भाजपा पर जगन्नाथ की कृपा

भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) पर उत्तर प्रदेश मंे भगवान राम पूरी तरह प्रसन्न नहीं दिखे लेकिन ओडिशा (उड़ीसा) मंे भगवान जगन्नाथ की कृपा भरपूर बरसी है। इसीलिए संसद के सेन्ट्रल हाल मंे नवनिर्वाचित एनडीए सांसदों के साथ बैठक मंे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भारत माता की जय के साथ जय श्रीराम न कहकर जय जगन्नाथ कहा था। भाजपा ने पहली बार पूर्वी भारत में पूर्ण बहुमत की सरकार बनायी है। ओडिशा विधानसभा की 147 सीटों मंे से भाजपा ने 78 पर कब्जा जमाया है। आदिवासी नेता मोहन मांझी को विधायक दल का नेता चुना गया है। इस प्रकार ओडिशा मंे भाजपा ने पहला मुख्यमंत्री आदिवासी को बनाया है। यहां पर एक दशक से बीजू जनता दल (बीजद) की सरकार थी और निवर्तमान मुख्यमंत्री नवीन पटनायक सादगी के लिए विख्यात थे। नवीन पटनायक को विपक्षी दलों केे महागठबंधन इंडिया मंे शामिल करने का बहुत प्रयास किया गया लेकिन कांग्रेस के वोट बैंक पर पलने वाले राजनीतिक दल कांग्रेस के साथ रहने मंे अब भी झिझकते हैं। अरविन्द केजरीवाल की आम आदमी पार्टी (आप) ने स्पष्ट रूप से घोषित कर दिया है कि हमारा कांग्रेस से गठबंधन 4 जून तक के लिए ही था अर्थात् लोकसभा चुनाव के नतीजे घोषित होने और हवा का रुख जानने के लिए विपक्षी दल गठबंधन करते हैं। ओडिशा में बीजद ने हवा का रुख समझने मंे गलती कर दी। भाजपा भी बीजद से समझौता करना चाहती थी लेकिन नवीन पटनायक एकला चलो की नीति पर चले और राज्य की सत्ता से हाथ धो बैठे। नवीन पटनायक को 51 विधायक ही मिल पाये हैं। हालांकि वह दूसरे नम्बर पर रहे हैं। कांग्रेस को 14 विधायक मिले और कम्युनिस्ट पार्टी आफ इंडिया (माक्र्ससिस्ट) अर्थात् सीपीआईएम को भी 1 विधायक मिला है। इस प्रकार विपक्ष भी मजबूत है। भाजपा को मुख्यमंत्री आवास के लिए भी मशक्कत करनी पड़ रही है क्योंकि नवीन पटनायक अपने घर नवीन आवास से ही मुख्यमंत्री का कामकाज देख रहे थे।
लगभग ढाई दशक बाद ओडिशा में सत्ता बदलने वाली बीजेपी ने राज्य में मोहन चरण माझी को नए मुख्यमंत्री के तौर पर चुना है। यूपी-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़ की तरह ही ओडिशा में भी बीजेपी ने एक सीएम और दो डिप्टी सीएम वाला फॉर्मूला लागू किया है। ओडिशा के दो डिप्टी सीएम होंगे, जिनमें से एक महिला पार्वती फरीदा और दूसरे केवी सिंह देव राज्य के डिप्टी सीएम होंगे। मोहन माझी ओडिशा की राजनीति में पहली बार बड़े फलक पर उभरे हैं। विधानसभा चुनाव में बीजेपी नेता मोहन चरण माझी ने बीजू जनता दल की मीना माझी को 11,577 मतों के अंतर से हराकर क्योंझर विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। मोहन चरण माझी चार बार के विधायक हैं। उन्होंने साल 2000 से 2009 के दौरान दो बार क्योंझर का प्रतिनिधित्व भी किया। इसके बाद मोहन चरण मांझी ने साल 2019 में बीजेपी के टिकट पर क्योंझर से चुनाव लड़ा था और जीत दर्ज की थी। मोहन चरण माझी का जन्म 6 जनवरी 1972 को ओडिशा के क्योंझर में हुआ। वह अनुसूचित जनजाति से आते हैं और उन्होंने डॉ प्रियंका मरांडी से शादी की है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरूआत सरपंच (1997-2000) के तौर पर की थी। इसके बाद उन्होंने साल 2000 में पहली बार विधायक का चुनाव लड़ा और जीत दर्ज की। बीजेपी ने उन्हें राज्य आदिवासी मोर्चा का सचिव भी बनाया। इसके अलावा वह राज्य एसटी मोर्चा के महासचिव और 2005 से 2009 तक सरकारी उप मुख्य सचेतक भी रहे।
