राजनीतिलेखक की कलम

ममता बनर्जी का बदला रुख

 

राजनीति का महाभारत भी स्वार्थ, परमार्थ और पुरुषार्थ के सहारे ही लड़ा जाता है। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की नेता ममता बनर्जी ने चार दिन पहले ही कहा था कि 2024 के आम चुनाव में वह कांग्रेस का समर्थन करने को तैयार हैं बशर्ते कांग्रेस पश्चिम बंगाल मंे मेरा समर्थन करे अब ममता बनर्जी को अपना रुख बदलना पड़ रहा है क्योंकि कांग्रेस ने वांमपंथियों से तालमेल कर रखा है और माकपा नेता ने इंडिया गठबंधन को धता बताते हुए ममता बनर्जी के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही है। इसीलिए ममता बनर्जी को अपना रुख बदलना पड़ा है। उन्हांेने कहा अगर कांग्रेस ने पश्चिम बंगाल में माक्र्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) के साथ गठबंधन किया तो फिर उसे तृणमूल कांग्रेस से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद नहंीं पालनी चाहिए। इस प्रकार विपक्षी दलों के गठबंधन को पश्चिम बंगाल मंे भी करारा झटका लग सकता है। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माक्र्सवादी) पोलित ब्यूरो की नई दिल्ली में 16 एवं 17 सितम्बर को हुई बैठक मंे कहा गया कि पार्टी इंडिया गठबंधन की कोआर्डिनेशन कमेटी से बाहर रहेगी। हालांकि सीपीएम महासचिव सीताराम येचुरी इंडिया के सदस्यों की तीनों बैठकों मंे शामिल हुए लेकिन केरल और पश्चिम बंगाल में सीपीएम को गठबंधन से इसलिए दिक्कत है क्योंकि विपक्षी दल कांग्रेस और टीएमसी दोनों इंडिया के घटक हैं। बीते अगस्त में ही सीपीएम की केन्द्रीय समिति ने अपनी पश्चिम बंगाल यूनिट को 2024 मंे टीएमसी के खिलाफ लड़ने की इजाजत दे दी थी। हालांकि पार्टी ने दूसरे राज्यों मंे यूनिट्स को इंडिया के हिसाब से रणनीति बनाने को कहा है।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और तृणमूल कांग्रेस की प्रमुख ममता बनर्जी ने साफ कहा कि अगर कांग्रेस ने मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के साथ बंगाल में गठबंधन किया तो उसे फिर टीएमसी से किसी तरह की मदद मिलने की उम्मीद नहीं पालनी चाहिए। पटना में 23 जून को विपक्ष की एकता के लिए एक बड़ी बैठक से पहले ममता बनर्जी के इस बयान ने अब विपक्ष को एकजुट करने में लगे नीतीश कुमार के सामने एक बड़ा संकट खड़ा कर दिया है। काकद्वीप में एक जनसभा को संबोधित करते हुए ममता बनर्जी ने कहा कि कांग्रेस का कई राज्यों में शासन है, सीपीएम बंगाल में उनकी सबसे बड़ी सहयोगी है। वे भाजपा के बड़े सहयोगी हैं और वे संसद में हमारी मदद चाहते हैं। हम अभी भी बीजेपी का विरोध करने के लिए ऐसा करेंगे लेकिन याद रखें, बंगाल में अगर आप सीपीएम के साथ गठबंधन में हैं, तो लोकसभा चुनाव में हमारी मदद लेने न आएं। ममता बनर्जी के कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और राहुल गांधी के साथ विपक्षी दलों के मुख्यमंत्रियों और नेताओं के साथ 2024 से पहले भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने के लिए एक हफ्ते बाद मिलने की उम्मीद है। हालांकि ममता बनर्जी ने साफ कर दिया है कि कांग्रेस-सीपीएम समझौते के कारण इस तरह का गठबंधन बंगाल में काम नहीं कर सकता है। कांग्रेस और सीपीएम के गठबंधन पर ममता का ये बयान बंगाल में पंचायत चुनावों में त्रिकोणीय मुकाबले को देखते हुए आया है जिसमें कांग्रेस और सीपीएम एक साथ तृणमूल और भाजपा के खिलाफ गठबंधन में लड़ रहे हैं। सीपीएम ने 48,646 और कांग्रेस ने 17,750 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। एक साथ में सीपीएम-कांग्रेस गठबंधन ने भाजपा की तुलना में अधिक उम्मीदवार उतारे हैं, जिसने 56,321 उम्मीदवार उतारे हैं। गौरतलब है कि वाम-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवार के रूप में बायरन बिस्वास की सागरदिघी उपचुनाव में जीत और बाद में तृणमूल में उनके दलबदल ने भी ममता के कांग्रेस पार्टी के साथ संबंधों में दरार पैदा कर दी है।

