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के. कविता को सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत

नयी दिल्ली। न्यायमूर्ति बी आर गवई और न्यायमूर्ति के वी विश्वनाथन की खंडपीठ ने तेलंगाना की विधान पार्षद की ओर से दिल्ली उच्च न्यायालय के एक जुलाई के उस आदेश को चुनौती देने वाली याचिका पर यह आदेश पारित किया, जिसमें बीआरएस नेता को जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि दिल्ली उच्च न्यायालय का यह आदेश कि किसी महिला को जमानत में छूट सिर्फ इसलिए नहीं दी जा सकती, क्योंकि वह शिक्षित और स्वतंत्र है, गलत है। इसे रद्द किया जाना चाहिए।
शीर्ष न्यायालय ने कहा, हमें लगता है कि एकल न्यायाधीश (दिल्ली उच्च न्यायालय) ने कानून लागू करने में खुद को पूरी तरह से गलत दिशा में निर्देशित किया है। कथित घोटाले के मामले में दोनों केंद्रीय एजेंसियों द्वारा दर्ज मामलों में जमानत की गुहार लगाई थी।श्री रोहतगी ने सुनवाई के दौरान सुश्री कविता का पक्ष रखते हुए खंडपीठ के समक्ष कहा था कि याचिकाकर्ता पांच महीने से जेल में बंद हैं। वह जमानत की हकदार है, क्योंकि उनका मामला मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया के मामलों से संबंधित फैसलों में शामिल है।
श्री सिसोदिया को पिछले दिनों शीर्ष अदालत ने जमानत पर रिहा किया था, जबकि श्री केजरीवाल न्यायिक हिरासत में जेल में बंद हैं। श्री केजरीवाल को लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान अंतरिम जमानत दी गई थी।
सुनवाई के दौरान ईडी ने दावा किया था कि सुश्री कविता ष्साउथ ग्रुपष् की एक प्रमुख सदस्य थी, जिस पर राष्ट्रीय राजधानी में आबकारी लाइसेंसों के एक बड़े हिस्से के लिए दिल्ली में सत्तारूढ़ आम आदमी पार्टी (आप) को 100 करोड़ रुपये की रिश्वत देने का आरोप है। ईडी ने आरोप लगाया था कि मामले के एक आरोपी विजय नायर ने कथित तौर पर सरथ रेड्डी, सुश्री कविता और मगुंटा श्रीनिवासुलु रेड्डी द्वारा नियंत्रित ष्साउथ ग्रुपष् से आप नेताओं की ओर से कम से कम 100 करोड़ रुपये की रिश्वत ली।

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