लेखक की कलम

भूपेश पर ‘महादेव’ का कोप

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
छत्तीसगढ़ में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल पर ‘महादेव’ का कोप नजर आ रहा है। यह देवों के देव महादेव का कोप नहीं बल्कि एक आनलाइन सट्टेबाजी का ऐप है। महादेव बैटिंग ऐप आनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था। इस पर लोग पोकर जैसे कार्ड गेम्स और अन्य गेम खेल सकते थे। इस ऐप की शुरुआत 2019 में भिलाई के रहने वाले सौरभ चन्द्राकर नामक व्यक्ति ने की थी। इस ऐप के जरिए क्रिकेट, फुटबाल, बैडमिंटन और टेनिस जैसे खेलों में सट्टेबाजी की जाती थी। इसमें कितने ही लोग कंगाल हो गये और जब इस ऐप से राजनीति के तार जुड़े पाये गये थे तो इसकी जांच केन्द्रीय जांच एजेंसी सीबीआई को सौंप दी गयी। सीबीआई ने इस संदर्भ में जो रिपोर्ट दर्ज की है उसमें पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के नेता भूपेश बघेल का नाम भी शामिल है। राज्य में भाजपा ने कांग्रेस से सत्ता छीनी थी, तभी से इस ऐप को लेकर राजनीतिक सरगर्मी तेज हो गयी थी। राज्य में पूर्व डिप्टी सीएम और कांग्रेस के नेता टीएस सिंह देव कहते हैं कि मैंने तो अपने होंठ सिल लिये हैं वरना एजेंसी कल मेरे घर भी पहुंच जाएगी। बहरहाल सीबीआई ने भूपेश बघेल समेत लगभग दो दर्जन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर रखा है और बीते 26 मार्च को सीबीआई ने छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, पश्चिम बगाल और दिल्ली में एक साथ 60 स्थानों पर छापेमारी की थी। भूपेश बघेल कथित शराब घोटाले में भी आरोपित हैं और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) इस संदर्भ में बघेल के आवास पर छापेमारी कर चुकी है। महादेव ऐप घोटाला करीब 6000 करोड़ का है।
सीबीआई द्वारा दर्ज कराई गयी प्रथम सूचना रिपोर्ट (एफआईआर) में कहा गया है कि महादेव बुक ऐप के मालिकों ने पुलिस-प्रशासनिक अधिकारियों और प्रभावशाली राजनीतिक व्यक्तियों को प्रोटेक्शन मनी के तौर पर बड़ी रमक दी ताकि उनकी अवैध गतिविधियों को नजरंदाज किया जाए। पैसा हवाला के जरिए दिया गया था।
केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई ने महादेव बेटिंग ऐप केस में छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम भूपेश बघेल को भी आरोपी के रूप में नामजद किया था। 18 दिसंबर 2024 को सीबीआई द्वारा दर्ज की गई एफआईआर में अब भूपेश बघेल के नाम का भी जिक्र है। इस मामले में सीबीआई ने भूपेश बघेल समेत कुल 21 लोगों पर मुकदमा दर्ज किया है। रिपोर्ट के मुताबिक सीबीआई ने एफआईआर में महादेव सट्टा एप के संचालक प्रमोटर रवि उप्पल, सौरभ चंद्राकर, शुभम सोनी और पिंटू, चंद्रभूषण वर्मा, असीम दास, सतीश चंद्राकर, नीतीश दीवान, अनिल अग्रवाल, विकास क्रिया, रोहित गुलाटी, विशाल आहूजा, धीरज अहूजा, अनिल अंबानी, सुनील दमानी, सिपाही भीम सिंह यादव, हरिशंकर ट्रिब्लेवाल, सुरेंद्र बागड़ी, सूरज चोखानी पुलिस अधिकारी पूर्व सीएम के ओएसडी और निजी व्यक्ति शामिल हैं।
गौरतलब है प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) महादेव ऐप से जुड़े धनशोधन मामले की जांच कर रहा है, जिसका खुलासा राज्य में पिछली कांग्रेस सरकार के दौरान हुआ था। ईडी ने पहले भी राज्य में इस मामले में कई छापे मारे थे और अवैध सट्टेबाजी व गेमिंग एप के दो मुख्य प्रवर्तकों सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल के खिलाफ अभियोजन शिकायतें (आरोप पत्र) दायर की थीं। महादेव बेटिंग एप ऑनलाइन सट्टेबाजी के लिए बनाया गया था। इस पर यूजर्स पोकर जैसे कार्ड गेम्स और अन्य गेम खेल सकते थे। इस एप के जरिए क्रिकेट, फुटबॉल, बैडमिंटन, टेनिस, जैसे खेलों में सट्टेबाजी भी की जाती थी। इसकी शुरुआत 2019 को छत्तीसगढ़ के भिलाई के रहने वाले सौरभ चंद्राकर ने की थी। हाल ही में प्रवर्तन निदेशालय ने कथित शराब घोटाले के मामले में बघेल के आवास पर छापेमारी की थी। राज्य सरकार ने पिछले साल सीबीआई को कथित महादेव घोटाले से संबंधित विभिन्न पुलिस थानों में दर्ज 70 मामले और राज्य में आर्थिक अपराध अन्वेषण शाखा (ईओडब्ल्यू) में दर्ज एक मामला सौंप दिया था।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के घर समेत देशभर की 50 जगहों पर सीबीआई ने छापेमारी की थी। महादेव सट्टा ऐप मामले में सीबीआई ने गत (26 मार्च) को दिल्ली, छत्तीसगढ़, भोपाल और कोलकाता में 50 जगहों रेड डाली थी। इसको लेकर कांग्रेस के सीनियर नेता भूपेश बघेल ने प्रेस कांफ्रेंस की थी।
