अध्यात्म

राम कथा संग्रहालय में हनुमान गैलरी

(मोहिता-हिफी फीचर)
मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के अनन्य भक्त हनुमान जी के बिना रामकथा अधूरी रहती है। इसीलिए अयोध्या के नव्य-भव्य श्रीराम मंदिर में रामकथा संग्रहालय में एक गैलरी हनुमान जी के जीवन पर बनायी जा रही है। भवन निर्माण समिति के चेयर मैन नृपेन्द्र मिश्र का कहना है कि अन्तरराष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय की 20 गैलरियों में से एक गैलरी हनुमान जी को समर्पित की जाएगी। इस गैलरी में हनुमान जी के जीवन चरित्र को 7-डी तकनीक से प्रदर्शित किया जाएगा। उन्होंने बताया कि इसका निर्माण आईआईटी चेन्नई द्वारा किया जा रहा है। नृपेन्द्र मिश्र के अनुसार इसका निर्माण इसी साल नवम्बर-दिसम्बर तक पूरा हो जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र की ओर से संचालित उत्तर प्रदेश सरकार के अन्तरराष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय को प्रधानमंत्री म्यूजियम की तर्ज पर विकसित करने की योजना पर गत 29 जून को मुहर लग गयी। यह म्यूजियम पूर्ण रूप से भगवान राम को समर्पित होगा। इस बीच अयोध्या देश-दुनिया की आस्था का सबसे बड़ा केन्द्र बन चुकी है। रामकथा संग्रहालय पूर्ण होने पर आस्था का सैलाब और ज्यादा उमड़ेगा।
रामनगरी अयोध्या देश-दुनिया की आस्था का सबसे बड़ा केंद्र बन चुकी है। जब से श्रीराम मंदिर का निर्माण शुरू हुआ है, तभी से अयोध्या न सिर्फ भारत बल्कि पूरी दुनिया के धार्मिक मानचित्र पर बड़ी मजबूती से स्थापित हो चुकी है। लगभग 500 साल के लंबे इंतजार और संघर्ष के बाद 22 जनवरी 2024 को भगवान श्रीराम की प्राण प्रतिष्ठा हुई, तब से लेकर आज तक रोजाना अयोध्या में श्रद्धालुओं का सैलाब उमड़ रहा है। अयोध्या के कमिश्नर गौरव दयाल ने बताया कि 22 जनवरी 2024 से अब तक लगभग 5.5 करोड़ श्रद्धालु रामलला के दर्शन कर चुके हैं। इनमें आम जनता के साथ-साथ देश-विदेश से आई बड़ी हस्तियां भी शामिल हैं। इतना ही नहीं केंद्रीय मंत्री से लेकर राज्य मंत्रियों तक, क्रिकेट से लेकर व्यापार जगत तक कई लोगों ने मंदिर के दर्शन किए हैं। इसके अलावा बॉलीवुड के शहंशाह अमिताभ बच्चन हों या क्रिकेट के भगवान सचिन तेंदुलकर, हर कोई प्रभु श्रीराम का आशीर्वाद लेने अयोध्या पहुंच चुका है।
हाल ही में सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के मालिक एलन मस्क के पिता और बहन भी अयोध्या पहुंचे। उन्होंने श्रीराम मंदिर में दर्शन-पूजन किया। बताया कि अगर पूरे जिले में त्योहारों और बड़े धार्मिक आयोजनों की बात करें तो अब तक 39 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालु अयोध्या पहुंच चुके हैं। इसमें स्थानीय लोग के साथ ही देश-दुनिया के लाखों श्रद्धालु भी शामिल है। राम मंदिर बनने के बाद न सिर्फ श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है बल्कि अयोध्या को आधुनिक सुविधाओं से भी सजाया-संवारा जा रहा है। जिला प्रशासन लगातार इस बात का ध्यान रख रहा है कि श्रद्धालुओं को रहने, खाने-पीने या किसी भी सुविधा में कोई दिक्कत न हो। यही वजह है कि हर दिन श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ती जा रही है और अयोध्या देश-दुनिया के सबसे बड़े धार्मिक पर्यटन स्थलों में शामिल होता जा रहा है।
राम कथा विषयक चित्रों सचित्र पाण्डुलिपियों, मूर्तियों, रामलीला व अन्य प्रदर्श कलाओं से सम्बन्धित सामग्री अयाध्या परिक्षेत्र के पुरावशेषांे, दुर्लभ सांस्कृतिक सम्पदा व प्रदर्श कलाओं व अनुकृतियों एंव छायाचित्रों के संकलन व परिरक्षण करने के उद्देश्य से रामकथा संग्रहालय की स्थापना वर्ष 1988 में तुलसी स्मारक भवन अयोध्या में की गयी। संग्रहालय में अभी तक 971 कलाकृतियों का संकलन हो चुका है, जिसमें से 170 कलाकृतियों को संग्रहालय वीथिकाओं में प्रदर्शित किया गया है। प्रदर्शित सामग्री में प्रस्तर
