विश्व-लोक

ट्रम्प के आते ही नतमस्तक हो गये जिनपिंग

सबको बार-बार गीदड़ भभकी देने वाला चीन अब इतिहास की बात कर दुश्मनी खत्म करने की दुहाई दे रहा है। जिनपिंग ने इतिहास की दुहाई देकर कहा है कि टकराव से हमेशा नुकसान ही हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप चीन के कट्टर आलोचक रहे हैं। ऐसे में जिनपिंग की भाषा से लगता है कि ट्रंप के आते ही जिनपिंग अमेरिका के सामने नतमस्तक हो गया है। रंप ने अपने पहले कार्यकाल में 2018-19 में चीनी आयात पर 380 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का शुल्क लगाकर चीन के खिलाफ ट्रेड वार यानी व्यापार युद्ध छेड़ दिया था। उनका कहना था कि चीन अमेरिका को लूट रहा है। उनके उत्तराधिकारी जो बाइडन ने उस शुल्क को जारी रखा है, जिससे चीन के मुनाफे को नुकसान पहुंचा है। ट्रंप ने अपने चुनाव प्रचार के दौरान धमकी दी थी कि वह चीनी आयात पर 60 प्रतिशत से अधिक का शुल्क लगाएंगे। पिछले साल यह आयात 427.2 अरब अमेरिकी डॉलर का था। चीनी टेक को ब्लॉक करने सहित ट्रंप द्वारा अपनाई गई कई नीतियों को लेकर चीन-अमेरिका संबंध तनावपूर्ण हो गए थे। उन्होंने कोविड-19 महामारी के लिए भी चीन को जिम्मेदार ठहराया था। उनका कहना था कि वायरस वुहान की एक बायो-लैब से निकला है। ट्रंप के पिछले कार्यकाल में दोनों देशों के बीच सैन्य संबंध भी तनावपूर्ण बने हुए थे।
चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव में जीत पर बधाई दी। शी जिनपिंग ने कहा, ‘मैं चीन और अमेरिका से पारस्परिक रूप से लाभकारी सहयोग का विस्तार करने का आग्रह करता हूं। मैं नए युग में चीन और अमेरिका के साथ आने के लिए सही रास्ता चाहता हूं।’ उन्होंने कहा कि दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं वाले दोनों देशों को बातचीत और संवाद को मजबूत करना चाहिए। जिनपिंग ने कहा कि इतिहास गवाह है कि चीन और अमेरिका को सहयोग से फायदा और टकराव से नुकसान हुआ है। डोनाल्ड ट्रंप ने अपने पहले कार्यकाल में चीन के खिलाफ सख्त नीति अपनाई थी। इसमें अमेरिका को होने वाले चीनी निर्यात पर 380 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक का शुल्क लगाना शामिल है। नतीजे सामने आने के बाद बीजिंग ने इस पर संयमित प्रतिक्रिया दी और कहा कि वह अमेरिकी लोगों की पसंद का सम्मान करता है।

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