
वह देखों कितनी सुंदर तितली है, मोना ने सोना से कहा सोना बोली रूको मैं पकड़ती हूं। यह कहते हुए सोना तितली की तरफ दौड़ी और पल भर में तितली उसकी मुट्ठी में आ गई।
मोना बोली मैं इसे अपने घर ले जाऊंगी तो सोना ने उसे टोका, मैंने इसको पकड़ा है मैं ले जाऊंगी इसे अपने साथ।
आखिर मंे फैसला सोना के हक में हुा और सोना उस तितली को अपने घर ले गई। मोना ने दिल ही दिल मंे कहा जा तेरी मेरी कट्टी।रात हुई सोना सोने लगी उसके कानों में आवाज आई, सोना-सोना घबराकर उठ बैठी। उसने चारों तरफ देखा। सामने वही तितली बैठी थी। उसने तितली से पूछा क्या बात है? तितली रोती हुई बोली सोना मुझे बगीचे में ले जाकर छोड़ दो न मुझे मत बंद करो। क्या तुम्हें नहीं मालूम कि अब जंगल से भी हमारा नाता टूट गया है। बगीचे हरियाली सब कुछ मुझसे जुदा हो गए। जरा सा खुली हवा में उड़ने का मौका मिला तो तुमने मुझे घर में लाकर बंद कर दिया। तितली की बात सुनकर सोना ने फौरन खिड़की से तितली को बाहर उड़ा दिया। उड़ते ही तितली बोली ईश्वर तुम्हारा भला करे। किसी को आजाद करना महान कार्य है।