न्याय विभाग ने तीन ईरानी गुर्गों पर लगाया ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान को हैक करने का आरोप

अमेरिका के न्याय विभाग ने डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति अभियान को हैक करने और मीडिया संगठनों को चोरी की गई जानकारी प्रसारित करने के संदेह में तीन ईरानी गुर्गों के खिलाफ आपराधिक आरोप लगाए हैं। मामले में न्याय विभाग ने कहा कि तीनों आरोपी हैकर ईरान के अर्धसैनिक बल रिवोल्यूशनरी गार्ड में कार्यरत थे और उनके अभियान में सरकारी अधिकारियों, मीडिया के सदस्यों और गैर-सरकारी संगठनों समेत कई तरह के लोगों को निशाना बनाया गया था। बता दें कि ट्रंप के अभियान ने 10 अगस्त को खुलासा किया कि उसे हैक कर लिया गया था और उसने कहा कि ईरानी गुर्गों ने संवेदनशील आंतरिक दस्तावेजों को चुराया और मीडिया संगठनों में वितरित किया। कई प्रमुख समाचार संगठनों ने कहा कि उन्हें ट्रंप अभियान के अंदर से गोपनीय जानकारी लीक कर दी गई थी, जिनमें पोलिटिको, द न्यूयॉर्क टाइम्स और द वाशिंगटन पोस्ट शामिल हैं, लेकिन उन्होंने इसे प्रकाशित करने से इनकार कर दिया। अमेरिकी खुफिया अधिकारियों ने बाद में ईरान को ट्रंप अभियान को हैक करने और जो बाइडन-कमला हैरिस अभियान में सेंध लगाने के प्रयास से जोड़ा। उन्होंने कहा कि हैक-एंड-डंप ऑपरेशन का उद्देश्य कलह फैलाना, अमेरिकी समाज के भीतर विभाजन का फायदा उठाना और संभावित रूप से चुनावों के नतीजों को प्रभावित करना था, जिसे ईरान अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों पर पड़ने वाले प्रभाव के संदर्भ में विशेष रूप से महत्वपूर्ण मानता है। गत दिनों अधिकारियों ने यह भी खुलासा किया कि जून के अंत और जुलाई की शुरुआत में ईरानियों ने बाइडन अभियान से जुड़े लोगों को हैक की गई जानकारी के अंश वाले अनचाहे ईमेल भेजे। प्राप्तकर्ताओं में से किसी ने भी जवाब नहीं दिया। हैरिस अभियान ने कहा कि ईमेल स्पैम या फिशिंग प्रयास से मिलते जुलते हैं और ईरानियों तक पहुंच की निंदा करते हुए इसे अवांछनीय और अस्वीकार्य दुर्भावनापूर्ण गतिविधि बताया। यह अभियोग वाशिंगटन और तेहरान के बीच बढ़े हुए तनाव के समय आया है क्योंकि ईरान समर्थित हिजबुल्ला और इजराइल एक-दूसरे के खिलाफ हमले बढ़ा रहे हैं, जिससे एक पूर्ण युद्ध की संभावना के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।