स्वास्थ जगत

डांस के साथ योग स्वस्थ रहने का सबसे सरल तरीका है

डांस थेरेपी

मानव जीवन में नृत्य अर्थात डांस को अब मात्र मनोरंजन का साधन ही नहीं समझा जाता बल्कि चिकित्सा के क्षेत्र में अत्याधुनिक उपकरण के तौर पर भी इस्तेमाल किया जाने लगा है। तभी तो लाइफ स्टाइल की बीमारियों से परेशान लोगों ने डांस थेरेपी के जरिए स्वस्थ रहने का अद्भुत हल निकाल लिया है। यदि आपकी व्यस्त जीवनशैली में से व्यायाम के लिए 20 से 30 मिनट तक का अल्प समय नहीं बचता तो परेशान होने की बजाय आफिस से निकलकर सीधे डांस क्लास में पहुंच जाएं तो बेहतर परिणाम मिलेगा।
कार्डियोवस्कुलर समस्याओं को दूर रखने हेतु डांस को श्रेष्ठ माना गया है जिससे न केवल कैलोरी बर्न होती है अपितु रक्तप्रवाह सही रहने से हार्ट अटैक जैसी घातक बीमारी की संभावना को भी दूर किया जा सकता है। डांस चाहे सालसा हो या सांबा या फिर भारतीय शास्त्रीय नृत्य, व्यायाम और डांस के कॉकटेल ने लोगों में अपनी गहरी पैठ जमा ली है जिसे आज की तारीख में स्वस्थ रहने के अलावा तनाव मुक्ति की अचूक दवा माना जा रहा है।
भारत में कुछ दशकों पुरानी हो चुकी डांस थेरेपी से भले ही अधिकांश लोग वाकिफ न हों किंतु बीते कुछ सालों में दुनियां भर में इसका इस्तेमाल बड़ी तेजी से बढ़ा है और शारीरिक तथा मानसिक रोग निवारण में इसका प्रभाव अचूक समझा जा रहा है। आइये अब जानते हैं डांस थेरेपी की उन तमाम विधियों को जिनके बलबूते शरीर में उत्पन्न होने वाली समस्याओं से निजात पाया जाता है। 1) सालसा डांस: हमारे शरीर में उत्पन्न तनाव से मुक्ति दिलाने के लिए सालसा डांस कारगर माना गया है। चिकित्सकों के मुताबिक, भारत के 70 से भी अधिक फीसदी यंगस्टर्स सालसा डांस में दिलचस्पी रखते हैं जिससे उन्हें तनाव दूर करने तथा आत्मविश्वास वृद्धि करने में सफलता हासिल होती है। यदि आप भी ऑफिस की टेंशन से परेशान रहते हैं तो सालसा डांस अवश्य आजमायें। 2) बैले डांस: वैसे तो सालसा डांस की भांति बैले डांस भी आत्मविश्वास बढ़ाता है परन्तु इसके बावजूद इसकी एक खास खूबी यह है कि मस्तिष्क की एकाग्रता बढ़ाने में इससे बेहतरीन डांस और नहीं है। यकीनन नियमित डांस अभ्यास से आप अपनी सोचने की क्षमता को काफी हद तक बढ़ा सकते हैं जो स्वस्थ रहने का सबसे बढिया तरीका है। 3) सांबा डांस: आए दिन कूल्हे की दिक्कतों से निदान पाने हेतु सांबा डांस को अमल में लायें। इससे बेहतर परिणाम मिलते हैं। ध्यान रहे कि सांबा को करते समय एक पार्टनर अवश्य तलाश कर लें वरना यह अधूरा ही रह जाएगा क्योंकि इसे किसी एक पार्टनर की भागीदारी द्वारा ही सम्पूर्ण किया जा सकता है जबकि पैरों की मांसपेशियों की मरम्मत के लिए भी सांबा को सर्वश्रेष्ठ माना गया है। 4) रूंबा डांस: साधारण व्यायाम प्रणाली की तुलना में डांस थेरेपी की रूंबा डांस विधि की नित्यप्रति 20 से 25 मिनट की क्लास की ट्रेनिंग हमारे शरीर को दुरूस्त व फुर्तीला बनाने के लिए काफी मददगार साबित होती है। यही नहीं, बैक बोन और कॉलर बोन के दर्द हेतु भी रामबाण औषधि से कम साबित नहीं होती। 5) जीवा डांस: देखने में आया है कि श्वसन तंत्र संबंधी समस्याओं का निदान जीवा नामक डांस से बड़ी आसानी से हो गया है। यदि आप भी किसी श्वसन तंत्र संबंधी परेशानी से जूझ रहे हैं तो जीवा डांस के नियमित अभ्यास से छुटकारा पा सकते हैं। 6) पास्को डोबल डांस: सिंगापुर के सुप्रसिद्ध डांस पास्को को अक्सर मोटे व्यक्ति के लिए वरदान समझा जाता है क्योंकि पास्कों रूपी डांस को नियमित व्यायाम की तुलना में वजन कम करने का बेहतरीन उपाय माना गया है जिससे वजन को नियंत्रित रखा जाता है। निस्संदेह कैलोरी बर्न करने एवं शरीर की फिटनेस के लिए पास्को डोबल से सटीक और कोई डांस स्टेप नहीं हो सकता। 7) लैटिन चान्चा डांस: डांस थेरेपी रूपी डांस का यह फायदा है कि इससे शरीर के जोड़ों के खिंचाव को बलिष्ठ बनाया जा सकता है। हर स्टेप को श्रेणीबद्ध ढंग से करना उतना ही अनिवार्य है जितना प्रशिक्षण ट्रेनर के संग जिम करना। इसीलिए इसे करने से पूर्व अच्छी तरह से समझना बेहद जरूरी है। इसके अतिरिक्त, टैंगो, क्लिक, फॉक्स, ट्रॉट, वाइनेक्स तथा बैल्बो जैसे पश्चिमी डांस को भी स्वस्थ रहने की कुंजी माना जाने लगा हैं। सो, डांस कीजिये और स्वस्थ रहिये को आज से ही अमल में लाना शुरू कर दें। वैसे भी डांस के साथ योग स्वस्थ रहने का सबसे सरल तरीका है।

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