लंदन में लार्ड स्वराज पाॅल का निधन

मशहूर एनआरआई उद्योगपति और परोपकारी लॉर्ड स्वराज पॉल का 22 अगस्त शाम लंदन में 94 साल की उम्र में निधन हो गया। उन्हें हाल ही में अस्पताल में भर्ती कराया गया था और उन्होंने अपने परिवार के बीच आखिरी सांस ली। लॉर्ड स्वराज पॉल, जिन्होंने यूके में कैपारो ग्रुप ऑफ इंडस्ट्रीज की नींव रखी, का जन्म पंजाब के जालंधर में हुआ था। 1966 में वह अपनी बेटी अंबिका के इलाज के लिए ब्रिटेन गए थे। अंबिका का बाद में ल्यूकेमिया से निधन हो गया था। इसके बाद उन्होंने कैपारो ग्रुप की स्थापना की, जो स्टील, इंजीनियरिंग और प्रॉपर्टी जैसे क्षेत्रों में एक वैश्विक कंपनी बन गई। पॉल को याद करते हुए शुक्रवार को ब्रिटेन की कई हस्तियों ने उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की। वहीं, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी उनके निधन पर गहरी संवेदना जताई है। उन्होंने एक्स पर लिखा, श्श्री स्वराज पॉल जी के निधन से बहुत दुख हुआ। उद्योग, परोपकार और यूके में सार्वजनिक सेवा में उनके योगदान को हमेशा याद रखा जाएगा। भारत के साथ मजबूत रिश्तों के लिए उनकी कोशिशें भी अविस्मरणीय हैं। मुझे उनके साथ की गईं कई मुलाकातें याद आ रही हैं। उनके परिवार और चाहने वालों के प्रति मेरी संवेदनाएं। ओम शांति।श्लॉर्ड पॉल को 1996 में लाइफ पीयर बनाया गया था और उन्होंने हाउस ऑफ लॉर्ड्स में सक्रिय भूमिका निभाई। वह व्यापार, शिक्षा और उद्यमिता से जुड़ी समितियों में शामिल रहे। भारत और ब्रिटेन के बीच रिश्तों को मजबूत करने में उनकी कोशिशें हमेशा सराहनीय रहीं। परोपकार के क्षेत्र में भी लॉर्ड पॉल का बड़ा योगदान रहा। उन्होंने शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं के लिए कई अहम कदम उठाए। खास तौर पर, जब लंदन चिड़ियाघर बंद होने की कगार पर था, तब उन्होंने इसे बचाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और बच्चों के लिए बनाए गए सेक्शन समेत कई पहलों का समर्थन किया।
लॉर्ड स्वराज पॉल ब्रिटेन के सबसे अमीर एशियाई लोगों में से एक थे और दशकों तक व्यवसाय, राजनीति और परोपकार के क्षेत्र में एक चमकता सितारा बने रहे। वह भारतीय मूल के ऐसे पहले व्यक्ति थे, जिन्होंने 2008 में ‘हाउस ऑफ लॉर्ड्स’ के डिप्टी स्पीकर का पद संभाला और ब्रिटिश संसद में अपनी अलग पहचान बनाई। उन्होंने 2000 से 2005 के बीच भारत-ब्रिटेन गोलमेज सम्मेलन की सह-अध्यक्षता की और 1983 में भारत सरकार द्वारा उन्हें पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।