अध्यात्म

दीपावली पर्व व लक्ष्मी पूजन 31 अक्टूबर गुरुवार को

महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ‘ट्रस्ट’ के ज्योतिषाचार्य पंडित राकेश पाण्डेय बताते है कि इस वर्ष कार्तिक कृष्ण अमावस्या तिथि गुरुवार को दिवा 03.11 से प्रारम्भ होकर व दूसरे दिन शुक्रवार को सायं काल ही समाप्त हो जायेगी अतः धर्मशास्त्रानुसार जिस दिन अमावस्या तिथि रात्रि काल में मिलती है उसी दिन दीपावली मनाई जाती है अतः इस वर्ष गुरुवार 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाया जाना शुभ प्रद होगा। दीपावली को सायंकाल में दीपोत्सव के साथ ही माँ लक्ष्मी, गणेश व कुबेरादि देवताओं की पूजन निष्ठा पूर्वक करना चाहिए। दीपावली के दिन भगवती महालक्ष्मी का उत्सव बड़ी धूम-धाम के साथ मनाया जाता है। इस दिन लक्ष्मी जी को प्रसन्न करने के लिए पहले से ही घरों को साफ सुथरा करके दीप आदि रोशनी से सजाकर घी के दीपों से भी सजाना चाहिए। दीपावली के दिन दीपकों की पूजा का बहुत ही महत्व है। इसके लिए दो थाली में दीपकों को रखें,छय चतुर्मुख दीपक दोनों थाली में सजायें 31 छोटे दीपकों में तेल-बत्ती रखकर जला देवें, फिर जल, अक्षत, पुष्प, रोली, दूर्वा, चन्दन, अबीर, गुलाल, हाथ में लेकर अर्पित करें धान का लावा अर्पित कर निम्न मन्त्र को पढ़ें ‘ऊँ दीपमालिकायै नमः’ पश्चात धूप दीप दिखाकर लक्ष्मी गणेश जी व कुबेर जी का उपरोक्त सामग्री आदि से पूजन कर भोग लगाकर आरती करें।
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय बताते हैं कि लक्ष्मी व कुबेर जी के प्रसन्नता हेतु अपने पूजा स्थल के पास बैठकर श्रीसूक्त या कनकधारा स्त्रोत्र का पाठ अवश्य करना चाहिए। विद्यार्थियों को चाहिए की आज के दिन रात्रि के समय में मां सरस्वती का ध्यान करते हुए सरस्वती की कृपा प्राप्ति हेतु जरूर पढ़े व काले रंग की स्याही से लिखे।
गणेश, लक्ष्मी पूजन हेतु मुहूर्त…
सर्वोत्तम मुहूर्त वृष लग्न 06.11 से 08.08 तक
मध्य रात्री सिंह लग्न-12.39 से 02.53 तक उपरोक्त पूजन निष्ठा पूर्वक करने से माँ लक्ष्मी जी की कृपा बनी रहती है।

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