अध्यात्म

जीवन का सुगम मार्ग है हिन्दू धर्म-1

धर्म की चर्चा, व्याख्या और वाद-विवाद ने भ्रम की स्थिति उत्पन्न कर दी है। कुछ लोगों का दुराग्रह समाज मंे विघटन भी पैदा करता है हिन्दू धर्म को पूजा-पाठ और यज्ञ-हवन तक ही सीमित नहीं किया जा सकता। यह जीवन का सुगम मार्ग है। हमंे कत्र्तव्य की शिक्षा देता है। वल्र्ड पापुलेशन रिव्यू की एक रिपोर्ट के अनुसार वर्ष 2020 तक हिन्दू धर्म विश्व का तीसरा सबसे बड़ा धर्म था। पहले स्थान पर ईसाई धर्म और दूसरे स्थान पर इस्लाम धर्म है। कितने ही हिन्दुओं को लालच और प्रताड़ना से ईसाई और मुस्लिम धर्म में शामिल किया गया, इसके आंकड़े नहीं हैं। यदि सही आंकड़े मिल जाएं तो आज भी हिन्दू धर्म को मानने वाले भी सबसे ज्यादा हो जाएंगे। हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश मंे जिस तरह हिन्दुओं को जबरन इस्लाम धर्म मंे लाया गया, यह किसी से छिपा नहीं है।
2020 तक दुनिया की 85 फीसद आबादी किसी न किसी धर्म से जुड़ी थी। ईसाई धर्म और इस्लाम सबसे बड़े धर्म हैं, जबकि हिंदू, बौद्ध और लोक धर्म भी बड़ी जनसंख्या का हिस्सा है। हिंदू धर्म दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है। यहां हिंदू धर्म मानने वालों की संख्या 1.16 अरब है। विश्व में इसकी साझेदारी लगभग 15 फीसदी है। मुख्य रूप से भारत और नेपाल में हिंदू धर्म का पालन होता है। हिंदू धर्म को सनातन धर्म भी कहा जाता है। यह वेद, उपनिषद, गीता और पुराण जैसी ग्रंथ परंपराओं पर आधारित है और इसका प्रभाव योग, ध्यान और संस्कृति के माध्यम से पूरी दुनिया में फैला है। दुनिया में चैथा सबसे बड़ा धर्म बौद्ध है। इसकी स्थापना गौतम बुद्ध ने की थी और इसका मूल भारत में है। इसको मानने वालों की संख्या 50.7 करोड़ है। इस धर्म को मानने वाले लोग चीन, जापान, थाईलैंड, श्रीलंका, म्यांमार और तिब्बत में रहते हैं। बौद्ध धर्म अहिंसा, ध्यान और निर्वाण की अवधारणा पर केंद्रित है। यह विशेष रूप से पूर्वी एशिया की सांस्कृतिक पहचान का हिस्सा है। इसके अलावा लोक धर्म को मानने वाले लोगों की जनसंख्या अच्छी-खासी है, जो खासकर समुदायों और जनजातियों में पीढ़ी-दर-पीढ़ी चली आ रही हैं। इसकी संख्या 43 करोड़ है। इसमें अफ्रीकी पारंपरिक धर्म, चीनी लोक धर्म, मूल अमेरिकी और ऑस्ट्रेलियाई आदिवासी आस्थाएं शामिल हैं। दुनिया में दूसरे अन्य छोटे धर्म के लोग रहते हैं। ये वे हैं, जिनके अनुयायी संख्या में कम हैं, लेकिन सांस्कृतिक और ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण हैं। इसमें शिंतो (जापान), ताओ धर्म (चीन), सिख धर्म (भारत) और जैन धर्म (भारत) हैं। इनकी जनसंख्या मिलाकर 6.1 करोड़ है।
2020 के आंकड़े बताते हैं कि धर्म अभी भी मानव समाज की पहचान और जीवन का एक अहम हिस्सा है। ईसाई धर्म और इस्लाम सबसे बड़े धर्म हैं। दुनिया की लगभग 85 फीसदी आबादी किसी न किसी धर्म से जुड़ी हुई है। इसका मतलब है कि धार्मिक विश्वास और परंपराएं आज भी मानव समाज के केंद्र में हैं। चाहे वह ईसाई धर्म हो, इस्लाम, हिंदू धर्म। सभी मिलकर पूरी दुनिया की संस्कृति और राजनीति को गहराई से प्रभावित करते हैं। धर्म केवल विश्वास का विषय नहीं है, बल्कि यह सामाजिक संरचना, जीवनशैली और अंतरराष्ट्रीय संबंधों पर भी असर डालता है। धर्मों की वैश्विक जनसंख्या का अध्ययन करना यह समझने के लिए महत्वपूर्ण है कि आने वाले समय में दुनिया किस दिशा में जाएगी।
