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जयंत की खीर से सियासत में उबाल

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

देश को सबसे ज्यादा सांसद देने वाले राज्य उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव-2024 को लेकर जीत के समीकरण बैठाये जा रहे हैं। बिहार में विपक्षी दलों की एकता के लिए हुई बैठक से भी यह जाहिर हो चुका है कि यूपी में विपक्ष को साथ रखना मुश्किल होगा। यहाँ की प्रमुख विपक्षी पार्टी बसपा की प्रमुख मायावती ने तो उसी समय तंज कसा था कि दिल मिले न मिले, हाथ मिलाते रहिए। उस समय भी पश्चिमी उत्तर प्रदेश में महत्वपूर्ण माना जाने वाला राष्ट्रीय लोकदल (रालोद) को लेकर सवाल उठाया जा रहा था कि वो किधर जाएगा। अटकलों को विराम देते हुए रालोद प्रमुख जयंत चैधरी ने कहा था कि रालोद सपा के साथ है और रहेगा। इसके बाद यह कयास लगाये जा रहे थे कि सपा कांग्रेस, रालोद और अन्य क्षेत्रीय दलों के साथ मिलकर लोकसभा चुनाव लड़ेगी। अभी 7 जुलाई को रालोद प्रमुख जयंत चैधरी ने दो ट्वीट किये हैं। पहले ट्वीट में कहा है-खिचड़ी, पुलाव, बिरियानी या खीर। कुछ भी खाइए…। इसके बाद उन्होंने ट्वीट किया है-चावल ही खाना है तो खीर क्यों न खाएं….। अब इस ट्वीट पर हलचल मची है। जयंत चैधरी की खीर का मतलब सत्ता की मलाई से तो नहीं है? तब तो संकेत साफ है रालोद किधर जाना चाहता है। हालांकि एक सप्ताह पहले ही जयंत चैधरी ने भाजपा में शामिल होेने की अटकलों के बीच योगी सरकार पर जमकर हमला बोला था। उन्होंने तंज भी कसा था और कहा-मैं नया सूट सिलवाऊं।
राष्ट्रीय लोकदल के अध्यक्ष जयंत चैधरी के ट्वीट से यूपी की सियासत में हलचल बढ़ गई है। बीजेपी में शामिल होने की अटकलों के बीच जंयत चैधरी के यह ट्वीट यूपी की राजनीति में चर्चा का विषय बने हुए हैं। जयंत के इन ट्वीट को लेकर सवाल उठने लगे कि आखिर जयंत क्या पका रहे हैं। कहीं जयंत का ये गठबंधन को लेकर कोई बड़ा इशारा तो नहीं है क्या जयंत कोई बड़ा संकेत देना चाहते हैं। माना जा रहा है कहीं जयंत का यह संकेत एनडीए को लेकर तो नहीं है। रालोद अध्यक्ष जयंत चैधरी ने ट्वीट कर लिखा है कि-खिचड़ी, पुलाव, बिरयानी जो पसंद है खाओ! वैसे चावल खाने ही हैं तो खीर खाओ! जयंत के इन ट्वीट ने उस बात को हवा देदी है जिसमें कहा जा रहा था कि जयंत चैधरी 2024 से पहले कोई बड़ा उलटफेर कर सकते हैं। हालांकि जयंत चैधरी ने पहले ही साफ कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होना चाहते हैं, लेकिन जयंत चैधरी के ये ट्वीट लोकसभा चुनाव 2024 में उलटफेर के रूप में देखे जा रहे हैं। बता दें कि इस समय में जयंत चैधरी की रालोद और अखिलेश यादव की सपा का गठबंधन है। हालांकि माना जा रहा है कि पिछले काफी समय से दोनों नेताओं के रिश्ते में दूरी आ गई है। विधानसभा चुनाव में रालोद नेताओं को सपा के सिंबल पर भी चुनाव लड़ना पड़ा था और निकाय चुनाव में भी रालोद के क्षेत्र में सपा ने अपने प्रत्याशी उतारे थे। इस बात को लेकर रालोद के जमीनी कार्यकर्ताओं में काफी नाराजगी है। अब जयंत चैधरी के इस ट्वीट से फिर राजनीति तेज हो गई है। अब दोनों नेता लोकसभा चुनाव के लिए अपनी-अपनी रणनीति बना रहे हैं।
