नायक से ज्यादा फीस लेता था खलनायक

प्राण को विलेन के रोल में हिंदी सिनेमा में खूब पसंद किया गया। साल 1940 से लेकर 1990 तक प्राण ने एक्टिंग की दुनिया में अलग-अलग तरह के कई यादगार किरदार निभाए। मेकर्स के लिए विलेन के रोल के लिए वह पहली पसंद होते थे। अमिताभ संग उन्होंने कई हिट फिल्में दी हैं। राण अकेले ऐसे अभिनेता थे, जो अपने खलनायक रोल के लिए फिल्म के हीरो के बराबर की फीस चार्ज किया करते थे। पर्दे पर प्राण की दहशत देखकर लोग असल जिंदगी में भी डरने लगे थे। लोगों ने तो बच्चों का ये नाम रखना भी बंद कर दिया था। प्राण हमेशा से ही एक्टर नहीं बनना चाहते थे। वह तो फोटोग्राफी का शौक रखते थे। वे एक फोटोग्राफर बनाना चाहते थे। इसके लिए दिल्ली की एक कंपनी ‘ए दास एंड कंपनी’ में अप्रेंटिस के तौर पर काम भी किया। लेकिन किस्मत ने उन्हें एक्टर बना दिया। प्राण पान बहुत खाते थे। वह अक्सर सड़क पर जाते हुए पान की दुकान पर रूक जाते थे। सड़क पर ही उन्हें एक पान की ही दुकान पर साल 1940 के मशहूर लेखक मोहम्मद वली ने एक्टर बनने का चांस दिया था। तभी से उनकी किस्मत पलट गई थी। प्राण ने हिंदी सिनेमा की एक के बाद एक कई फिल्मों में बतौर खलनायक काम किया था। अपने एक्टिंग करियर में उन्होंने 350 से ज्यादा फिल्मों में काम किया था। (प्राण का जलवा एक दौर में आकर ऐसा हो गया था कि वह हीरो से ज्यादा फीस चार्ज करने लगे थे। कहा तो ये भी जाता है कि उन्हें और राजेश खन्ना को एक फिल्म में साथ कास्ट करना बहुत मुश्किल होता था, क्योंकि फिल्म का बजट बढ़ जाया करता था। प्राण को अपने सिने करियर में साल 1997 में उन्हें फिल्मफेयर लाइफ टाइम अचीवमेंट खिताब से नवाजा गया था। हिन्दी सिनेमा में उनके योगदान के लिए 2001 में भारत सरकार के पद्म भूषण मिला, साथ ही उन्हें साल दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से सम्मानित किया गया। (हिफी)