लेखक की कलमसम-सामयिक

लोकतांत्रिक व्यवस्था और प्रदर्शन

 

रवींद्रनाथ टैगोर महान संत रामकृष्ण परमहंस और युवाओं के प्रणेता स्वामी विवेकानंद के प. बंगाल में जो कुछ हो रहा है वह न सिर्फ शर्मनाक है वरन सत्ता की कानून व्यवस्था पर नाकामी और अराजकता का नंगा नाच भी है। आप गौर करें कि किसी भी राज्य व्यवस्था में नागरिकों को शान्ति पूर्ण विरोध व्यक्त करने का संवैधानिक अधिकार है। पश्चिम बंगाल में महिला ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस के हत्यारों को फांसी और राज्य की मुख्यमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर सचिवालय भवन नबन्ना पर प्रदर्शन करने निकले छात्रों पर सियासत की लाठी चली टियर गैस छोड़ी गई और वाटरकैनन से सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को चोटिल कर दिया गया और सैकड़ों प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार कर लिया गया। विरोध मंे भाजपा ने बारह घंटे बंद का आह्वान किया तो प्रदर्शन में शामिल होने जा रहे एक भाजपा नेता प्रियंगु पांडे पर बम फेंका गया और छह राउंड गोली चलाई गई। इस से आप प।बंगाल की कानून व्यवस्था का अंदाजा लगा सकते हैं।

कोलकाता में ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर केस में छात्र संगठनों के प्रोटेस्ट मार्च के बाद भाजपा ने 28 अगस्त को 12 घंटे का बंगाल बंद बुलाया था। बंद के दौरान कई जिलों में पुलिस और भाजपा समर्थकों के बीच झड़प हुई। कई नेताओं-वर्कर्स को हिरासत में लिया गया है।

नॉर्थ 24 परगना जिले के भाटपारा में भाजपा नेता प्रियंगु पांडे की कार पर फायरिंग हुई। प्रियंगु ने बताया टीएमसी के लगभग 50-60 लोगों ने हमला किया। गाड़ी पर 6-7 राउंड फायरिंग की और बम फेंके गए। ड्राइवर समेत दो लोगों को गोली लगी है। नादिया और मंगलबाड़ी चैरंगी में भाजपा और टीएमसी कार्यकर्ताओं के बीच झड़प हुई। टीएमसी समर्थकों ने भाजपाइयों पर लाठी-डंडे से हमला किया। बनगांव और बारासात दक्षिण में ट्रेनें रोकी गईं। भाजपा 27 अगस्त को कोलकाता में छात्र प्रदर्शनकारियों पर लाठीचार्ज और उन्हें हिरासत में लेने का विरोध कर रही थी।

उधर डाॅकटर भी कोलकाता रेप-मर्डर केस के विरोध में सड़कों पर उतरे। वेस्ट बंगाल जूनियर डॉक्टर्स फ्रंट के बैनर तले डॉक्टर्स ने श्यामबाजार से धरमतला तक मार्च निकाला।हालांकि मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने धमकाने भरे लहजे में डाक्टरों से काम पर वापस लौटने की अपील की। कलकत्ता हाईकोर्ट ने भाजपा के बंगाल बंद को चुनौती देने वाली जनहित याचिका खारिज कर दी। बंगाल भाजपा प्रमुख सुकांत मजूमदार ने राज्यपाल सीवी आनंद बोस को लेटर लिखा है। इसमें 27 अगस्त को हुए प्रदर्शन में पुलिस की ज्यादा सख्ती की बात कही है। चिट्ठी में लिखा कि नबन्ना अभिजान प्रोटेस्ट के दौरान कई लोगों को हिरासत में लिया गया। पुलिस की इस कार्रवाई को लोकतंत्र के मूल्यों के हिसाब से कतई नहीं कहा जा सकता। मेरा आपसे निवेदन है कि इस पर तुरंत जरूरी कदम उठाएं। उधर, ममता बनर्जी के तेवर बहुत गरम रहे। उन्होंने कोलकाता की एक रैली में कहा था कि कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश से प्यार है। वे हमारी तरह बात करते हैं और हमारी संस्कृति भी एक जैसी है, लेकिन याद रखिए कि बांग्लादेश अलग देश है और भारत अलग देश है। मोदी बाबू कोलकाता के रेप-मर्डर केस में अपनी पार्टी का इस्तेमाल करके बंगाल में आग लगवा रहे हैं। अगर आपने बंगाल को जलाया तो असम, नॉर्थ-ईस्ट, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे। बंगाल बंद पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि सीबीआई को रेप-मर्डर केस की जांच सौंपे 16 दिन बीत गए हैं। कहां है न्याय ? ममता बनर्जी ने कहा- भाजपा बंगाल को बदनाम कर रही है। भाजपा ने कभी भी उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश और मणिपुर के मुख्यमंत्रियों के इस्तीफे की मांग नहीं की।

