मुक्त व्यापार समझौते पर जोर

आर्थिक गतिविधियां वैश्विक राजनीतिक गतिविधियों से प्रभावित होती रहती हैं। इसलिए सुरक्षित अर्थव्यवस्था की रणनीति बनाना अब ज्यादा जरूरी हो गया है। हमारे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण इस दिशा में गंभीरता से सोच रहे हैं, यह अच्छी बात है। दुनिया की राजनीतिक गतिविधियों को हम नियंत्रित नहीं कर सकते।
उदाहरण के लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष चल रहा है। यूक्रेन नाटो की गोद मंे बैठना चाहता है अथवा यह भी कह सकते हैं कि अमेरिका उसे नाटों मंे शामिल कर रूस को और तोड़ना चाहता है। सोवियत संघ को अमेरिका ने ही तोड़ा। बहरहाल, हम असली मुद्दे पर आते हैं कि रूस से हमंे आसान तरीके से और सस्ता कच्चा तेल मिल रहा है लेकिन अमेरिका और नाटो देशों को पसंद नहीं। वे रूस पर प्रतिबंध लगाते हैं तो उसकी शर्त यह भी है कि भारत उससे कच्चा तेल न खरीदे। इसी तरह ईरान से हमारे व्यापारिक हित जुड़े हैं।
वहां के एक बंदरगाह को हमने विकसित भी इसी दृष्टि से किया है लेकिन इजरायल की रणनीति के तहत अमेरिका ने उस पर सीधे-सीधे हमला कर उसके यूरेनियम भंडार को नष्ट करने का प्रयास किया। अभी ईरान को धमकाया ही जा रहा है लेकिन अमेरिका और उसके साथी उस पर भी प्रतिबंध लगा सकते हैं। इस तरह के हालात लगातार पैदा होते रहेंगे क्योंकि यह स्वार्थ की राजनीति का युग है। पीएम मोदी और वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने मुक्त व्यापार समझौता (एफटीए) पर तेजी से काम शुरू किया है। इस कड़ी में पीएम मोदी और ब्रिटेन मंे उनके समकक्ष कीर स्टामेर ने 24 जुलाई को महत्वपूर्ण समझौता किया है। इससे भारत के रत्न-आभूषण, चाय पत्ती से लेकर बासमती चावल तक को नया बाजार मिलेगा। प्रतिबंधों की राजनीति से भी बच पाएंगे।
भारत और ब्रिटेन के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर 24 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और ब्रिटेन में उनके समकक्ष कीर स्टार्मर की मौजूदगी में मुहर लगी। एफटीए के तहत ब्रिटेन भारत के करीब 99 फीसदी उत्पादों पर टैरिफ को जीरो लेवल तक लाएगा। जबकि भारत ब्रिटेन के 90 फीसदी प्रोडक्ट्स पर टैरिफ को घटाएगा। इससे स्कॉच व्हिस्की से लेकर ब्रांडेड मेकअप का सामान तक सस्ता होगा। भारत के टेक्सटाइल, रत्न-आभूषण, इंजीनियरिंग से लेकर ऑटो सेक्टर को नया बाजार मिलेगा। ब्रिटेन की स्कॉच व्हिस्की पर टैरिफ 150 से अभी 75 और एक दशक में 40 फीसदी रह जाएगा।
यानी 3000 की स्कॉच व्हिस्की की बॉटल 1200 रुपये की हो जाएगी और 4000 रुपये कीमत वाली जिन की बोतल 1600 रुपये में मिलेगी। निसान, टोयोटा से लेकर लग्जरी कारें लोटस-मार्गन बेंटले, जगुआर, लैंडरोवर, मैकलॉरेन और रोल्सरॉयस जैसी कारें सस्ती होंगी। इन पर टैरिफ 100 फीसदी से घटकर 10 प्रतिशत पर आएगा। अमिताभ बच्चन-आमिर खान समेत बड़े सेलेब्रिटी रोल्सरॉयस जैसी कारों के शौकीन रहे हैं। लेकिन टैरिफ और हैवी ड्यूटी बड़ा मुद्दा रहा है।
इसी प्रकार ब्रिटेन की ब्रांडेड कॉस्मेटिक कंपनी लश, द बॉडी शॉप, रिमेल लंदन के सौंदर्य उत्पाद सस्ते होंगे। ब्रिटेन ने भारतीय मेकअप ब्रांड्स मायसन और नयाका से साझेदारी भी की है। इन पर टैरिफ 100 फीसदी से घटकर 10 प्रतिशत पर आएगा। इससे भारतीय बाजार में प्रतिस्पर्धा बढ़ेगी तो अन्य कंपनियां भी दाम घटाने को मजबूर होंगी। भारत ब्रिटेन के खाद्य उत्पादों जैसे चॉकलेट-बिस्किट आदि पर भी टैरिफ को घटाकर न्यूनतम करेगा।
