउथ अफ्रीका को 52 रनों से हराकर पहली बार महिला वर्ल्ड कप का खिताब जीत लिया। फाइनल मैच में भारत की गेंदबाजों और बल्लेबाजों ने कमाल का प्रदर्शन किया। भारतीय टीम ने कड़ी मेहनत और हौसले के दम पर फाइनल में जीत दर्ज की। पहले बैटिंग करते हुए टीम ने 298 रन बनाए। इसके बाद साउथ अफ्रीका की टीम 246 रनों पर सिमट गई।भारत ने पहले बैटिंग करते हुए शेफाली वर्मा (78 गेंद में 87 रन) और दीप्ति शर्मा (58 रन) के अर्धशतक की बदौलत सात विकेट पर 298 रन बनाए। शेफाली ने वनडे में अपनी सर्वश्रेष्ठ पारी के दौरान सात चैके और दो छक्के लगाए। दीप्ति ने 58 गेंद में तीन चैके और एक छक्का जड़ा। सलामी बल्लेबाज स्मृति मंधाना ने 45 रन और विकेटकीपर बल्लेबाज ऋचा घोष ने 34 रन का योगदान दिया।
भारत इस वक्त क्रिकेट की दुनिया का सिरमौर बना हुआ है। एक वक्त ऐसा भी था, जब टीम इंडिया एक एक आईसीसी खिताब के लिए तरस रहा थी, लेकिन पिछले कुछ वक्त से इसमें बदलाव आया है। महिला क्रिकेट टीम ने वनडे विश्व कप का खिताब जीतकर इसमें और भी चार चांद लगा दिए हैं। इस वक्त भारत के पास तीन आईसीसी के खिताब हैं, जो अपने आप में कमाल की बात है। भारतीय महिला क्रिकेट टीम को अपना पहला वनडे विश्व कप जीतने में लंबा समय लग गया। साल 1973 में पहला विश्व कप खेला गया था, तब से लेकर अब तक कई महिला खिलाड़ी आए और चले गए, सभी की एक ही हसरत रही कि विश्व कप जीता था, लेकिन वो पूरी नहीं हो पाई। दो बार तो टीम इंडिया खिताब के बिल्कुल करीब पहुंचकर चूकी है। यानी फाइनल तक का तो सफर तय किया, लेकिन ट्रॉफी दूर रह गई। इस जीत के साथ ही मौजूदा वक्त में भारत के पास तीन आईसीसी के खिताब हो गए हैं। जो ये बताने के लिए काफी हैं कि क्रिकेट की दुनिया में इस वक्त भारत का राज चल रहा है। साल 2024 में भारत ने रोहित शर्मा की कप्तानी में टी20 विश्व कप का खिताब अपने नाम किया था। पुरुष टी20 विश्व कप की चैंपियन टीम इस वक्त भारत ही है। इसके बाद साल 2025 के शुरुआत में भारत ने फिर से रोहित शर्मा की कप्तानी में आईसीसी का खिताब जीत लिया। इस बार चैंपियंस ट्रॉफी पर टीम ने कब्जा किया। इसके साथ ही दो खिताब भारत के पास आ चुके थे। अब हरमनप्रीत ने उस कमी को भी पूरा कर दिया कि महिला क्रिकेट टीम के पास कोई खिताब नहीं था। उम्मीद की जानी चाहिए कि इसी तरह का सिलसिला आगे भी जारी रहेगा और टीम इंडिया कुछ और आईसीसी की ट्रॉफी अपने नाम करने में कामयाब होगी।
इस बीच मैच के दौरान एक ऐसा कैच लिया गया, जो आने वाले कई साल तक या फिर यूं कहें की युगों तक याद रखा जाएगा तो गलत नहीं होगा। हरमनप्रीत कौर की कप्तानी में भारतीय महिला टीम ने जो कारनामा किया, वो आसान नहीं था। उस वक्त सभी की पेशानी पर बल थे, जब पता चला कि टीम इंडिया का सेमीफाइनल ऑस्ट्रेलिया से होगा। यही वो मैच था, जो टीम इंडिया के लिए सबसे कठिन था। ये बाधा भी भारत ने पार कर ली। इसके बाद सजा फाइनल का मंच और सामने थी साउथ अफ्रीका की मजबूत टीम। पहले बल्लेबाजी करते हुए भारतीय टीम ने 298 रन बना दिए। वैसे तो ये स्कोर काफी था, लेकिन साउथ अफ्रीका को भी हल्के में नहीं लिया जा सकता था। भले ही लक्ष्य का पीछा करने उतरी साउथ अफ्रीका के विकेट एक छोर से गिरते रहे हों, लेकिन कप्तान लौरा वोल्वार्ड्ट शानदार खेल दिखा रही थीं। ऐसा लग रहा था कि विश्व कप की ट्रॉफी और भारत के बीच यही वो खिलाड़ी है, जो दीवार बनकर खड़ी है। पहले उन्होंने अपना शतक पूरा किया, लेकिन जैसे ही अपनी पारी को आगे बढ़ाने की कोशिश की, दीप्ति शर्मा ने उन्हें अपना शिकार बना लिया। लौरा वोल्वार्ड्ट को आउट करने के लिए अमनजोत कौर ने एक शानदार कैच लपका और इसी के साथ तय हो गया कि अब कुछ ही देर बाद टीम इंडिया वल्र्ड कप चैंपियन बन जाएगी।(एस.सी. मिश्रा-हिफी फीचर)

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