बोत्सवाना से द्रौपदी मुर्मू लाएंगी चीते

भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू अफ्रीकी देश बोत्सवाना के दौरे पर हैं। उनकी इस यात्रा का मकसद भारत और बोत्सवाना के बीच द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करना है। इसके साथ ही राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू 8 कालाहारी रेगिस्तानी चीतों को भारत भेजने के समझौते को अंतिम रूप देंगी। आपको बता दें कि भारत में चीते विलुप्त हो गए थे। इसके बाद भारत सरकार ने प्रोजेक्ट चीता शुरू किया और अन्य देशों से चीता लाकर उन्हें देश में बसाया गया। भारत ने दो बैच में नामीबिया और दक्षिण अफ्रीका से चीतों को मंगाया था। अब बोत्सवाना तीसरा देश होगा जहां से चीते भारत लाए जाएंगे।राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू मंगलवार को बोत्सवाना की राजधानी गाबोरोने पहुंचीं। यहां एयरपोर्ट पर उनका स्वागत राष्ट्रपति डुमा गिदोन बोको ने किया। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को 21 तोपों की सलामी और गार्ड ऑफ ऑनर प्रदान किया गया। किसी भारतीय राष्ट्रपति की यह बोत्सवाना की पहली राजकीय यात्रा है। अपनी तीन दिवसीय यात्रा के दौरान, राष्ट्रपति मुर्मू अपने समकक्ष राष्ट्रपति बोको के साथ प्रतिनिधिमंडल-स्तरीय वार्ता करेंगी।
भारत और बोत्सवाना के बीच व्यापार, निवेश, प्रौद्योगिकी, ऊर्जा, कृषि और रक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के लिये कई समझौते हो सकते हैं। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने बोत्सवाना की राष्ट्रीय सभा के सांसदों को भी संबोधित किया। इस यात्रा का एक अहम पहलू होगा जब 8 चीतों को क्वारंटाइन सुविधा में छोड़ा जाएगा। ये चीते कालाहारी रेगिस्तान में स्थित घान्जी शहर से लाए गए हैं। भारत में पहली बार साल 2022 में नामीबिया से 8 चीते लाए गए। वहीं, इसके बाद चीतों की दूसरी खेप फरवरी 2023 में दक्षिण अफ्रीका से आई थी। इस खेप में 12 चीते लाए गए थे। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत में वर्तमान में कुल 27 चीते हैं।



