धनतेरस से शुरू होता दीपावली का पर्व

(मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ‘ट्रस्ट’
भारत उत्सव धर्मा है। वर्ष भर पर्व और त्योहार मनाए जाते हैं। सबसे ज्यादा दिन तक दीपावली का पर्व मनाया जाता है जो धनतेरस से शुरू होता है और भाईदूज पर सम्पन्न होता है। इस बीच छोटी दीपावली अर्थात् नरक चतुर्दशी का पर्व मनाया जाता है। धनतेरस को महर्षि धनवंतरि जयंती भी मनायी जाती है। धनतेरस 29 अक्टूकर को है।
महर्षि पाराशर ज्योतिष संस्थान ‘ट्रस्ट’ के ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय बताते हैं कि हिन्दू पंचांग के अनुसार कार्तिक कृष्ण त्रयोदशी तिथि में समुन्द्र मंथन के समय आयुर्वेद के देवता भगवान धन्वन्तरि अमृत का कलश लेकर निकले थे, इसलिए इस तिथि को धनवन्तरि जयन्ती भी कहते है। धनत्रयोदशी के दिन भगवान धन्वन्तरि की पूजा करने से पूरे वर्ष भर आरोग्यता बनी रहती है। इस वर्ष धनत्रयोदशी के दिन 29 अक्टूबर मंगलवार को दिवा 10.59 तक द्वादशी तिथि है पश्चात् त्रयोदशी तिथि प्रारम्भ होकर दूसरे दिन दिवा 01.04 तक रहेगी। अतः धनत्रयोदशी अर्थात धनतेरस का पर्व मंगलवार को ही मनाया जाना शुभ है। मंगलवार को सायं काल गोधूली वेला में त्रयोदशी तिथि मिल रही है अतः इस वार की धनत्रयोदशी अत्यन्त ही शुभ मानी जा रही है।
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय बताते है कि धन त्रयोदशी के दिन कुबेर, गणेश व लक्ष्मी जी के पूजन का विधान हमारे शास्त्रों में बताया गया है। व्यापारी वर्ग को चाहिए की धन त्रयोदशी के दिन ही अपने व्यापारिक स्थल पर स्थिर लग्न व गोधूलि बेला वृष लग्न में पूजन करें जो सायं 06.19 से 08.15 तक व रात्रि काल सिंह लग्न रात्रि 12.46 से 03.02 बजे तक है। इस लग्न में गणेश लक्ष्मी व कुबेर जी का पूजन करें जिससे पूरे वर्ष भर व्यापार में बढ़ोत्तरी होती रहती है व लक्ष्मी गणेश व कुबेर जी की कृपा सदैव बनी रहती है। धर्मशास्त्रों के अनुसार धन त्रयोदशी तिथि में नवीन वर्तन, चाँदी, सोना इत्यादि खरीदना चाहिए ऐसा माना जाता है कि इस दिन धातु के वर्तन या अन्य वस्तुएँ खरीदना शुभप्रद होता है।
खरीदारी करने का शुभ मुहूर्त दिवा 1.41 से 03.12 व सायं 04.40 से 08.15 तक है।
ज्योतिषाचार्य पं. राकेश पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष विभिन्न राशि के लोगों के लिए धनत्रोद्शी का पर्व अलग-अलग फल देने वाला होगा।
मेष राशि वालों को व्यापार में वृद्धि व धन लाभ मिलेगा तो वृष-रोग से भय भगवान शिव की उपासना से लाभ। मिथुन-धनप्राप्ति व्यापार में वृद्धि परन्तु स्वास्थ के प्रति सावधान रहें। कर्क-शत्रु से भय भगवती की उपासना करे सफेद वस्तुएं दान करने से लाभ। सिंह-आकस्मिक धन लाभ रुके हुए कार्य सम्पन्न होंगे। परन्त किसी को धन सोच समझकर दें। कन्या-व्यापार में वृद्धि परन्तु मानसिक कष्ट हो सकते है श्री गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें। तुला-अपव्य परन्तु भगवान शिव के आराधना से कार्यों में सफलता प्राप्ति। वृश्चिक-निरर्थक भागदौड़ परन्तु हनुमान जी की आराधना करें, लाल वस्तुएं दान करें समस्याएं दूर होंगी। धनु-अचानक धन लाभ, व्यापार में वृद्धि। मकर-रोग की बाहुल्यता परन्तु हनुमान जी आराधना करने से लाभ। कुम्भ-कार्यों में वृद्धि व धन लाभ होगा और मीन राशि के लोगों को मानसिक कष्ट परन्तु पीले वस्तुओं के दान के पश्चात लाभ सम्भव। (हिफी)