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मतदान के लिए ईवीएम-वीवीपेट अपडेट करने बैंगलुरू से जबलपुर आए इंजीनियर

जबलपुर। विधानसभा चुनाव में 17 नवंबर को मतदान है। इस बार जबलपुर जिले में 2130 मतदान केंद्र बनाए गए हैं। इनमें सुरक्षा के लिए 1200 केंद्रों में कैमरे लगाए गए हैं और अब केंद्र में मतदान कराने वाले अधिकारियों की सुविधा के लिए फर्नीचर और अन्य व्यवस्थाएं की जा रही हैं। इधर जिले की आठों विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए उपयोग में लाई जाने वाली इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीनों और वीवीपेट मशीनों को मतदान के लिए तैयार कर लिया गया है। यह काम करने के लिए भारत इलेक्ट्रानिक्स लिमिटेड बैंगलुरू के इंजीनियर यहां पहुंचे। इन ईवीएम-वीवीपेट मशीनों को मतदान के लिए तैयार करने जवाहरलाल नेहरू कृषि विश्वविद्यालय स्थित प्रशासनिक भवन एवं कालेज आफ एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग में किया गया। ईवीएम-वीवीपेट की कमिशनिंग का निर्वाचन आयोग द्वारा प्रेक्षकों ने भी कृषि विश्वविद्यालय पहुंचकर जायजा लिया। मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों एवं चुनाव लड़ रहे उम्मीदवारों और उनके प्रतिनिधि भी कमिशनिंग के दौरान मौजूद रहे। जिला निर्वाचन अधिकारी एवं कलेक्टर सौरभ कुमार सुमन ईवीएम-वीवीपेट मशीनों के कमिशनिंग के काम में लगातार नजर रखे हुए थे।
इस बार हर विधानसभा के लिये दो और कुल सोलह इंजीनियर जबलपुर आए हैं। इनकी टीम लगातार इन मशीनों को मतगणना के लिए अपडेट कर रही है। जांच के दौरान ईवीएम-वीवीपेट की कमिशनिंग में मतदान में उपयोग में लाई जाने वाली हर मशीन की बेलट यूनिट पर मतपत्र चस्पा किए गए। इस दौरान राजनैतिक दलों के प्रतिनिधियों एवं उम्मीदवार भी मौजूद थे। इनसे दिखावटी मतदान भी कराया गया। इसके बाद ईवीएम मशीनों को डाटा क्लीयर कर स्विच आफ कर दिया गया तथा नए बैटरी पेक लगाए गए। मतदान के लिए तैयार की मशीनों को जवाहरलाल नेहरू कृषि भवन में बने स्ट्रांग रूम में कड़ी सुरक्षा के बीच विधानसभा वार और मतदान केन्द्रवार रखा गया है। चुनाव में तैनात किए गए अधिकारियों-कर्मचारियों को दूसरे चरण का प्रशिक्षण भी पूरा हो गया है। प्रशिक्षण दो चरणों में आयोजित किया गया था। मतदान कर्मियों के दूसरे चरण के प्रशिक्षण के लिए श्रीराम इंस्टीट्यूट आफ टेक्नालाजी के 40 कक्षों का इस्तेमाल किया गया। हर कक्ष में दोनों चरणों में 40-40 मतदान अधिकारियों एवं कर्मचारियों को प्रशिक्षण दिया गया। प्रशिक्षण के दौरान ही डाक मतपत्र से मतदान की सुविधा भी उपलब्ध कराई गई। इसके लिए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र पर तीन-तीन फेसिलिटेशन सेंटर बनाए गए।

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