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देवेन वर्मा ने अपने अभिनय से भरपूर हंसाया

एक्टिंग की दुनिया में आने से पहले देवेन वर्मा स्टेज शो किया करते थे। एक बार इसी तरह के एक शो के दौरान बी।आर। चोपड़ा ने उन्हें देखा और अपनी फिल्म‘धर्मपुत्र’ में उन्हें काम दे दिया। इस फिल्म के लिए उन्हें 600 रुपये का मेहताना मिला था। साल 1980 में तो देवेन रेखा और जितेंद्र के साथ एक बड़ी हिट में काम किया था।
लोगों को पर्दे पर ठहाके लगाने को मजबूर कर देना वाले देवेन कि पर्दे पर कॉमेडी की भी एक मर्यादा होती है। उनका मानना था कि दूसरों को हंसाने के लिए हमें इतना नहीं गिरना चाहिए कि हम खुद से ही नजरें न मिला सकें। ‘अंगूर’, ‘गोलमाल’, ‘खट्टा मीठा’, ‘चोर के घर चोर’, ‘चोरी मेरा काम’, ‘कोरा कागज’ जैसी कई सुपरहिट फिल्मों में नजर आ चुके देवेन इस दुनिया का सबसे कठिन काम करते थे। वो था किसी के जख्मों पर मरहम लगाना, गुदगुदाना और किसी रोते को हंसाना। आज भले ही वह इस दुनिया में नहीं हैं, मगर उनकी गुदगुदाहट आज भी जिंदा है। देवेन वर्मा हिंदी फिल्मों के बेहद लोकप्रिय कॉमेडियन और अभिनेता थे। उनका जन्म बलदेव सिंह वर्मा और सरला देवी के घर हुआ था। उनके पिता राजस्थानी और मां गुजराती थी। पर्दे पर शानदार एक्टिंग, हंसाना हो या फिर अपना जादू छोड़ना, वह किसी में भी पीछे नहीं हटते थे। एक शानदार अभिनेता होने के साथ ही वह फिल्म निर्माता भी थे। देवेन वर्मा ने अंगूर में काम किया, जो 1982 में आई थी, वह 1979 में आई फिल्म गोलमाल, खट्टा मीठा, नास्तिक, के साथ रंग बिरंगी, अंदाज अपना-अपना के साथ दिल तो पागल है में भी नजर आए थे। ‘चोरी मेरा काम’ में काम करने के बाद से तो वह इंडस्ट्री का बड़ा नाम बन चुके थे। अब वह कॉमेडी के लिए मेकर्स की पहली पसंद बन गए थे। उनके करियर में एक वक्त तो ऐसा भी आया, जब एक साथ 16 फिल्मों की शूटिंग कर रहे थे। वह 23 अक्टूबर 1937 को पैदा हुए थे और 2 दिसम्बर 2014 को विदा हो गये। (हिफी)

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