साल भर में डिजिटल फ्राड 194.48 फीसद बढ़े

डिजिटल पेमेंट बढ़ने के साथ ही डिजिटल फ्रॉड के मामले भी बढ़ते जा रहे हैं। केवल एक साल में ही ऐसे मामलों में 194.48 प्रतिशत की चैंकाने वाली वृद्धि हुई। अब इन धोखाधड़ी को रोकने के लिए देश के दो बैंक आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की सहायता लेने वाले हैं।भारत में यूपीआई के आने के बाद से डिजिटल पेमेंट में तेजी आई है। उतनी ही तेजी डिजिटल फ्रॉड के मामलों में भी हुई है। भारतीय रिजर्व बैंक के अनुसार देश में डिजिटल धोखाधड़ी के मामले तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। आरबीआई के अनुसार साल 2024 में डिजिटल फ्रॉड की संख्या 36,014 करोड़ रुपये तक पहुंच गई। ये आंकड़े एक साल पहले 12,230 करोड़ रुपये थे। यानि केवल एक साल की ही अवधि में डिजिटल फ्रॉड के मामले 194.48 प्रतिशत बढ़ गएडिजिटल फ्रॉड रोकने के लिए दो बैंक अब आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आधारित सिस्टम पर काम कर रहे हैं। इस नए सिस्टम के माध्यम से लेनदेन की जल्द ही पहचान हो जाएगी जिसके कारण उन्हें रोकना मुमकिन होगा। अभी इंडियन डिजिटल पेमेंट इंटलीजेंस कार्पोरेशन’ सिस्टम को तैयार किया जा रहा है। जल्द ही यह यह सिस्टम शुरू हो जाएगा, इसके बाद डिजिटल फ्रॉड के मामलों में कमी आने की संभावना है। अभी भारतीय स्टेट बैंक और बैंक ऑफ बड़ौदा के द्वारा इस पहल की शुरुआत की जा रही है जिसमें सफलता प्राप्त होने के बाद अन्य सरकारी बैंक भी इसमें शामिल हो जाएंगे। इसके बाद तेजी से बढ़ रहे डिजिटल फ्रॉड के मामलों में कमी आ सकती है। इंडियन डिजिटल पेमेंट इंटलीजेंस कार्पोरेशन नाम के नए सिस्टम में मशीन लर्निंग और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस तकनीक का इस्तेमाल किया जाएगा जिसके बाद रियल टाइम में ही डिजिटल फ्रॉड के मामले तुरंत पकड़ में आ जाएंगे।एसबीआई और बैंक ऑफ बड़ौदा के द्वारा शुरू किया जा रहे इस सिस्टम में दोनों बैंकों के द्वारा 10-10 करोड़ रुपये का निवेश किया जा रहा है, जिसके बाद देश के लगभग 12 सरकारी बैंक भी इसमें शामिल हो जाएंगे।