यूनीलीवर और लंदन डेयरी ब्रिटेन की बड़ी फूड प्रोडक्ट्स कंपनियां हैं। मुख्यतया भारतीय कंपनी ब्रिटानिया इंडस्ट्रीज ने भी चीज-घी और पनीर जैसे उत्पादों के लिए दूसरी कंपनियों से करार किया है। इससे ब्रांडेड कंपनियों के डेयरी उत्पाद सस्ते होंगे। भारत के कपड़ों और अन्य परिधानों पर ब्रिटेन अभी 8 से 12 फीसदी टैरिफ लगाता है, जो अब खत्म हो जाएगा। इससे बांग्लादेश और वियतनाम के मुकाबले ब्रिटेन में भारतीय कपड़े ज्यादा सस्ते होंगे। तिरुपुर, सूरत से लेकर लुधियाना तक टेक्सटाइल इंडस्ट्री को फायदा मिलेगा।
भारतीय युवाओं को रोजगार के मौके भी मिलेेंगे। ब्रिटेन भारत के सर्विस सेक्टर के लिए नियमों में ढील देगा। कम अवधि के रोजगार के लिए भारत से आने वाले युवाओं को छूट मिलेगी। उनके लिए सोशल सिक्योरिटी टैक्स जैसी जरूरतें नहीं होंगी। इससे योग शिक्षक, शेफ-म्यूजीशियन और अन्य कामों में लगे युवा आसानी से ब्रिटेन जा पाएंगे।
भारत के रत्न-आभूषण, चमड़ा उत्पादों को ब्रिटेन में नया बाजार मिलेगा। उन पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे सोने-चांदी के आभूषण और चमड़े के उत्पाद ब्रिटेन में सस्ते होंगे। कानपुर-आगरा से लेकर सूरत-मुंबई तक इन उद्योगों को फायदा मिलेगा। ब्रिटेन भारत निर्मित मशीनरी, इंजीनियरिंग टूल्स, ऑटो पार्ट्स पर आयात शुल्क खत्म करेगा। वहां भारतीय उत्पाद सस्ते होंगे। इससे भारत के लिए ब्रिटेन और यूरोपीय इंडस्ट्रियल सप्लाई चेन में पहुंच बेहतर होगी। पुणे, चेन्नई से लेकर नोएडा-गुरुग्राम तक राहत होगी।
भारतीय इलेक्ट्रिक और हाइब्रिड वाहन निर्माताओं को भी राहत मिलेगी। ब्रिटेन भारत के आईटी और पेशेवर सेवा क्षेत्र में वीजा नियमों में ढील देगा। इससे इंजीनियरिंग, आर्किटेक्ट और अकाउंटिंग जैसे सेक्टर में भारतीय पेशेवरों के
लिए ब्रिटेन में नए रोजगार के अवसर मिलेंगे। आईटी-फाइनेंस, लॉ और हेल्थकेयर में 60 हजार से ज्यादा
नए रोजगार अगले 5 साल में पैदा होंगे।
भारत के कृषि और खाद्य उत्पादों का ब्रिटेन में निर्यात सस्ता होगा। इसमें बासमती चावल, प्रीमियम चायपत्ती, मसाले और समुद्री उत्पाद पर ब्रिटेन आयात शुल्क खत्म करेगा। केरल-बंगाल से लेकर असम और गुजरात तक इसका फायदा दिखेगा। केमिकल, सौर ऊर्जा से लेकर प्लास्टिक तक भारत के इंडस्ट्री को राहत मिलेगी। वर्तमान में, संयुक्त राज्य अमेरिका के 20 देशों के साथ 14 मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) हैं।
ये एफटीए आपकी कंपनी को शून्य या कम टैरिफ और अन्य प्रावधानों के माध्यम से वैश्विक बाजार में अधिक आसानी से प्रवेश करने और प्रतिस्पर्धा करने में मदद कर सकते हैं। हाल ही में संपन्न हुआ भारत-यूके मुक्त व्यापार समझौता द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम का प्रतिनिधित्व करता है, जो वैश्विक व्यापार अनिश्चितताओं के बीच महत्त्वपूर्ण बाजार पहुँच प्रदान करता है। विशेष रूप से, भारत ने श्रम अधिकारों जैसे गैर-व्यापारिक तत्त्वों को शामिल करके अभूतपूर्व लचीलापन दिखाया है, जो नीतिगत विकास की एक महत्त्वपूर्ण दिशा को दर्शाता है। मोदी सरकार की यह बेहतर व्यापार नीति है। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर) (हिफी)