ए वल्र्ड पापुलेशन रिव्यू की रिपोर्ट के मुताबिक ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है। 2020 में इसके अनुयायियों की संख्या लगभग 2.38 अरब थी। ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है। यह पूरी दुनिया की कुल आबादी का लगभग 31 फीसद हिस्सा है। ईसाई धर्म यूरोप, अमेरिका और अफ्रीका में प्रमुख है। ईसाई धर्म में अलग-अलग आस्था से जुड़े लोग हैं, जिसमें कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ईस्टर्न ऑर्थोडॉक्स शामिल हैं। इनकी धार्मिक परंपराएं और उपासना पद्धतियां अलग-अलग होने के बावजूद सभी यीशु मसीह के संदेश पर आधारित हैं। दुनिया में इस्लाम दूसरा सबसे बड़ा धर्म है। इस्लाम अनुयायियों की संख्या के हिसाब से दूसरे स्थान पर है। इसके अनुयायियों की संख्या 1.91 अरब है। यह दुनिया की कुल आबादी का लगभग 25 फीसद हिस्सा है। इस्लाम के अनुयायी मुख्य रूप से मध्य एशिया, मध्य-पूर्व, इंडोनेशिया, पाकिस्तान और अफ्रीका में पाए जाते हैं। जनसंख्या शोधकर्ताओं का अनुमान है कि 2050 तक इस्लाम ईसाई धर्म के बराबर पहुंच जाएगा। इसका कारण मुस्लिम बहुल देशों में उच्च जन्म दर को माना जा रहा है।
हिंदू धर्म, जिसे सनातन धर्म या वैदिक धर्म भी कहते हैं, दुनिया के सबसे प्राचीन धर्मों में से एक है, जिसकी जड़ें भारत की हजारों साल पुरानी संस्कृति में गहराई से जमी हैं। यह एक संस्थापक-विहीन धर्म है, बल्कि कई परंपराओं, दर्शनों और प्रथाओं का एक संगम है। हिंदू धर्म पुनर्जन्म, कर्म (कारण और प्रभाव का नियम), और मोक्ष (संसार के चक्र से मुक्ति) में विश्वास पर आधारित है, और इसमें ब्रह्मा, शिव, और विष्णु जैसे देवताओं की पूजा शामिल है। इसके प्रमुख ग्रंथ वेद, उपनिषद, पुराण, महाभारत और भगवद गीता हैं मनुष्य का सबसे बड़ा धर्म मानवता है, जो किसी व्यक्ति के दूसरों के प्रति दया, प्रेम, करुणा और सेवा के भाव को दर्शाता है। यह अवधारणा सभी विशिष्ट धार्मिक सिद्धांतों से ऊपर है और इसके माध्यम से एक बेहतर व करुणामयी समाज का निर्माण किया जा सकता है। हालांकि, अनुयायियों की संख्या के आधार पर ईसाई धर्म दुनिया का सबसे बड़ा धर्म है।
हिन्दू धर्म को विश्व का सबसे प्राचीन धर्म माना जाता है। हिन्दू शब्द की उत्पति भारत की प्रमुख सभ्यता सिन्धु घटी सभ्यता, प्रमुख नदी सिंधु नदी तथा भारत के प्रहरी हिमालय के नाम से मिलाकर मानी जाती है। इस धर्म को सनातन और वैदिक धर्म भी कहा जाता है। जनसंख्या के मामले में हिन्दू दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा धर्म है जिसके अनुयायी एशिया के कई देशों में अधिक संख्या में पाए जाते हैं। नेपाल और भारत एक हिन्दू बहुल देश है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार इस धर्म की उत्पत्ति मानव की उत्पत्ति के पूर्व हुई थी परंतु विद्वानों के अनुसार इस धर्म का प्रारंभ स्वयंभुव मनु के काल में हुआ था। हालांकि ऐतिहासिक साक्ष्यों के अनुसार इस धर्म की उत्पत्ति का इतिहास सिंधु घाटी सभ्यता से पूर्व का माना जाता है। अनुमानित 15 हजार ईसा पूर्व इस धर्म की उत्पत्ति हुई थी।
इस धर्म की स्थापना किसी एक व्यक्ति विशेष ने नहीं की है। कहते हैं कि जिन्होंने ऋग्वेद की रचना की उन ऋषियों और उनकी परंपरा के ऋषियों ने इस धर्म की स्थापना की है जिनमें ब्रह्मा, विष्णु, शिव, अग्नि, आदित्य, वायु और अंगिरा का नाम प्रमुखता से लिया जाता है। इनके साथ ही प्रारंभिक सप्तऋषियों का नाम लिया जाता है। ब्रह्म (ईश्वर) से सुनकर हजारों वर्ष पहले जिन्होंने वेद सुनाए, वही संस्थापक माने जाते हैं। -क्रमशः (मोहिता स्वामी-हिफी फीचर)

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