प्यार नहीं मीना कुमारी की इज्जत करते थे धर्मेन्द्र

धर्मेंद्र की एक क्लासिक फिल्म है- शालीमार। अपने जमाने की सुपरहिट एक्शन थ्रिलर। सन् 1978 की इस फिल्म में किशोर कुमार का एक गाना था- हम बेवफा हरगिज न थे, पर हम वफा कर ना सके सालों बाद जब हम धर्मेंद्र और मीना कुमारी के रिश्ते और मोहब्बत की बात करते हैं तो इस गाने की याद आती है। मीना कुमारी के गुजरने के बाद धर्मेंद्र से कई बार उनके चाहने वालों और पत्रकारों ने उनके इस रिश्ते का राज जानना चाहा तो उन्होंने हर बार यही कहा- मुझ पर मीना जी से बेवफाई के इल्जाम गलत हैं। मैंने मीना जी को धोखा नहीं दिया। हमारे रिश्ते को लेकर लोगों में बहुत-सी गलतफहमियां हैं। आखिर उन्होंने ऐसा क्यों कहा? जबकि दोनों साथ-साथ भी रहे। यह बात भी एक राज है। सन् 1960 में जब धर्मेंद्र फिल्मों में आए- उसके दो साल बाद ही उन दोनों को कई फिल्मों में देखा गया। इन फिल्मों में धर्मेंद्र अभिनेता होते, तो मीना कुमारी अभिनेत्री। इस बीच एक समय ऐसा भी आया जब मीना कुमारी डायरेक्टर्स के सामने शर्त रखतीं- वो तभी काम करेंगी जब उसमें हीरो धर्मेंद्र होंगे। अब मीना को हीरोइन लेना है तो यह शर्त माननी भी पड़ती थी। कहा तो यहां तक जाता है कि मीना कुमारी अपने हीरो धर्मेंद्र के बिना रह नहीं सकती थीं। दरअसल मीना कुमारी की धर्मेंद्र के साथ नजदीकियां तब बढ़ने लगीं, जब मीना का कमाल अमरोही से बकायदा तलाक हो चुका था। मीना और कमाल की मुलाकात अशोक कुमार ने करवाई थी। दोनों ने निकाह भी किया लेकिन दोनों का रिश्ता लंबे समय तक नहीं निभा। सन् 1964 में दोनों अलग-अलग हो चुके थे। मीना अब अकेली थीं। धर्मेंद्र के साथ लगातार फिल्में करने की वजह से दोनों एक-दूसरे के बहुत करीब आए। धर्मेंद्र पहले से ही शादीशुदा थे। दरअसल धर्मेंद्र ने अक्सर यह जवाब दिया है कि संघर्ष के दिनों में मीना कुमारी जी का सहयोग जरूर मिला लेकिन उनसे कभी प्यार नहीं किया। इसलिए शादी का कोई प्रश्न ही नहीं उठता। (हिफी)