बीजेपी के बंद का असर कोलकाता में सड़कों पर नजर आया। जरूरी सेवाओं को छोड़कर सभी दूसरी सर्विसेस बंद हैं। ट्रेनों को रोकने के लिए बीजेपी वर्कर्स ट्रैक पर आ गए। दुकानें बंद करा दी गईं। सड़कों पर प्रदर्शन शुरू हो गए। हुगली, कटवा, सियालदह दक्षिण शाखा, मुर्शिदाबाद और कृष्णानगर में ट्रेन सेवाएं बाधित हो गई हैं। विभिन्न लाइनों पर लोकल ट्रेनों को रोक दिया गया है। सुबह-सुबह, भाजपा समर्थकों ने अपने बंद के हिस्से के रूप में हुगली स्टेशन पर रेल जाम कर दिया और पटरियों पर लेट गए। बीजेपी कार्यकर्ताओं ने बंदेल-हावड़ा लोकल ट्रेनों को बाधित किया। बैरकपुर में ट्रेनें रोकीं। जाहिर है प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं था।

बीजेपी के पुलिस ने बताया कि राज्यभर में 200 से अधिक लोगों को गिरफ्तार किया गया है। प्रदर्शनकारियों ने कई जगहों पर पुलिस पर पथराव किया और कांच की बोतलें फेंकी, जहां उन्हें (प्रदर्शनकारियों को) आगे बढ़ने से रोका गया। पुलिस ने बताया कि झड़पों में कोलकाता पुलिस के 15 और राज्य पुलिस बल के 14 जवान घायल हुए हैं। पुलिस ने उग्र भीड़ को तितर-बितर करने के लिए बड़े पैमाने पर लाठीचार्ज किया, पानी की बौछारें कीं और आंसू गैस के गोले दागे। हालात बद से बदतर हैं।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने भी प्रतिक्रिया दी है। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा, ष्मैं स्तब्ध और व्यथित हूं। कोई भी सभ्य समाज बेटियों और बहनों पर इस तरह के अत्याचारों की अनुमति नहीं दे सकता। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा, जब छात्र, डॉक्टर और नागरिक कोलकाता में विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। उस समय भी अपराधी दूसरी जगह शिकार की तलाश में घात लगाए हुए हैं। अब ये बहुत हो गया।

राष्ट्रपति मुर्मू ने महिलाओं के खिलाफ अपराधों पर कहा, समाज को ईमानदारी, निष्पक्षता के साथ आत्म-विश्लेषण करने की जरूरत है। लोगों को खुद से कुछ कठिन सवाल पूछने होंगे। अक्सर घृणित मानसिकता वाले लोग महिलाओं को अपने से कम समझते हैं। वे महिलाओं को कम शक्तिशाली, कम सक्षम, कम बुद्धिमान के रूप में देखते हैं। राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा- अब समय आ गया है कि भारत अपने इतिहास का पूरी तरह से सामना करे। हमें जरूरत है कि इस विकृति का सब मिलकर सामना करें, ताकि इसे शुरुआत में ही खत्म कर दिया जाए। (हिफी)

(मनोज कुमार अग्रवाल-हिफी फीचर)

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