फिल्मी

केरल की कोकिला हैं केएस चित्रा

गुमसुम, गुमसुम, ये हसीन वादियां, पायले चुनमुन और रात का नशा जैसे बेहतरीन गानों को गाने वाली दिग्गज गायिका के एस चित्रा, जिनका पूरा नाम कृष्णन नायर शांता कुमारी चित्रा है, जिनका जन्म केरल में हुआ। चित्रा को केरल की कोकिला भी कहा जाता है। 27 जुलाई 1963 को जन्मीं चित्रा ने दिग्गज फिल्म डायरेक्टर मणिरत्नम की फिल्म के लिए एक से एक गीत गाए हैं। चित्रा ने दिग्गज भारतीय संगीतकारों इलैयाराजा, ए.आर. रहमान और एम।एम किरवानी की धुनों पर ज्यादातर गाने गाए हैं। के.एस. चित्रा की आवाज सुनने के बाद किसी के भी दिल को बड़ा सुकून मिल सकता है।
दिग्गज गायिका चित्रा के पेरेंट्स टीचर्स थे और उन्हें संगीत विरासत से मिला है। चित्रा के पहले गुरु उनके पिता कृष्णन नायर थे। ऐसे में चित्रा ने पिता से ही सुर ताल की अच्छी शिक्षा ली और बचपन से गायकी शुरू कर दी। 1980 के दशक में उन्होंने तेलुगू भाषा में गाना शुरू कर दिया था। साल 1979 में चित्रा ने अपना पहला गाना गाया था। यह गाना साल 1983 में रिलीज हुई फिल्म अट्टाहसम में सुना गया था। चित्रा की आवाज को कई संगीतकारों ने दिल को छू जाने वाली आवाज कहा है। अगर आपने भी चित्रा का गाया एक भी गाना सुन लिया तो आप भी उनके फैन हो जाओगे। चित्रा अपनी सुरीली आवाज के चलते 6 बार नेशनल अवॉर्ड जीत चुकी हैं। पांच फिल्मफेयर पुरस्कार (दक्षिण) और 32 अलग-अलग राज्य फिल्म पुरस्कार अपने नाम किये हैं। मलयालम भाषा से गायकी की शुरुआत करने के बाद चित्रा ने तमिल, तेलुगू, कन्नड़ आदि साउथ भाषाओं में भी कई हिट गाने गाए। चित्रा ने दिग्गज तमिल म्यूजिक कंपोजर इलैयाराजा के साथ तमिल भाषा में गाने की शुरुआत की और 1985 में फिल्म नीतन अंत कुईल के लिए पूजा केता पूविठू गाना गाया, जिसे सुन इलैयाराजा खूब इंप्रेस हुए थे। वहीं, 1986 में फिल्म सिंधु भैरवी में गाने के लिए उन्हें प्लैबैक सिंगर का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था। इसके बाद चित्रा ने तमिल गानों की लाइन लगा दी। चित्रा साउथ भाषाओं के अलावा हिंदी, आसामी, पंजाबी, बंगाली और उड़िया समेत 9 भाषाओं में 25 हजार से ज्यादा गाने गा चुकी हैं। (हिफी)

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button