उत्तर प्रदेश

काशी-अयोध्या केवल आध्यात्मिक चिंतन का आधार नहीं, यूपी में अनंत काल से टेक्सटाइल की संभावनाएं: सीएम योगी

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में शनिवार को पीएम मित्र पार्क इन्वेस्टर्स मीट का आयोजन किया गया। इसमें सीएम योगी आदित्यनाथ, कैबिनेट मंत्री राकेश सचान समेत कई व्यापारियों ने हिस्सा लिया। कार्यक्रम में उद्यमियों और मंत्री ने अपनी-अपनी बातें रखीं। यूपी में इन्वेस्ट करने पर चर्चा की गई। इस अवसर पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा कि प्रधानमंत्री ने भारत को टेक्सटाइल हब के रूप में स्थापित करने का मिशन बनाया है। सीएम रहने उन्होंने गुजरात को टेक्सटाइल हब बनाया। अब इस विजन को देश में सात पार्क स्थापित करके बढ़ाया। यूपी देश का एकमात्र राज्य है जहां पार्क राजधानी में स्थित है।
आसपास के राज्यों की आबादी भी यूपी पर निर्भर है। तीन बेसिक जरूरतों में वस्त्र भी है। यहां एक ही स्थान पर डिजाइन, सिलाई और कटाई का काम होता है। प्रदेश में आठ वर्ष में सकारात्मक माहौल तैयार किया। 33 सेक्टोरल पॉलिसी वाला यूपी देश का पहला राज्य है। निवेश मित्र के माध्यम से 500 से ज्यादा क्लीयरेंस दिए गए।
सीएम ने कहा कि इंसेंटिव वितरण प्रक्रिया डीबीटी के माध्यम से करते हैं। निवेशक को मंच पर बुलाकर सम्मानित करते हैं। ताकि, ये पता चले हम धरातल पर काम कर रहे हैं। जो कहा वो करके दिखाया। यूपी टेक्सटाइल के बेहतरीन हब के रूप में स्थापित हो सकता है। इसमें आश्चर्य की बात नहीं है।
प्राचीन नगरी काशी और अयोध्या केवल आध्यात्मिक चिंतन का आधार नहीं थी। बल्कि, समृद्धि को भी नई ऊंचाई दी। वहां टेक्सटाइल की संभावनाएं अनंत काल से थी। वाराणसी में साड़ी, सिल्क क्लस्टर, कार्पेट के लिए वाराणसी, भदोही और मिर्जापुर का नाम आता है। अयोध्या के पास अम्बेडकरनगर वस्त्र का गढ़ बना। गोरखपुर के पास संत कबीरनगर, आजमगढ़, मऊ, लखनऊ में टेक्सटाइल का गढ़ है। पश्चिम में मेरठ और पिलखुआ भी हैं। सीएम ने आगे कहा कि पॉलिसी लागू करने का परिणाम है कि सप्लाई के ऑर्डर ज्यादा हैं। इसलिए तय किया कि यूपी में दस नए टेक्सटाइल पार्क बनेंगे। दो नए लेदर पार्क, संत रविदास के नाम पर बना रहे हैं। प्रधानमंत्री के विजन के तहत पीएम मित्र पार्क पांच एफ के तहत बढ़ाएंगे। रेडीमेड गार्मेंट्स में अनंत संभावनाएं हैं। बांग्लादेश की आबादी 16 करोड़ है। लेकिन, टेक्सटाइल में दुनिया भर में छा गया। 140 करोड़ की आबादी वाला भारत क्यों नहीं आगे बढ़ सका? ये सोचने वाली बात है।

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