चुनावी वादों की जवाबी कब्बाली

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
एक तरफ मतदाता सूची के विशेष पुनरीक्षण के खिलाफ विपक्षी दलों की ओर से बुलाए गए बिहार बंद को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई है तो दूसरी तरफ सत्ता पक्ष और विपक्ष की तरफ से चुनावी वादों की जवाबी कव्वाली भी सियासत में चर्चा का विषय बनी हुई है। बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चैधरी ने बिहार बंद को पूरी तरह से असफल बताते हुए विपक्ष पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि राज्य के 4 करोड़ से अधिक मतदाता अपने फॉर्म भरकर इलेक्शन कमीशन के इस अभियान में शामिल हुए हैं। ऐसे में यह साफ है कि जनता पुनरीक्षण प्रक्रिया के साथ है और विपक्ष सिर्फ उन्हें गुमराह करने का काम कर रहा है। सम्राट चैधरी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी के पटना दौरे पर भी तंज कसा। उन्होंने कहा, राहुल गांधी को बिहार की समस्याओं से कोई लेना-देना नहीं है। वे सिर्फ पिकनिक मनाने बिहार आते रहते हैं। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी का बिहार के विकास में कोई योगदान नहीं रहा है और यहां उनका आना सिर्फ दिखावा है। हालांकि राहुल गांधी ने मतदाता सूची के विशेष परिवेक्षण की निंदा की है। उन्होंने कहा पहले महाराष्ट्र में इसी प्रकार की चोरी की गयी थी अब बिहार में उसी प्रकार से मतदाताओं को उनके मताधिकार से वंचित किया जा रहा है। तेजस्वी यादव ने तो यहां तक कह दिया कि बिहार में चुनाव आयोग की दादागिरी नहीं चलने देंगे। इसी के साथ चुनावी वादों की जवाबी कव्वाली भी जारी है। तेजस्वी यादव ने महिलाओं को साधते हुए ‘माई-बहिन मान योजना’ का ऐलान किया है। जिसके तहत सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को 2500 रूपये देने का वादा किया है। वहीं कांग्रेस की ओर से भी महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें तेज हैं। दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 8 जुलाई को कैबिनेट बैठक में महिलाओं को 35 फीसदी डोमिसाइल आरक्षण देने के प्रस्ताव को मंजूरी देकर बड़ा चुनावी दांव चल दिया। नीतीश सरकार ने और भी कई चुनावी वादे किये हैं।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी, राजद नेता तेजस्वी यादव और तीनों वामदलों के महासचिवों के नेतृत्व में 9 जुलाई को विरोध मार्च निकाला गया। इंडिया गठबंधन के नेताओं ने चेतावनी दी है कि यदि मतदाता सूची में शामिल किसी का भी नाम कटा तो बड़ा प्रदर्शन करेंगे। बिहार बंद को लेकर भाजपा के अन्य नेताओं ने भी विपक्ष पर हमला किया। स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने कहा कि जनता ने विपक्ष के बिहार बंद को पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने कहा कि राज्यभर में सबकुछ सामान्य रहा, सड़कें खाली नहीं थीं, सारी दुकानें खुली रहीं और लोग अपने काम काज में जुटे रहे।
बहरहाल, बिहार में अगले दो महीने के बाद होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर सियासी हलचल तेज हो गई है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव के बीच सीधा मुकाबला माना जा रहा है। एक तरफ तेजस्वी यादव लगातार बड़े चुनावी वादे कर रहें हैं, वहीं नीतीश कुमार भी अपने अनुभव और योजनाओं के सहारे मजबूत दांव चल रहे हैं। तेजस्वी यादव ने महिलाओं को साधते हुए ‘माई-बहिन मान योजना’ का ऐलान किया है। जिसके तहत सरकार बनने पर हर महीने महिलाओं को 2500 रूपये देने का वादा किया है।
वहीं, कांग्रेस की ओर से भी महिला मतदाताओं को लुभाने की कोशिशें
तेज हैं। पार्टी राहुल गांधी की तस्वीर वाले सेनेटरी पैड्स महिलाओं को बांट रही है।दूसरी ओर मुख्यमंत्री नीतीश
कुमार ने भी मंगलवार 8 जुलाई को कैबिनेट बैठक में महिलाओं को 35 फीसदी डोमिसाइल आरक्षण देने के प्रस्ताव
