फिल्म के एक सीन को लिखने का पछतावा है जावेद को

साल 1972 में हेमा मालिनी की धर्मेंद्र और संजीव कुमार स्टारर फिल्म ‘सीता और गीता’ रिलीज हुई थी। फिल्म ने सिनेमाघरों में दस्तक देते ही बाक्स आफिस पर धूम मचा दी थी। रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित यह फिल्म हेमा मालिनी के करियर की सबसे हिट फिल्मों में शुमार हुई। लेकिन इसके एक सीन को लिखने का जावेद अख्तर को आज भी पछतावा है।
जावेद अख्तर बॉबी देओल और रणबीर कपूर की फिल्म एनिमल के कॉन्टेंट के विरोध में खुलकर सामने आकर बोलते हैं। उनको यह भी गर्व है कि उन्होंने अपने जीवन में कभी किसी ऐसी फिल्म या गाने को नहीं लिखा, जिसमें महिलाओं को नीचा दिखाया जाए, हालांकि एक फिल्म का सीन लिखने का पछतावा उन्हें आज भी है, जो काफी बड़ी हिट साबित हुई थी। जावेद अख्तर ने बताया कि उन्होंने वो फिल्म लिखी, लेकिन एक सीन को लिखना उन्हें काफी खलता है, ‘ उन्होंने कहा कि मैंन आज तक ऐसी कोई फिल्म या गाना नहीं लिखा, जिसमें मुझे लगा कि मैंने नारी का सम्मान नहीं किया लेकिन साल 1972 में आई सीता और गीता के एक सीन का मुझे पछतावा है। इसमें गीता (हेमा मालिनी) काफी सशक्त और तेज-तर्रार लड़की दिखाई है, बाद में उसकी जगह सीता आ जाती है, धर्मेंद्र उनके घर आकर खाना खाते हैं और कहते हैं कि खाना अच्छा बना है, मौसी कहती हैं कि आज खाना गीता ने बनाया है। इसके बाद वह गीता की इज्जत करने लगता है। हालांकि, इससे पहले वह उसे कभी सम्मान नहीं देता। ‘जावेद ने अपनी बात आगे रखते हुए कहा कि, ‘ये सीन मैंने भले ही उस दौर में लिख दिया। लेकिन आज फिल्म रिलीज होती तो मैं इसे कभी नहीं लिखता। उसे लिखने का मुझे अपराधबोध हुआ। गौरतलब है कि जावेद ने हर मौके पर रणबीर कपूर की विवादित फिल्म एनिमल पर कई बार विरोध में बात की है और अपनी नाराजगी भी जाहिर की है। वह कह चुके हैं कि फिल्म बनाने वालों से ज्यादा मूवी को हिट बनाने वालों का इसमें दोष है।
बता दें कि हेमा मालिनी ने साल 1972 में आई फिल्म ‘सीता और गीता’ में डबल रोल निभाया था। इस फिल्म में धर्मेंद्र और संजीव कुमार भी अहम भूमिका में नजर आए थे। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर धमाल मचा दिया था। (हिफी)