मोहन चरण माझी ओडिशा के 15वें मुख्यमंत्री होंगे, जब उन्होंने पहली बार विधानसभा का चुनाव जीता था, तब नवीन पटनायक ने राज्य के मुख्यमंत्री की कमान संभाली थी। इस प्रकार 24 साल के लंबे अंतराल के बाद ओडिशा विधानसभा में बीजेडी को करारी हार का सामना करना पड़ा है। बीजेपी ने विधानसभा चुनाव में राज्य की 147 सीटों में से 78 पर जीत हासिल की है। वहीं, बीजेडी को 51 सीटों, कांग्रेस को 14 और अन्य के खाते में चार सीटें आई हैं।
भाजपा को मुख्यमंत्री मिल गया लेकिन मुख्यमंत्री के लिए घर की तलाश की जा रही है। ओडिशा में इस समय कोई आधिकारिक मुख्यमंत्री आवास नहीं है और इसकी वजह हैं पूर्व मुख्यमंत्री नवीन पटनायक। दरअसल, पिछले 24 सालों से नवीन पटनायक अपने घर से ही मुख्यमंत्री के रूप में काम कर रहे थे। नवीन पटनायक के घर का नाम नवीन निवास है, यही पिछले 24 साल से मुख्यमंत्री आवास के रूप में जाना जाता रहा है लेकिन अब ओडिशा में नवीन बाबू का राज चला गया है और बीजेपी ने सत्ता हासिल कर ली है। ऐसे में नए सीएम के लिए मुख्यमंत्री आवास की खोज शुरू हो गई है। मुख्यमंत्री आवास फाइनल होने के बाद इसका रिनोवेशन किया जाएगा। इसमें कुछ समय लग सकता है। इसके बाद ही नए मुख्यमंत्री यहां रहना शुरू कर पाएंगे। ओडिशा के जनरल एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट बड़ी शिद्दत से नए सीएम आवास की खोज कर रहा है। एडमिनिस्ट्रेशन डिपार्टमेंट ने सीएम शिकायत कक्ष सहित कुछ खाली क्वार्टरों को शॉर्टलिस्ट कर लिया गया है। क्वार्टर फाइनल होने के तुरंत बाद रिनोवेशन का काम शुरू हो जाएगा। एक वरिष्ठ सरकारी अधिकारी ने कहा, अतीत में कुछ पूर्व कांग्रेस सीएम जेबी पटनायक और गिरिधर गोमांग राजभवन और एजी स्क्वायर के बीच स्थित एक सरकारी क्वार्टर में रहते थे। इस घर को बाद में नवीन द्वारा मुख्यमंत्री शिकायत कक्ष में बदल दिया गया। फिलहाल, सरकार उपयुक्त घर मिलने तक मुख्यमंत्री के अस्थायी आवास के लिए स्टेट गेस्ट हाउस में एक सुइट तैयार करने की योजना बना रही है।
भाजपा ने 147 सदस्यीय ओडिशा विधानसभा में 78 सीटें जीतकर बहुमत हासिल किया है। ओडिशा के वरिष्ठ सांसद धर्मेंद्र प्रधान के केंद्र सरकार में मंत्री नियुक्त किए जाने के बाद उनके राज्य का अगला मुख्यमंत्री बनने की संभावना खत्म हो गयी थी। इसके बाद सबकी नजरें ब्रजराजनगर क्षेत्र से विधायक सुरेश पुजारी पर थी, जो नयी दिल्ली बुलाया गया था। पुजारी के अलावा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मनमोहन सामल, के.वी. सिंह एवं मोहन मांझी भी मुख्यमंत्री पद की दौड़ में शामिल थे। अंततः मोहन मांझी का नाम फाइनल हुआ। इससे देश के आदिवासियों को संदेश दिया गया है। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)