राम जन्मभूमि ट्रस्ट में हरदोई

श्रीराम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट में हरदोई के कृष्णमोहन जो भारतीय वन सेवा से अवकाश प्राप्त हैं अब सदस्य होंगे। मणिरामदास छावनी में हुई बैठक में उनके नाम पर मुहर लगी। महासचिव चंपतराय ने बताया कि वे कामेश्वर चैपाल की जगह लेंगे और अनुसूचित जाति वर्ग से हैं। कृष्णमोहन लखनऊ विश्वविद्यालय से एमएससी हैं और सामाजिक कार्यों में सक्रिय हैं। ट्रस्ट का सदस्य बनने पर उन्होंने खुशी जताई। उधर, अयोध्या पहुंचे भवन निर्माण समिति के अध्यक्ष निर्पेंद्र मिश्रा ने बताया कि अब तक मंदिर निर्माण पर करीब 1400 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं। जिनमें से 1100 करोड़ रुपए का भुगतान किया जा चुका है। इसके म्यूजियम की 20 गैलरियों पर लगभग 200 करोड़ रुपए की लागत आएगी। इन गैलरियों में रामायण काल से लेकर मंदिर आंदोलन तक की झलकियां दिखाने की योजना है।अयोध्या के श्रीराम मंदिर में एक और ऐतिहासिक क्षण जुड़ने जा रहा है। साल 25 नवंबर 2025 को विवाह पंचमी के पावन अवसर पर मंदिर के शिखर पर भव्य ध्वजारोहण कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा। राम मंदिर ट्रस्ट के अनुसार, मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूर्ण हो चुका है, और यह ध्वजारोहण मंदिर निर्माण की पूर्णता का प्रतीक होगा।
अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने कामेश्वर चैपाल के निधन के बाद खाली हुई ट्रस्टी की जगह पर हरदोई के कृष्ण मोहन को नया सदस्य नियुक्त कर दिया है। राम जन्मभूमि आंदोलन के लिए अपना जीवन समर्पित करने वाले कामेश्वर चैपाल का फरवरी 2025 में निधन हो गया था। चैपाल राम मंदिर ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य रहे और लगातार बैठकों में अपनी भागीदारी से मंदिर निर्माण की दिशा तय करने में अहम भूमिका निभाते रहे। उनके निधन के बाद यह सवाल उठ रहा था कि उनकी जगह पर ट्रस्ट का नया सदस्य कौन होगा। लंबे विचार-विमर्श और सामूहिक सहमति के बाद आखिरकार श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट ने घोषणा की कि चैपाल की जगह अब कृष्ण मोहन को ट्रस्टी बनाया जाएगा।
कृष्ण मोहन मूल रूप से उत्तर प्रदेश के हरदोई जिले के रहने वाले हैं। वर्ष 1970 में उन्होंने लखनऊ विश्वविद्यालय से एमएससी की पढ़ाई पूरी की। इसके बाद करीब पांच वर्षों तक एटॉमिक एनर्जी विभाग में कार्यरत रहे। इसके पश्चात उनका चयन भारतीय वन सेवा (आईएफएस) में हुआ और उन्हें महाराष्ट्र कैडर मिला। वर्ष 2012 में सेवा निवृत्त होने के बाद वे सामाजिक कार्यों से जुड़े। उनकी यह पृष्ठभूमि और समाज सेवा के प्रति समर्पण ही कारण रहा कि सर्वसम्मति से उन्हें ट्रस्ट का सदस्य चुना गया। राम मंदिर ट्रस्ट में सदस्य बनने के बाद कृष्ण मोहन ने बताया कि महाराष्ट्र में नौकरी के दौरान हमारा परिचय संघ से हुआ फिर हमने आरएसएस जॉइन किया। सन् 2012 से हमने सक्रिय रूप से संघ में कार्य करना शुरू किया। पूर्वी उत्तर प्रदेश क्षेत्र में इस समय क्षेत्रीय संघ चालक के रूप में कार्य कर रहा हूं। अयोध्या में हुई ट्रस्ट की बैठक में महासचिव चंपत राय ने घोषणा करते हुए कहा कि फरवरी 2025 में हमारे ट्रस्ट के सक्रिय सदस्य कामेश्वर चैपाल का निधन हो गया था। उनकी जगह पर