कलाकृति 61, मिट्टी की 40, हाथी दॉत-3, काष्ठ -3, धातु सामग्री-30, वस्त्र सामग्री-9 तथा थाईलैंड की कला सामग्री-21 के अतिरिक्त अस्थाई रूप से थाईलैड की अन्य प्रदर्श सामग्री-19 तथा कलाप्रदर्शनी के 88 चित्रांे को प्रदर्शित किया गया है। कलाकृतियों का प्रदर्शन शोकेशेज व पैडेस्टल तथा डिस्प्ले बोर्डस पर किया गया है। राष्ट्रीय संग्रहालय नई दिल्ली में संग्रहीत राम, लव एवं कुश की प्राचीन प्रस्तर मूर्तियों की फाइबर अनुकृतियां तैयार कराकर संग्रहालय में प्रदर्शित की गई है। विद्यार्थियों, शोधार्थियों व कला जिज्ञासुओं के लिए संग्रहालय में इतिहास, कला व संस्कृति और रामकथा विषयक संदर्भ पुस्तकालय की स्थापना की गयी है। लगभग 750 संदर्भ पुस्तकों का संकलन हो चुका है।
शैक्षिक गतिविधियों के अन्तर्गत माह अप्रैल रामकथा पर चित्रकला प्रदर्शनी, माह जुलाई में रामकथा चित्रों की प्रदर्शनी का आयोजन किया गया। माह अगस्त में रामकथा बाल चित्रकला प्रतियोगिता तथा माह नवम्बर में विद्याथियों की चित्रकला प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इसके अतिरिक्त समय-सयम पर राम नवमी आदि के अवसर पर विशिष्ट व्याख्यानों का आयोजन भी किया जाता है। अब हनुमान गैलरी भी बन रही है।
अयोध्या में राम कथा संग्रहालय, भगवान राम के जीवन और रामायण की कहानी को समर्पित एक संग्रहालय है। यह संग्रहालय भगवान राम से जुड़ी विभिन्न कलाकृतियों, मूर्तियों, पांडुलिपियों और अन्य पुरातात्विक वस्तुओं को प्रदर्शित करता है। संग्रहालय का उद्देश्य रामकथा के माध्यम से सांस्कृतिक और पुरातात्विक धरोहर को संरक्षित करना है अयोध्या में बनाए गए अंतरराष्ट्रीय श्रीराम कथा संग्रहालय व आर्ट गैलरी में मंदिर से जुड़े दस्तावेजों से लेकर खोदाई में मिली विभिन्न प्रकार की करीब 350 वस्तुओं को संरक्षित किया जाएगा। संग्रहालय को इस प्रकार से व्यवस्थित किया जा रहा है जिससे वहां आने वाले लोगों को पुरातन संस्कृति के गौरव के बारे में जानकारी मिल सके। संस्कृति विभाग और श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र न्यास के बीच संग्रहालय के संचालन को लेकर एमओयू (समझौता ज्ञापन) पर हस्ताक्षर किए गए। इसके बाद संग्रहालय का संचालन न्यास द्वारा किया जाएगा।
संगीत नाटक अकादमी में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अथिति पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री जयवीर सिंह ने कहा कि देश-विदेश में श्रीराम से संबंधित तमाम धरोहरों को संग्रहालय में संरक्षित किया जाएगा।दुनिया मंदिर का निर्माण पूरा होने का इंतजार कर रही है। इससे लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा और सरकार को राजस्व की प्राप्ति होगी। अब राम राज्य की परिकल्पना सच साबित होगी। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र ने कहा कि श्रीराम मंदिर परिसर का निर्माण 71 एकड़ में किया जा रहा है। यहां बने संग्रहालय का संचालन न्यास द्वारा किए जाने को लेकर राज्य सरकार से अपील की गई, जिसे सरकार ने स्वीकार कर लिया।उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के तीन मूर्ति भवन के संग्रहालय में बन रही गैलरी की तर्ज पर अत्याधुनिक तकनीकी का इस्तेमाल करके श्रीराम कथा संग्रहालय को विकसित किया जाएगा। यहां पर दस्तावेजों को डिजिटल रूप में प्रदर्शित किया जाएगा। श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र के महासचिव चंपतराय ने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए की गई खोदाई में 1154 का कन्नौज के राजा का शिलालेख मिला है। साथ ही करीब 350 प्रकार के पत्थर व अन्य वस्तुएं मिली हैं। इन्हें संग्रहालय में रखा जाएगा। (हिफी)

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