राजनीति

कांग्रेस से नेताओं का पलायन

 

कांग्रेस का राजनीतिक संकट कम होने का नाम ही नहीं ले रहा है। फरवरी में महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अशोक चव्हाण समेत कई नेताओं ने कांग्रेस का दामन छोड़कर भाजपा की शरण ली थी। इसके बाद हिमाचल प्रदेश में राज्य सभा चुनाव के दौरान नौ विधायकों ने क्रास वोटिंग कर सुखबीर सिंह सुक्खू सरकार को भी संकट में डाल दिया था। अब मध्यप्रदेश और राजस्थान में कांग्रेस नेता पलायन करने के लिए ला इन लगाए हैं। मध्यप्रदेश में वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचैरी ने 9 मार्च को भाजपा ज्वॉइन कर ली। प्रदेश कांग्रेस उपाध्यक्ष और धार के पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह राजूखेड़ी, पिछली विधानसभा में इंदौर से कांग्रेस के विधायक रहे संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, अर्जुन पलिया, सतपाल पलिया और भोपाल जिला कांग्रेस अध्यक्ष कैलाश मिश्रा ने भी भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली। राहुल गांधी की भारत जोड़ो न्याय यात्रा की मध्यप्रदेश से विदाई के तीसरे दिन कांग्रेस को ये बड़ा झटका माना जा रहा है। इसी तरह राजस्थान में भी कई नेता कांग्रेस छोड़कर भाजपाई हो गये हैं।

मध्यप्रदेश के पूर्व सांसद, पूर्व केंद्रीय मंत्री और पूर्व विधायक समेत कांग्रेस के 13 से अधिक नेता भाजपा में शामिल हो गए। भोपाल से पूर्व सांसद सुरेश पचैरी के साथ इंदौर के संजय शुक्ला और विशाल पटेल जैसे कई नेताओं ने भाजपा का दामन थाम लिया। सभी कांग्रेस नेताओं ने भोपाल में प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की मौजूदगी में एक बैठक में पार्टी की सदस्यता ग्रहण की। माना जा रहा है कि कांग्रेस के दिग्गज नेताओं के जाने से लोकसभा चुनाव से पहले पार्टी को बड़ा नुकसान होगा। बीजेपी प्रदेश भाजपा अध्यक्ष वीडी शर्मा के साथ वरिष्ठ कांग्रेस नेता सुरेश पचैरी और राजूखेड़ी के अलावा कांग्रेस नेता संजय शुक्ला, विशाल पटेल, अर्जुन पलिया और भोपाल कांग्रेस के पूर्व जिला अध्यक्ष कैलाश मिश्रा भी शनिवार 9 मार्च को अल सुबह ही प्रदेश भाजपा कार्यालय पहुंच गए थे। संजय शुक्ला और विशाल पटेल कांग्रेस के लोकप्रिय नेताओं में से एक हैं। पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों ही नेताओं ने भाजपा नेताओं को हराकर जीत हासिल की थी। कमलनाथ सरकार में दोनों ही नेताओं की खासी लोकप्रियता रही। कांग्रेस विधायक रहते हुए संजय शुक्ला ने इंदौर विधानसभा एक में कई बड़े काम करवाए। देपालपुर में विशाल पटेल ने भी अपना खास प्रभाव छोड़ा था। कांग्रेस नेता संजय शुक्ला और विशाल पटेल धनवान
नेताओं में शामिल हैं। दोनों के पुश्तैनी व्यापार और जमीन जायदाद हैं। संजय शुक्ला भाजपा के वरिष्ठ नेता विष्णु प्रसाद शुक्ला के बेटे हैं और उनका ट्रैवल्स, ट्रांसपोर्ट का मुख्य कारोबार है। विशाल का खेती और जमीनों का
मुख्य व्यापार है। संजय शुक्ला ने भाजपा से जुड़ने के बाद कहा कि भाजपा
मेरा परिवार था और मैं अब वापस अपने परिवार में आ गया हूं। मुझे
उस वक्त बहुत बुरा लगा जब राम मंदिर का आमंत्रण कांग्रेस ने ठुकराया था। अब मैं बीजेपी में रहकर जनता की सेवा करूंगा।