महाराष्ट्र में 2 जुलाई को बड़े सियासी उठापटक के बाद, उत्तर प्रदेश में भी सियासी फेरबदल को लेकर कयासाआराई शुरु हो चुकी है। इन कयासों को केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले और ओपी राजभर के साथ बीजेपी के कई नेताओं के बयानों ने हवा देने का काम किया। गत 3 जुलाई को राष्ट्रीय लोक दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयंत चैधरी बागपत पहुंचे। इस दौरान बीजेपी में शामिल होने की अटकलों को खारिज करते हुए कहा कि क्या आप चाहते हैं कि मैं नया सूट सिलवाऊं? उन्होंने कहा कि वह फिलहाल यहां एक सामाजिक कार्यकर्म में शामिल होने आए हैं, किसी राजनीतिक मंच पर होते तो खुल कर इस मुद्दे पर बात करते। बागपत पहुंचे जयंत चैधरी ने मीडिया से कहा कि यूपी में जंगल राज है। चंद्रशेखर आजाद पर हुए हमले से उन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा। वे बहुत बहादुर है और हर चीज के लिए तैयार हैं। आरएलडी अध्यक्ष जयंत चैधरी से महागठबंधन और अजित पवार द्वारा एनसीपी में बगावत कर महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने को लेकर कहा कि राजनीति में ये बातें होती रहती हैं। यह कोई नई बात नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार की राजधानी पटना में होने वाली महागठबंधन की अगले दौर की बैठक में वे जरुर शामिल होंगे। जयंत चैधरी ने कहा लोकसभा चुनाव 2024 में जनता अपना फैसला देगी। आजाद समाज पार्टी के प्रमुख चंद्रशेखर आजाद पर देवबंद में जानलेवा हमले के सवाल पर जयंत चैधरी ने कहा कि, ये यूपी में जंगल राज का सबसे बड़ा प्रमाण है। लोगों को जातिवादी जहर से बचना चाहिए। उन्होंने कहा कि जो लोग ऐसे नफरत को पनाह देते हैं वह खुद तबाह हो जाएंगे। जयंत चैधरी ने चंद्रशेखर आजाद तारीफ करते हुए कहा कि वे बहुत बहादुर हैं, उन पर इस तरह की चीजों से कोई प्रभाव नहीं पड़ने वाला है। इससे पहले आरपीआई (ए) के प्रमुख और केंद्रीय मंत्री रामदास अठावले ने दावा किया था कि महाराष्ट्र की तरह यूपी में भी सियासी फेर बदल हो सकता है। जयंत चैधरी बहुत जल्द एनडीए गठबंधन में शामिल हो सकते हैं। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओपी राजभर ने जयंत चैधरी का नाम लिए बगैर कहा कि सपा के कुछ विधायक सरकार में शामिल होना चाहते है, जबकि कुछ लोकसभा का टिकट चाहते है। कई नेता उनके संपर्क में हैं। इसी बीच बागपत दौरे पर आए राष्ट्रीय लोकदल अध्यक्ष जयंत चैधरी ने बीजेपी के
साथ जानें की अटकलों के बीच बयान देते हुए साफ कर दिया है कि वह बीजेपी में शामिल नहीं होंगे। रालोद प्रमुख ने साफ कहा है कि वह विपक्ष में ही रहेंगे।
उत्तर प्रदेश के 80 लोकसभा सीटों में से पश्चिमी यूपी से 27 सीटों का सर्वे सामने आया है। इस सर्वे के अनुसार पश्चिमी यूपी में बीजेपी प्लस को बड़ा फायदा पहुंचने वाला है। वहीं इस सर्वे में सपा प्लस को बड़ा नुकसान होता दिखाई दे रहा है। सर्वे के अनुसार पश्चिमी यूपी में आगामी लोकसभा चुनाव में बीजेपी प्लस को 18-27 सीटें मिल सकती है। वहीं यूपी की विपक्षी पार्टी सपा प्लस को 02-05 सीटें मिलने की उम्मीद है। वहीं बीएसपी प्लस को 0-1 सीट मिल सकती है। आगामी लोकसभा चुनाव के लिहाज से उत्तर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटें बहुत खास हैं। यूपी की इन्हीं 80 सीटों से देश का मूड तय होना माना जाता है। उत्तर प्रदेश को अवध, पूर्वांचल, बुंदेलखंड, पश्चमी यूपी में बांटा गया है। पश्चिमी यूपी में कुल 27 लोकसभा सीटें है।
पिछले साल विधानसभा चुनाव में भी पश्चिमी यूपी में बीजेपी को जबरदस्त फायदा हुआ था। यहां की जाट-मुस्लिम समीकरण के बावजूद बीजेपी ने यहां की कुल 136 विधानसभा सीटों में से 94 सीटों पर कब्जा किया था। पश्चिमी यूपी के 22 जाट बहुल सीटों पर बीजेपी ने 16 पर जीत हासिल की थी। वहीं 2019 लोकसभा चुनाव में भी पश्चमी यूपी में बीजेपी को फायदा मिला था। पिछले लोकसभा चुनाव में यहां की 27 सीटों में से 19 सीटों पर बीजेपी ने जीत हासिल की थी, वहीं यहां की 8 सीटों पर महागठबंधन के उम्मीदवार जीते थे। 2019 लोकसभा चुनाव में पश्चमी यूपी में समाजवादी पार्टी और बहुजन समाज पार्टी ने 4-4 सीटें जीती थीं। (हिफी)

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