को मंजूरी देकर बड़ा चुनावी दांव चल दिया। यह आरक्षण अब बिहार की
सभी सरकारी नौकरियों में महिलाओं
को मिलेगा। इसके साथ ही राज्य में डोमिसाइल नीति लागू कर दी गई है। इसे नीतीश कुमार का मास्टरस्ट्रोक माना जा रहा है।
राज्य सरकार ने युवाओं के लिए ‘युवा आयोग’ के गठन की भी घोषणा की है। यह आयोग राज्य के युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाने में मदद करेगा। इससे तेजस्वी यादव के 10 लाख रोजगार के वादे पर भी सीधा असर पड़ेगा। उधर 2020 के बाद अब तक नीतीश सरकार ने 10 लाख से अधिक सरकारी नौकरियां और 34 लाख युवाओं को कई योजनाओं के तहत रोजगार देने का दावा किया है। इतना ही नहीं नीतीश सरकार ने सामाजिक पेंशन योजनाओं में भी बड़े फैसले
लिये हैं। बूढ़ों, दिव्यांगों और विधवाओं
की पेंशन में तीन गुना वृद्धि कर दी गई है, जिससे विपक्ष के पेंशन संबंधी वादों की धार भी कमजोर पड़ती नजर आ
रही है।
बिहार सरकार ने राज्य में शहरी आधारभूत संरचनाओं को मजबूत करने के लिए भी महत्वपूर्ण कदम उठाया है। मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के अंतर्गत वित्तीय वर्ष 2024-25 हेतु 1500 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत वाली परियोजनाओं के कार्यान्वयन के लिए 1002 करोड़ की राशि को स्वीकृति प्रदान की गई है। यह राशि मुजफ्फरपुर सहित राज्य के विभिन्न शहरी निकायों में विकास कार्यों को गति देने में सहायक होगी। नगर विकास एवं आवास विभाग के परियोजना पदाधिकारी-सह-अपर निदेशक देवेंद्र सुमन द्वारा जारी पत्र के अनुसार, मुख्यमंत्री शहरी विकास योजना के तहत 2024-25 के लिए शेष चयनित योजनाओं के लिए राशि की उपलब्धता सुनिश्चित की गई हर। दूसरी तरफ, योजना का कार्यान्वयन ”युद्धस्तर” पर जारी है। पूर्व में स्वीकृत 500 करोड़ रुपये की राशि के अतिरिक्त अब 1002 करोड़ रुपये की नई राशि शामिल की गयी है, जिससे कुल 1500 करोड़ रुपये की परियोजनाओं को वित्तीय मजबूती मिली है।
विभाग की तरफ से अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे योजनाओं के कार्यान्वयन की अद्यतन स्थिति और शेष योजनाओं की स्थिति से संबंधित सूची सहित प्रतिवेदन विभाग को अविलंब उपलब्ध कराएं। इस कदम से बिहार के शहरी क्षेत्रों में बुनियादी सुविधाओं का विकास, स्वच्छता, और जीवन स्तर में सुधार होने की उम्मीद है। यह राशि सड़क निर्माण, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, और अन्य नागरिक सुविधाओं को बेहतर बनाने में उपयोग की जायेगी, जिससे राज्य के शहरों का समग्र विकास सुनिश्चित होगा। पटना के चक्कर मैदान प्रभात तारा स्कूल और सर्किट हाउस रोड के आस-पास रहने वाले लोगों के लिए एक बड़ी खुशखबरी है। मॉनसून के दिनों में जलजमाव की गंभीर समस्या से जूझ रहे इन इलाकों को अब जल्द ही राहत मिलने वाली है। नगर विकास एवं आवास विभाग ने बहुप्रतीक्षित नाले के निर्माण के लिए 5.52 करोड़ रुपये की तकनीकी स्वीकृति प्रदान कर दी है। हालांकि, इस साल प्रशासनिक स्वीकृति और टेंडर प्रक्रिया के इंतजार में काम अटका हुआ है, लेकिन उम्मीद है कि अगले साल से इस नाले के बनने से इन क्षेत्रों में जल निकासी की समस्या से स्थायी निजात मिल सकेगी। मुख्य अभियंता (उत्तर बिहार प्रभाग) नगर विकास एवं आवास विभाग की ओर से 5.52 करोड़ रुपये की यह तकनीकी अनुमोदन मिला है। नगर निगम के अभियंताओं द्वारा तैयार किये गये प्राक्कलन के अनुसार यह नाला प्रभात तारा स्कूल और रेलवे के कच्चे नाले तक आरसीसी से निर्मित होगा। अब जब तकनीकी स्वीकृति मिल गयी है, तो अगला कदम प्रशासनिक स्वीकृति और राशि का आवंटन होगा। इसके बाद टेंडर प्रक्रिया पूरी की जायेगी। उम्मीद है कि अगले साल तक इस नाले का निर्माण कार्य शुरू हो जायेगा और स्थानीय निवासियों को जलजमाव की समस्या से स्थायी मुक्ति मिल जायेगी। (हिफी)