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हिन्दी हमेशा से मेरी मातृभाषा रही: सारा खान

हर साल 14 सितंबर को पूरे भारत में ‘हिंदी दिवस’ मनाया जाता है। हिंदी दिवस करीब है इसका ध्यान रखते हुए ‘छठी मैया की बिटिया’ शो में देवी कृतिकायेन की भूमिका निभा रही अभिनेत्री सारा खान से इसे लेकर खास बातचीत की और हिंदी भाषा के महत्व पर उनके विचारों के बारे में पूछा गया। इस दौरान उन्होंने मनोरंजन इंडस्ट्री में हिंदी भाषा के प्रवाह को जरूरी बताया, जिसकी सहायता से हमें दर्शकों से जुड़ने में मदद मिलती है।
हिंदी भाषा को लेकर अपने जुड़ाव के बारे में बात करते हुए अभिनेत्री सारा खान कहती हैं, “हिंदी हमेशा से मेरी मातृभाषा रही है। एक भारतीय होने के नाते यह मेरे व्यक्तित्व का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। मैं बचपन से ही हिंदी भाषा का उपयोग करती आ रही हूं, इसलिए यह मेरे लिए स्वाभाविक है और मेरे दिल के बहुत करीब है। मुझे इसे ज्यादा समझाने की जरूरत नहीं है, लेकिन मैं इतना जरूर कहूंगी कि मैं अपनी भाषा और संस्कृति को लेकर बहुत गर्व महसूस करती हूं।” सन नियो के शो ‘छठी मैया की बिटिया’ में देवी कृतिकायेन का छह अलग-अलग रूप धारण करने वाली अभिनेत्री सारा ने कहा, “देवी कृतिकायेन का किरदार निभाने के लिए मुझे कुछ संस्कृत शब्दों के साथ शुद्ध हिंदी का इस्तेमाल करना पड़ता है। यह थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन मेरे लिए बहुत ही फायदेमंद भी है। हिंदी भाषा में पारंगत न होने के की वजह से मुझे कभी भेदभाव का सामना नहीं करना पड़ा चूंकि मेरी हिंदी काफी अच्छी है और मैं संस्कृत भी अच्छे से बोल लेती हूं। कभी-कभी, अनजाने में, मेरी भाषा की अच्छी पकड़ से आसपास के लोग खुद को थोड़ा असहज महसूस कर सकते हैं, क्योंकि मैं हिंदी भाषा में पारंगत हूं।” ‘छठी मैया की बिटिया’ एक दिलचस्प पारिवारिक ड्रामा है, जिसमें वैष्णवी (बृंदा दहल द्वारा अभिनीत किरदार) नाम की एक अनाथ लड़की छठी मैया (देवोलीना भट्टाचार्जी द्वारा अभिनीत किरदार) को अपनी माँ मानती हैं। (हिफी)

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