कारोबार

इलेक्ट्रिक वाहनों के बावजूद पेट्रोल-डीजल की बढ़ी खपत

बीते कुछ समय में इलेक्ट्रिक वेहिकल के बढ़े इस्तेमाल के बावजूद पेट्रोल- डीजल की खपत में तेज उछाल दर्ज किया गया है। वहीं, विमानन ईंधन एटीएफ की बिक्री में भी तेजी दर्ज की गई है। एलपीजी खपत में बढ़ोत्तरी आई है। वहीं, रिफाइंड ईंधन का इस्तेमाल बढ़ा है, जिससे खपत आंकड़े ऊपर जा रहे हैं।

तेल मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार गतिशीलता और आर्थिक गतिविधियों में वृद्धि के कारण पिछले साल की तुलना में अगस्त में डीजल की खपत 5 फीसद बढ़ी गई है। जबकि, पेट्रोल की खपत में 3 फीसद की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई है। इसी तरह जेट ईंधन की बिक्री एक साल पहले की तुलना में 14 फीसद बढ़ी। वहीं, लिक्विड पेट्रोलियम गैस की खपत अगस्त में 3 फीसद बढ़ोत्तरी आई है। आंकड़े बताते हैं कि रिफाइंड फ्यूल की कुल खपत अगस्त में एक साल पहले की तुलना में 6.5 फीसद बढ़ गई है।

अगस्त में पेट्रोल और डीजल की बिक्री में बढ़ोतरी मुख्य रूप से निजी ईंधन खुदरा विक्रेताओं के कारण हुई है। इंडियन ऑयल, भारत पेट्रोलियम और हिंदुस्तान पेट्रोलियम जैसे राज्य ईंधन खुदरा विक्रेताओं ने मिलकर पिछले साल की तुलना में अगस्त में 2.9 फीसद कम डीजल और 0.4 फीसद अधिक पेट्रोल बेचा है। रिलायंस-बीपी और रोसनेफ्ट समर्थित नायरा जैसे निजी क्षेत्र के खुदरा विक्रेताओं ने पिछले साल अपनी रिटेल सेल कम कर दी थी, क्योंकि राज्य द्वारा संचालित कंपनियों ने बाजार से कम दरों पर ईंधन बेचने का फैसला किया था। निजी क्षेत्र के खुदरा विक्रेता अब बाजार हिस्सेदारी हासिल कर रहे हैं।

हवाई यातायात बढ़ने से अगस्त में जेट ईंधन की बिक्री मजबूत रही है। जेट ईंधन की बिक्री अपने कोविडकाल के निम्न स्तर से उबर गई है और अगस्त की बिक्री 2019 के इसी महीने की तुलना में 1।5ः अधिक दर्ज की गई है। वहीं, डीजल, जिसका माल परिवहन से लेकर खनन और खेती तक व्यापक उपयोग होता है, देश की तेल मांग का लगभग 40ः खपत डीजल की होती है।

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button