विश्व-लोक

आतंकवाद पर यूएनएससी में भारत ने पाकिस्तान को जमकर धोया

भारत ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद यानी कि यूएनएससी में साफ-साफ कहा कि वह सीमा पार से आने वाले आतंकवाद और गैरकानूनी हथियारों की तस्करी से जूझ रहा है। पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए भारत के स्थायी प्रतिनिधि राजदूत परवथनेनी हरीश ने सोमवार को कहा कि यूएनएससी को ऐसे लोगों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनानी चाहिए जो इन हथियारों की सप्लाई और इस्तेमाल में मदद करते हैं या स्पॉन्सर करते हैं। हरीश ने यूएनएससी की स्मॉल आर्म्स पर ओपन डिबेट में कहा, भारत कई दशकों से आतंकवाद की मार झेल रहा है। इसलिए हमें छोटे हथियारों और गोला-बारूद के राज्य-विरोधी तत्वों और आतंकी गुटों तक पहुंचने के खतरे अच्छी तरह पता हैं। बता दें कि हरीश की यह टिप्पणी दिल्ली के लाल किले इलाके में 10 नवम्बर शाम हुई एक खतरनाक धमाके के कुछ घंटे बाद आई। इस धमाके में एक धीमी गति से चल रही कार ट्रैफिक सिग्नल पर फट गई, जिसमें 12 लोग मारे गए और कई अन्य घायल हो गए। धमाका लाल किले मेट्रो स्टेशन के पास हुआ। पाकिस्तान की तरफ इशारा करते हुए हरीश ने कहा, भारत सीमा पार आतंकवाद से पीड़ित रहा है, जिसमें हमारे बॉर्डर पर तस्करी किए गए गैरकानूनी हथियारों का इस्तेमाल होता है। अब तो ड्रोन्स का भी सहारा लिया जा रहा है। ऐसे हथियारों की मात्रा और तकनीक में इजाफा बता रहा है कि ये ग्रुप्स बिना किसी की मदद, फंडिंग या सपोर्ट के नहीं चल सकते।श्भारत ने न्छैब् से कहा कि छोटे हथियारों और गोला-बारूद की गैरकानूनी तस्करी आतंकी संगठनों और सशस्त्र ग्रुप्स को जिंदा रखने का बड़ा कारण बनी हुई है। उन्होंने कहा, इन तक लगातार हथियार पहुंचना साबित करता है कि इनकी खरीद को रोकने के लिए मिलकर काम करना जरूरी है। सुरक्षा परिषद को हर तरह के आतंकवाद और उसके मददगारों, स्पॉन्सरों, फंड देने वालों या हथियारों की सप्लाई करने वालों के खिलाफ जीरो टॉलरेंस दिखाना होगा। भारत ने यह भी जोर दिया कि परिषद द्वारा लगाए गए हथियार प्रतिबंध (आर्म्स एम्बार्गो) संघर्ष वाले इलाकों में हथियारों की सप्लाई रोकने का अहम टूल हैं। इन्हें बिना पक्षपात के लगातार और निष्पक्ष तरीके से लागू करना चाहिए।
हरीश ने बताया कि छोटे हथियारों का गैरकानूनी व्यापार और तस्करी अंतरराष्ट्रीय शांति और सुरक्षा के लिए बड़ा खतरा बने हुए हैं। यह समस्या बहुआयामी है और विकास, सुरक्षा, मानवीय और सामाजिक-आर्थिक पहलुओं पर असर डालती है। भारत इन हथियारों की गैरकानूनी ट्रेड को रोकने, खत्म करने और नियंत्रित करने को बहुत अहम मानता है। इसके लिए सुरक्षा और विकास दोनों पहलुओं पर एकीकृत तरीके से काम करना होगा।

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