विश्व-लोक

जयशंकर ने न्यूयार्क में महावाणिज्य दूतों के साथ किया सम्मेलन

अमेरिका के साथ टैरिफ पर चल रहे तनाव के बीच विदेश मंत्री एस जयशंकर ने न्यूयॉर्क में भारत के महावाणिज्य दूतों के साथ बड़ा सम्मेलन किया है। इस दौरान जयशंकर ने भारत-अमेरिका संबंधों को मजबूत करने को लेकर बड़ा निर्देश दिया है। विदेश मंत्री ने दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंधों और प्रवासी भारतीयों से संबंधी गतिविधियों को दिए जाने वाले समर्थन की समीक्षा भी की है। सम्मेलन की अध्यक्षता करने के बाद जयशंकर ने सोशल मीडिया पर एक ‘पोस्ट’ में कहा, ‘‘हमने द्विपक्षीय संबंधों और प्रवासी भारतीयों से संबंधी गतिविधियों के लिए समर्थन की समीक्षा की। भारत-अमेरिका साझेदारी को मजबूत करने के लिए हमारे दूतावास और वाणिज्य दूतावासों की प्रतिबद्धता एवं प्रयासों की सराहना करता हूं।’’ उन्होंने न्यूयॉर्क स्थित भारतीय महावाणिज्य दूतावास में आयोजित ‘‘महावाणिज्य दूत सम्मेलन’’ की अध्यक्षता की, जिसमें अमेरिका में भारतीय राजदूत विनय क्वात्रा, वाशिंगटन डीसी स्थित भारतीय दूतावास में मिशन उप प्रमुख नामग्या खम्पा के साथ-साथ अटलांटा, बोस्टन, शिकागो, ह्यूस्टन, लॉस एंजिलिस, न्यूयॉर्क, सैन फ्रांसिस्को और सिएटल स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावासों के सभी दूतों ने हिस्सा लिया।
महावाणिज्य दूत विनय प्रधान के नेतृत्व में न्यूयॉर्क स्थित भारतीय वाणिज्य दूतावास ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा कि वाणिज्य दूतावास परिसर में जयशंकर का स्वागत करना ‘‘सम्मान’’ की बात थी। वाणिज्य दूतावास ने कहा, ‘‘उनका नजरिया, मार्गदर्शन और नेतृत्व भारत-अमेरिका साझेदारी के लिए काम करने की हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है।’’ जयशंकर ने एक दिन पहले संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस से मुलाकात की थी। जयशंकर के साथ संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पी. हरीश, संयुक्त राष्ट्र में उप-स्थायी प्रतिनिधि राजदूत योजना पटेल और संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी मिशन के अधिकारी भी मौजूद थे।
जयशंकर ने कहा कि उन्होंने भारत के विकास और उन्नति के लिए
गुतारेस के स्पष्ट एवं निरंतर समर्थन के लिए उनका आभार व्यक्त किया और उम्मीद जतायी कि वह जल्द ही भारत यात्रा पर आएंगे। जयशंकर जी-7 समूह के विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए कनाडा में थे जहां उन्होंने अमेरिका के विदेश मंत्री मार्को रुबियो से मुलाकात की और अन्य वैश्विक समकक्षों के साथ द्विपक्षीय बैठकें कीं।

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