सीबीआई के छापे को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल, पीसीसी चीफ दीपक बैज, नेता प्रतिपक्ष डॉ. चरणदास महंत की जॉइंट पीसी में बीजेपी की केंद्र और राज्य सरकार पर निशाना साधा। ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी के महासचिव भूपेश बघेल ने कहा, देशभर में 50 से अधिक स्थानों पर सीबीआई के छापे पड़े। इस घटना को उल्टा चोर कोतवाल को डांटे के रूप में देख सकते हैं। भूपेश बघेल ने कहा, महादेव सट्टा ऐप को लेकर सीएम रहते मैंने निर्देश दिए थे और 200 गिरफ्तारियां हुईं, 2000 खाते सीज किए गए, सैकड़ों इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स बरामद किए गए। हमने जुआ और सट्टा रोकने के लिए विधानसभा में विधेयक लाया। सबसे ज्यादा कार्रवाई हमारी सरकार में हुईं। पीसी में भूपेश बघेल ने कहा, जुआ-सट्टा पर रोक लगाने के लिए कड़े कानून लाकर कार्रवाई की गई। उसके 6 महीने बाद इस केस में ईडी की एंट्री हुई। महादेव सट्टा ऐप के ऑनलाइन बेटिंग के मुख्य सूत्रधार दुबई में बैठे रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर थे, जिनपर कार्रवाई के लिए हमने केंद्र सरकार को पत्र लिखा। इसके बाद ईडी ने कार्रवाई शुरू की। कांग्रेस नेता ने कहा, शिवम सोनी नाम के व्यक्ति की एंट्री हुई, जिन्होंने अपने आप को महादेव सट्टा का मालिक बताया। इस बीच छत्तीसगढ़ में सरकार बदल गई। ईडी ने एक सूची जारी की। छापे उन्हीं के ऊपर मारे गए, जिन अधिकारियों ने कार्रवाई की।
भूपेश बघेल ने कहा, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री से हमने आग्रह किया था कि 1 दिसंबर 2023 को हमने पत्र लिखा था कि रवि उप्पल और सौरभ चंद्राकर पर कार्रवाई करें, लेकिन उन पर कोई कार्रवाई नहीं हुई। अभी भी लगातार महादेव सट्टा चल रहा है क्योंकि पीएम मोदी और गृहमंत्री का पूरा संरक्षण है।
भूपेश बघेल ने कहा, अब छापेमारी करके केंद्र सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि जो भी महादेव सट्टा खिलाने वाले पर कार्रवाई करेगा, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। पिछले एक साल से कोई कार्रवाई नहीं हो रही है, मतलब बीजेपी सरकार प्रोटेक्शन मनी ले रही है।
छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आवास पर केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) की ओर से की गई रेड के बाद राजनीतिक हलचल तेज हो गई है। इस मामले में कांग्रेस सांसद के. सुरेश ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इसे भाजपा की पुरानी आदत बताया है। उन्होंने कहा कि भाजपा हमेशा से विपक्षी नेताओं और खासकर कांग्रेस पार्टी के नेताओं के खिलाफ सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल करती रही है। सुरेश ने इस मामले को कोई नया मुद्दा नहीं माना और इसे भाजपा की रोजाना की राजनीति का हिस्सा बताया। सांसद के. सुरेश ने कहा भाजपा सरकार हमेशा से ही सीबीआई और ईडी का इस्तेमाल विपक्ष के खिलाफ करती रही है। विशेष रूप से कांग्रेस पार्टी के पूर्व मंत्रियों और नेताओं के खिलाफ छापेमारी की जाती है। ये एक नियमित प्रक्रिया बन चुकी है और इसका कोई नया पहलू नहीं है। भाजपा इस तरह की कार्रवाई कर राजनीतिक फायदे उठाने की कोशिश करती है। बहरहाल, अभी तो बघेल ही शिकंजे में फंसे हैं। (हिफी)

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