उन्हीं के समाज से एक योग्य व्यक्ति को शामिल करने का निर्णय लिया गया। ट्रस्ट के अन्य सदस्यों ने भी सर्वसम्मति से इस निर्णय का स्वागत किया। कामेश्वर चैपाल का नाम राम मंदिर आंदोलन से जुड़ा रहा है। वे बिहार से आते थे और हमेशा आंदोलन की अगली पंक्ति में खड़े रहे। ट्रस्ट गठन के बाद भी वे हर महत्वपूर्ण बैठक में शामिल होते और अपने अनुभवों से मंदिर निर्माण की दिशा तय करने में योगदान देते। उनके निधन को पूरे आंदोलन और ट्रस्ट के लिए बड़ी क्षति माना गया। ट्रस्ट में नए सदस्य के रूप में शामिल किए गए कृष्ण मोहन से उम्मीद की जा रही है कि वे अपने अनुभव और प्रशासनिक पृष्ठभूमि का इस्तेमाल ट्रस्ट के कार्यों को और गति देने में करेंगे। उनके पास वैज्ञानिक दृष्टिकोण, प्रशासनिक दक्षता और समाज सेवा का अनुभव है, जो राम मंदिर परिसर और उससे जुड़े विकास कार्यों के लिए कारगर साबित हो सकता है। अयोध्या में राम मंदिर का भव्य निर्माण अब अपने अंतिम चरण में है। ट्रस्ट की भूमिका न सिर्फ मंदिर निर्माण तक सीमित है, बल्कि उससे जुड़े सांस्कृतिक, सामाजिक और धार्मिक पहलुओं को भी आगे ले जाने की है। ऐसे में कामेश्वर चैपाल की जगह कृष्ण मोहन का चयन एक नए
अध्याय की शुरुआत माना जा रहा है।
अयोध्या में बन रहे भव्य राम मंदिर निर्माण को लेकर बड़ी खबर सामने आई है। अयोध्या का राम मंदिर वैसे तो बनकर तैयार हो गया है लेकिन अभी राम मंदिर को फाइनल टच दिया जा रहा है। मंदिर निर्माण में लगी मशीनों को भी धीरे-धीरे हटाया जा रहा है। मंदिर की साज सज्जा की जा रही है मंदिर निर्माण में अब तक लगभग 1400 करोड रुपए का खर्च आ चुका है। दूसरी तरफ अंतर्राष्ट्रीय राम कथा संग्रहालय में राम मंदिर ट्रस्ट एक म्यूजियम का भी निर्माण कर रहा है। जिसमें 20 गैलरी बनाई जाएगी। अब उन 20 गैलरी में लगभग 200 करोड रुपए लागत आएगी।
यह गैलरी प्रभु राम की जीवन लीला पर आधारित होगी। गैलरी में 10-10 मिनट का एक-एक एपिसोड दिखाया जाएगा तो वहीं पवन पुत्र हनुमान पर भी एक गैलरी बनाई जाएगी। जहां हनुमान जी महाराज की जीवन लीला के प्रसंग को डिजिटल गैलरी 7डी के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा। इसकी लागत लगभग 200 करोड रुपए बताई जा रही है। इस गैलरी में कैसे क्या दिखाया जाएगा। इस पर आईआईटी चेन्नई के वैज्ञानिक रिसर्च भी कर रहे हैं।
इतना ही नहीं अयोध्या में बनने वाले अंतर्राष्ट्रीय रामकथा संग्रहालय में प्रभु राम जी से संबंधित किन-किन देशों में भगवान राम की आराधना की जाती है कैसे भगवान राम का स्वरूप है कैसे उनकी मर्यादा है यह सब उस 20 गैलरी में प्रदर्शित किया जाएगा। आईआईटी चेन्नई की टीम हनुमान जी पर एक गैलरी का निर्माण भी कर रही है जिसका कार्य आगामी नवंबर और दिसंबर महीने में पूरा हो जाएगा इसके अलावा राम कथा संग्रहालय में 500 वर्ष की कानूनी पक्ष का जितना भी कागज है वह सब प्रदर्शित किया जाएगा राम मंदिर की खुदाई में जो भी विशिष्ट सामान मिले हैं उन सभी को प्रदर्शित भी करने का प्लान राम मंदिर ट्रस्ट बना रहा है। प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या एक बार फिर महा उत्सव की तैयारी कर रही है। यह महा-उत्सव श्रीराम के मंदिर में विराजमान होने के बाद होने जा रहा है। (अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)