उत्तर प्रदेश

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा आयोजित शुगर मिल इकाइयों के साथ संवाद कार्यक्रम संपन्न

चीनी मिलें उन्नत अपशिष्ट उपचार संयंत्र, उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली और ईंधन खपत तकनीकों का करें उपयोग: डॉ. आर.पी. सिंह

  • औद्योगिक विकास और पर्यावरण संरक्षण में संतुलन सरकार की प्राथमिकता
  • प्रदेश की 133 चीनी मिलें राज्य को बनाती है देश का अग्रणी चीनी उत्पाद

लखनऊ: उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ. आर.पी. सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड ने आज अपने कार्यालय भवन में प्रदेश की 133 शुगर मिल इकाइयों के प्रतिनिधियों के साथ एक महत्वपूर्ण संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया। इस अवसर पर डॉ. आर.पी. सिंह ने कहा कि चीनी उद्योग की उत्तर प्रदेश की अर्थव्यवस्था और सामाजिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका है। प्रदेश की 133 चीनी मिलें राज्य को देश का अग्रणी चीनी उत्पादक बनाती हैं। ये इकाइयाँ लाखों किसानों और श्रमिकों को रोजगार प्रदान करती हैं, ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाती हैं और राज्य की जीडीपी में उल्लेखनीय योगदान देती हैं।

उन्होंने चीनी मिलों का आह्वान किया कि वे नवीनतम तकनीकों जैसे उन्नत अपशिष्ट उपचार संयंत्र (एफ्लुएंट ट्रीटमेंट प्लांट), उत्सर्जन नियंत्रण प्रणाली और ईंधन खपत तकनीकों का उपयोग करें। उन्होंने 2018 के चार्टर-1.0 की सफलता का उल्लेख करते हुए नवीन चार्टर-2.0 को भी प्रभावी ढंग से लागू करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि विकास के साथ-साथ सतत विकास (सस्टेनेबल डेवलपमेंट) को प्राथमिकता देना आवश्यक है। हमें उत्पादन और अपशिष्ट प्रबंधन में पर्यावरणीय संतुलन बनाए रखना होगा।

यूपीपीसीबी द्वारा समय-समय पर किए गए निवेश सुधारों पर चर्चा करते हुए उन्होंने आश्वासन दिया कि बोर्ड पर्यावरणीय अनुपालन और सहमति प्रक्रियाओं के माध्यम से उद्योगों को पूर्ण सहयोग प्रदान करेगा। यूपीएसएमए (UPSMA) के वरिष्ठ तकनीकी सलाहकार डॉ. यशपाल सिंह ने शुगर मिलों की समस्याओं, तकनीकी प्रयासों और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) द्वारा जारी चार्टर-2.0 के कार्यान्वयन पर विस्तार से जानकारी दी।

लखनऊ के क्षेत्रीय निदेशक श्री कमल कुमार ने चार्टर-2.0 की आवश्यकता और इसके उद्देश्यों पर प्रकाश डालते हुए इसके प्रमुख बिंदुओं को स्पष्ट किया। उन्होंने उद्योगों को सीपीसीबी की वेबसाइट नियमित रूप से जांचने और पर्यावरणीय नियमों का अनुपालन सुनिश्चित करने की सलाह दी। साथ ही, उन्होंने शुगर मिलों से अपने सुझाव और शिकायतें लिखित रूप में सीपीसीबी को भेजने का आग्रह किया।

कार्यक्रम में मुख्य पर्यावरण अधिकारी श्री प्रवीण कुमार, तकनीकी परामर्श अधिकारी श्री प्रदीप शर्मा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। यूपीपीसीबी के मुख्य विधि अधिकारी श्री अनुज चौबे ने सभी प्रतिनिधियों का धन्यवाद व्यक्त किया और उद्योगों तथा बोर्ड के वैधानिक दायित्वों के बारे में जानकारी दी। अंत में, मुख्य पर्यावरण अधिकारी (प्रशासन) श्री रामगोपाल ने भविष्य में भी इस तरह के संवाद कार्यक्रम आयोजित करने की प्रतिबद्धता जताई और कार्यक्रम का समापन किया।

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