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आधी आबादी के लिए न्याय आवश्यक   : धनखड़

नयी दिल्ली। उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम को एक “युगांतकारी” करार देते हुए कहा कि जब तक 50 प्रतिशत मानवता के लिए न्याय सुनिश्चित नहीं किया जाता तब तक समाज का विकास नहीं हो सकता।
श्री धनखड़ ने आज राजस्थान में बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी एंड साइंस (बिट्स) पिलानी के छात्रों और संकाय सदस्यों को संबोधित करते हुए यह बात कही। उन्होंने महिलाओं को विधानसभाओं और लोकसभा में एक तिहाई आरक्षण देने के विधेयक का उल्लेख करते हुए कहा कि यह महिलाओं के अधिकारों की मान्यता और उनके अधिकार की पुष्टि है।
श्री धनखड़ ने आम जनता के जीवन को बेहतर बनाने के लिए शिक्षा को सबसे प्रभावी और प्रभावशाली यंत्र बताया और कहा कि इससे भारत के विकास में तेजी आएगी। उन्होंने कहा कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया में जवाबदेही और नागरिक भागीदारी के महत्व को सुदृढ़ करते हुए प्रत्येक नागरिक को संसद में याचिका प्रस्तुत करने का अधिकार है।
उन्होंने कहा कि जी-20 सदस्य के रूप में अफ्रीकी संघ को शामिल करना भारत के सभ्यतागत लोकाचार के साथ गहराई से मेल खाता है। भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर हस्ताक्षर को वैश्विक श्गेमचेंजरश् बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि भारत की भूमिका ने ‘ग्लोबल साउथ’ को विश्व मंच पर एक मजबूत आवाज दी है।.
भ्रष्टाचार को श्लोकतंत्र और विकास का हत्याराश् करार देते हुए, उपराष्ट्रपति ने कहा कि हाल के वर्षों में, सत्ता के दलालों के प्रभाव वाले सत्ता गलियारों को बेअसर करने के लिए महत्वपूर्ण प्रगति की गई है। कोई भी व्यक्ति कानून से ऊपर नहीं है। उन्होंने लोगों से भारतीय संस्थानों को कलंकित करने, बदनाम करने और कमजोर करने वाले भारत विरोधी वक्तव्यों का सक्रिय रूप से मुकाबला करने का आह्वान किया।

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