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गडकरी ने डीजल वाहनों पर प्रदूषण कर के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाने की मांग की

नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि वह वायु प्रदूषण कम करने के लिए डीजल वाहनों और जेनसेट पर प्रदूषण कर के रूप में 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाने का अनुरोध करेंगे। वाहन विनिर्माताओं के संगठन सोसायटी ऑफ इंडियन ऑटोमोबाइल मैन्युफैक्चरर्स (सियाम) के 63वें वार्षिक सम्मेलन में केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि प्रदूषण का बढ़ता स्तर लोगों के स्वास्थ्य के लिए खतरा है। गडकरी ने कहा, मैं वित्त मंत्री को एक पत्र सौंपने जा रहा हूं जिसमें डीजल से चलने वाले वाहनों पर 10 प्रतिशत अतिरिक्त जीएसटी लगाए जाने की बात कहीं गई है। देश में फिलहाल ज्यादातर वाणिज्य वाहन डीजल से चलते हैं। मारुति सुजुकी इंडिया और होंडा सहित विभिन्न कार निर्माताओं ने यात्री वाहन खंड में डीजल से चलने वाली कार का निर्माण पहले ही बंद कर दिया है। गडकरी ने कहा कि देश में डीजल कार पहले ही काफी कम हो गई हैं और निर्माताओं को इन्हें बाजार में बेचना बंद करना होगा। उन्होंने डीजल को खतरनाक ईंधन करार देते हुए कहा कि मांग को पूरा करने के लिए देश को ईंधन का आयात करना पड़ता है। गडकरी ने कहा, डीजल को अलविदा कहें…कृपया इन्हें बनाना बंद करें, नहीं तो हम कर इतना बढ़ा देंगे कि डीजल कार बेचना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने कहा कि वह डीजल से चलने वाले जेनरेटर पर भी अतिरिक्त जीएसटी का प्रस्ताव रखेंगे। वर्तमान में ऑटोमोबाइल पर 28 प्रतिशत जीएसटी लगता है, साथ ही वाहन के प्रकार के आधार पर एक प्रतिशत से 22 प्रतिशत तक अतिरिक्त उपकर लगता है। गडकरी ने उद्योग से इथेनॉल जैसे पर्यावरण-अनुकूल वैकल्पिक ईंधन और हरित हाइड्रोजन पर ध्यान केंद्रित करने को भी कहा।

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