ममता बनर्जी ने इससे पूर्व कहा था कि 2024 के लोकसभा चुनाव में जहां कांग्रेस मजबूत स्थिति में होगी, वहां उनकी पार्टी उसका समर्थन करेगी। यह पहली बार थाा जब बनर्जी ने आगे की चुनावी लड़ाई में विपक्षी एकता के लिए संभावित रणनीति पर तृणमूल कांग्रेस के रुख को लेकर स्थिति साफ की थी। ममता बनर्जी ने राज्य सचिवालय में संवाददाताओं से कहा, ‘जहां भी कांग्रेस मजबूत है, उन्हें लड़ने दीजिए। हम उन्हें समर्थन देंगे, इसमें कुछ भी गलत नहीं है लेकिन उन्हें अन्य राजनीतिक दलों का भी समर्थन करना होगा।’
तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने यह भी स्पष्ट किया था कि सीट बंटवारे के फार्मूले में उन क्षेत्रों में क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जाएगी, जहां वे मजबूत हैं। उन्होंने कहा, ‘मजबूत क्षेत्रीय दलों को प्राथमिकता दी जानी चाहिए।’ बनर्जी ने इससे पहले कर्नाटक में भाजपा के सत्ता गंवाने के बाद वहां के लोगों को सलाम किया था। उन्होंने हालांकि देश की सबसे पुरानी पार्टी का जिक्र करने से परहेज किया था।
उन्होंने कहा हाल के वर्षों में तृणमूल कांग्रेस और कांग्रेस में टकराव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि जहां भी कोई क्षेत्रीय राजनीतिक दल मजबूत होता है वहां भाजपा नहीं लड़ सकती। जो दल किसी क्षेत्र विशेष में मजबूत हैं, उन्हें मिलकर लड़ना चाहिए। मैं कर्नाटक में कांग्रेस का समर्थन कर रही हूं, लेकिन उसे बंगाल में मेरे खिलाफ नहीं लड़ना चाहिए।

टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी ने 2024 के चुनावों में कांग्रेस का समर्थन करने पर कहा, वे क्षेत्रों में कांग्रेस का समर्थन करने के लिए तैयार हैं, बशर्ते वे पश्चिम बंगाल में मेरा समर्थन करें। उन्होंने कहा, ‘जहां भी कांग्रेस अपनी-अपनी 200 सीटों पर मजबूत है, हमने जो गणना की है, उन्हें लड़ने दें, हम उनका समर्थन करेंगे।

13 सितंबर को दिल्ली में विपक्षी गठबंधन इण्डिया की कोऑर्डिनेशन कमेटी की पहली बैठक हुई। इस बैठक से ठीक पहले दुबई एयरपोर्ट पर श्रीलंका के राष्ट्रपति रानिल विक्रमसिंघे और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुलाकात हुई। इस मुलाकात के दौरान श्रीलंका के राष्ट्रपति ने ममता बनर्जी से जो कुछ भी पूछा उसे सुनकर ममता को भी यकीन नहीं हुआ। विक्रमसिंघे ने ममता बनर्जी से पूछा था, 2024 के इलेक्शन में क्या वो ही इण्डिया गठबंधन की अगुवाई करेंगी? इस पर ममता बनर्जी का रिएक्शन देखने वाला था। ममता बनर्जी ने इस सवाल के जवाब में चैंकते हुए मुस्कुराईं और कहा- ओह माई गाॅड ! जनता चाहेगी तो हम जरूर सत्ता में आएंगे। ये लोगों पर निर्भर करता है कि कौन विपक्ष यानी इण्डिया अलायंस की अगुवाई करेगा। इस बातचीत का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो हुआ था।। वीडियो में इस सवाल के बाद दोनों लोग हंसते हुए नजर आ रहे हैं। जाहिर है कि विपक्षी दलों के गठबंधन में ममता बनर्जी अपनी हैसियत कांग्रेस से कम नहीं समझती हैं। (हिफी)

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)

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