इस प्रकार मध्यप्रदेश में पूर्व केंद्रीय मंत्री सुरेश पचैरी, धार से पूर्व सांसद गजेंद्र सिंह कालूखेड़ी, पूर्व विधायक संजय शुक्ला, पूर्व विधायक विशाल पटेल, पिपरिया से पूर्व विधायक अर्जुन पलिया, एनएसयूआई के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अतुल शर्मा, भोपाल शहर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष कैलाश मिश्रा, डॉ आलोक चंसोरिया, योगेश शर्मा, अतुल शर्मा, सुभाष यादव, दिनेश ढिमोले, जयसपाल सिंह अरोरा भाजपा में शामिल हुए। सभी कांग्रेस नेताओं को प्रदेश अध्यक्ष बीडी शर्मा, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान और कैलाश वियजवर्गीय ने अंगवस्त्र पहनाकर सुरेश पचैरी, संजय शुक्ला, अर्जुन पलिया को भाजपा की सदस्यता दिलाई। इस दौरान वीडी शर्मा ने कहा कि सुरेश पचैरी जैसे संतों का कांग्रेस में कोई स्थान नहीं है। उन्होंने कहा कि पीएम मोदी के नेतृत्व में देश में बेहतर काम हो रहा है। लोग लगातार भाजपा पर भरोसा व्यक्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि आज का दिन वास्तव में एक नया इतिहास बनने में जा रहा है। वैसे तो हम सबको आहट थी कि जहां-जहां राहुल गांधी जाते हैं, वहां कांग्रेस के काम करने के तरीके का असर आता है। अच्छे स्थापित स्वच्छता के साथ राजनीति करने वाले मन की भावना के आधार पर काम करने वाले नेता हर दल के अंदर होते हैं। लेकिन, साफ सुधरी राजनीति करने वालों को काम करने के लिए अनुकूलता देना, मौका देना यह नेतृत्व पर निर्भर करता है। यह दुर्भाग्य की बात है कि कांग्रेस का नेतृत्व ऐसे स्वच्छ और साफ सोच के साथ राजनीति करने वाले नेता जो देश के विकास के लिए राजनीति करते हैं उनको निराश करता है। ऐसे में कोई भी स्वाभिमानी आदमी कांग्रेस के लिए काम नहीं करना चाहेगा। सीएम ने कहा कि मैं तो कहूंगा राहुल गांधी दो-तीन यात्रा और निकालो। अभी जहां जहां राहुल गांधी जाते हैं। वहां कांग्रेस साफ हो जाती है। महात्मा गांधी की भावना को सही साबित करने का काम राहुल गांधी कर रहे हैं। महात्मा गांधी ने कहा था कि आजादी के बाद कांग्रेस को भंग कर देना चाहिए।

राजस्थान में भी लोकसभा चुनाव 2024 से पहले कांग्रेस में भगदड़ जैसी स्थिति है। राजस्थान में भाजपा ने कांग्रेस में बड़ी सेंध लगा दी है। कांग्रेस के कई पूर्व विधायक, मंत्री भाजपा में शामिल हो गये हैं। रविवार 10 मार्च को इन सभी नेताओं को भाजपा में शामिल कराया गया। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले नेताओं में पूर्व कृषि मंत्री लालचंद कटारिया, पूर्व गृह राज्य मंत्री राजेंद्र यादव, पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा, विजयपाल मिर्धा, खिलाड़ीलाल बैरवा, आलोक बेनीवाल, कांग्रेस नेता रामपाल शर्मा सहित कई अन्य हैं। इस कार्यक्रम में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा, प्रदेशाध्यक्ष सीपी जोशी भी मौजूद थे। कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने वाले डेगाना के पूर्व विधायक रिछपाल मिर्धा ने इस कार्यक्रम से जुड़ा एक पोस्टर भी सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसमें लिखा था कि स्वर्ण भूमि मैरिज गार्डन सिरसी रोड जयपुर में वो और विजयपाल मिर्धा भाजपा में शामिल होंगे।
मालूम हो कि रिछपाल मिर्धा लोकसभा चुनाव के लिए नागौर से भाजपा की प्रत्याशी बनाई गई ज्योति मिर्धा के चाचा हैं। नागौर में मिर्धा परिवार लंबे समय से राजनीति में है। सालों तक कांग्रेस का झंडा उठाने वाला मिर्धा परिवार अब भाजपा में शामिल हो गया है।

महाराष्ट्र में तो कांग्रेस के लिए मुसीबतें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्य में कांग्रेस को फरवरी में दूसरा बड़ा झटका तब लगा जब प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष बसवराज पाटिल ने कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया। बसवराज पाटिल भी बीजेपी में शामिल हो चुके हैं। उनके बीजेपी में शामिल होने के दौरान पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष चन्द्रशेखर बावनकुले और राज्य के डिप्टी सीएम देवेन्द्र फडणवीस भी मौजूद थे। बसवराज पाटिल ने देवेंद्र फडणवीस से उनके घर पर मुलाकात की थी। बता दें कि बसवराज पाटिल औसा निर्वाचन क्षेत्र से 2 बार (2009 और 2014) विधायक रह चुके हैं। वह मराठवाड़ा क्षेत्र के एक प्रमुख लिंगायत नेता हैं। वह पहले कार्यकाल में राज्य मंत्री थे। बाद में 2019 में उन्हें बीजेपी नेता अभिमन्यु पवार ने हरा दिया था। इससे पहले पूर्व सीएम अशोक चव्हाण भी कांग्रेस को अलविदा कह चुके थे। अशोक चव्हाण के कांग्रेस छोड़ने के बाद यह मराठवाड़ा क्षेत्र में पार्टी के लिए दूसरा बड़ा झटका था। हाल ही में अशोक चव्हाण ने कांग्रेस छोड़कर बीजेपी का दामन थामा था। यह महाराष्ट्र में कांग्रेस को पहला बड़ा झटका था। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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