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निजी एयरपोर्ट ऑपरेटरों को ज्योतिरादित्य सिंधिया का कड़ा संदेश

नयी दिल्ली। सरकार ने देश के तमाम बड़े हवाईअड्डों के निजी ऑपरेटरों को सख्त संदेश दिया कि उनकी वाणिज्यिक गतिविधियों के कारण यात्रियों के सुगम आवागमन में बाधा आती है तो सरकार इसे बर्दाश्त नहीं करेगी और यात्रियों के हक में हस्तक्षेप करेगी। केन्द्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में यह संदेश दिया। गौरतलब है कि सरकार का यह संदेश ऐसे समय आया है जब देश के 22 और हवाईअड्डों को संचालन के लिए निजी ऑपरेटरों को लीज पर दिये जाने की योजना पर काम चल रहा है। श्री सिंधिया ने कहा कि देश के प्रमुख हवाई अड्डों पर क्षमता विस्तार के लिए उठाये गये कदमों का असर दिखने लगा है और यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड बढ़ोत्तरी के बावजूद हवाईअड्डों पर सुगमता पूर्वक आवागमन सुनिश्चित हुआ है।
बताया कि एक वर्ष पहले हवाईअड्डे पर भारी भीड़ की शिकायतों के बाद उन्होंने स्वयं हवाईअड्डों पर जा कर स्थिति की समीक्षा की और सुरक्षा कर्मियों, आव्रजन स्टाफ, चेक-इन काउंटरों, प्रवेश द्वारों और एक्सरे मशीनों एवं सुरक्षा जांच बिन्दुओं की संख्या में पर्याप्त वृद्धि की गयी और हवाई अड्डो पर यात्रियों के लिए स्थान की कमी दूर करने के लिए वीआईपी लाउंज सहित तमाम वाणिज्यिक प्रतिष्ठानों, शो रूमों को या तो बंद किया गया या शिफ्ट किया गया। इन कदमों के कारण आज यात्रियों की संख्या में रिकॉर्ड वृद्धि होने के बावजूद हवाईअड्डों पर सुगमता से आवागमन हो रहा है और भीड़ की बात पुरानी हो गयी है। नागर विमानन मंत्री ने कहा कि हवाईअड्डे चाहे निजी हों, संयुक्त उपक्रम हों या सरकार के अधीन हों, सबकी पहली प्राथमिकता जनता और यात्री हैं। उन्होंने कहा, “हमें जो करना था, हमने कर दिया। हमारी जवाबदेही जनता के प्रति, यात्रियों के प्रति है, उसका निर्वाह किया गया है। यह स्पष्ट किया गया है कि हमारी प्राथमिकता यात्री ही होनी चाहिए।

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