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भारत की बात सुनाने वाले मनोज कुमार नहीं रहे

(हिफी डेस्क-हिफी फीचर)
बॉलीवुड के दिग्गज अभिनेता मनोज कुमार का 87 साल की उम्र में निधन हो गया है। उन्होंने मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल में आखिरी सांस ली। अभी तक मिली जानकारी के अनुसार वो बीते कुछ समय से बीमार थे। इस वजह से ही उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। भारतीय सिनेमा में मनोज कुमार को भारत कुमार के नाम से जाना जाता है। उनके निधन से पूरे देश में शोक की लहर है।
मनोज कुमार ने अपने एक्टिंग करियर में देशभक्ति फिल्में ज्यादा की हैं। इसलिए फैंस उन्हें प्यार से भारत कुमार भी कहकर बुलाते थे। उनकी क्रांति और उपकार जैसी फिल्में खासी मशहूर हुईं। पूरब और पश्चिम (1970) की यह फिल्म भारतीय संस्कृति और पश्चिमी संस्कृति के टकराव पर आधारित थी, जिसमें मनोज कुमार ने एक देशभक्त युवा का किरदार निभाया था। यह फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई थी। इस फिल्म ने 4.7 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था। यह इस साल की चौथी सबसे ज्यादा कमाई की थी। इसी फिल्म मंे गीत था- भारत का रहने वाला हूं, भारत की बात सुनाता हूं…।
मनोज कुमार के निधन की खबर से उनके फैंस के साथ-साथ पूरा बॉलीवुड सदमे में है। सोशल मीडिया पर भी फैंस अपने चहेते कलाकार को याद कर भावुक हो रहे हैं। आपको बता दें कि मनोज कुमार ने चांद, हनीमून, कांच की गुड़िया, पिया मिलन की आस, सहारा, सुहाग सुंदूर, रेशमी रुमाल, क्रांति, उपहार जैसी फिल्मों में भी काम किया था। उन्हें नेशनल अवॉर्ड के साथ-साथ पद्म श्री और दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया था। उन्होंने ‘उपकार’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘पूरब पश्चिम’ जैसी फिल्में दीं। यह फिल्में उस दौरान में भी प्रासंगिक थीं और आगे भी रहेंगी। मनोज कुमार के निधन से बॉलीवुड में शोक की लहर है। फिल्म निर्माताओं ने इसे फिल्म के लिए बड़ी क्षति बताया तो गीतकार मनोज मुंतशिर व अन्य ने अपने गीतों की प्रेरणा बताया। वहीं, निर्माता-निर्देशक विवेक अग्निहोत्री ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा कि उनके जैसे देशभक्ति कलाकार मरा नहीं करते। मनोज कुमार ने हिन्दी सिनेमा को ‘उपकार’, ‘पत्थर के सनम’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’, ‘संन्यासी’ और ‘क्रांति’ जैसी सुपरहिट फिल्में दीं।
मनोज कुमार अपनी देशभक्ति फिल्मों के लिए जाने जाते थे। इसलिए लोग उन्हें भारत कुमार भी कहते थे। उन्होंने ‘क्रांति’, ‘पूरब और पश्चिम’, ‘उपकार’, ‘रोटी कपड़ा और मकान’ जैसी कई फिल्में बनाई और देशभक्ति के साथ-साथ समाज की कमियों और समाधान को अपनी फिल्मों में दिखाते थे। यहां हम आपको उनकी एक ऐसी फिल्म के बारे में बता रहे हैं, जिसकी कहानी उन्होंने मात्र 24 घंटे में लिखी। इस फिल्म को देश के दूसरे प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री ने बनाने के लिए कहा था।
साल 1965 में भारत-पाकिस्तान का युद्ध चल रहा था। इस दौरान लाल बहादुर शास्त्री ने जय जवान जय किसान का नारा दिया था। भारत ने इस युद्ध में जीत हासिल की थी। इस जीते के बाद इत्तेफाक से लाल बहादुर शास्त्री और मनोज कुमार की दिल्ली में मुलाकात हुआ। इस मुलाकात में लाल बहादुर शास्त्री ने उन्हें जवान और किसान को मिलाकर एक फिल्म बनाने की सलाह दी थी। दरअसल, मनोज कुमार साल 1965 में दिल्ली में फिल्म शहीद की स्क्रीनिंग में शामिल हुए थे। इसी स्क्रीनिंग में लाल बहादुर शास्त्री भी शामिल हुए थे। दोनों की मुलाकात हुई और लाल बहादुर शास्त्री ने बातों बात में कहा कि वह सेना और समाज पर फिल्में बनाते हैं, लेकिन देश का भरण-भोषण करने वाले-अन्न देने वाले किसानों पर कभी फिल्म नहीं बनाते। मनोज कुमार, लाल बहादुर शास्त्री की बात से काफी प्रभावित हुए और उन्होंने तुरंत उन्हें वादा कर दिया कि वह अन्न पैदा करने वाले किसानों पर फिल्म बनाएंगे। इस मुलाकात के बाद वह दिल्ली से मुंबई के लिए रवाना हुए। इस 24 घंटे के सफर में उन्होंने सेना और किसान पर फिल्म की कहानी लिख दी और इसका नाम ‘उपकार’ रखा।
साल 1967 में रिलीज हुई ‘उपकार’ में मनोज कुमार के साथ आशा पारेख, प्राण और प्रेम चोपड़ा समेत कई प्रतिभाशाली कलाकार थे। फिल्म ब्लॉकबस्टर हुई। इस फिल्म ने उस वक्त 6.80 करोड़ रुपए का कलेक्शन किया था। फिल्म ब्लॉकबस्टर रही थी। इसकी आईएमडीबी रेटिंग 7.6 है। फिल्म का गाना ‘मेरे देश की धरती’ एवरग्रीन बना। आज भी हिट है। 15 अगस्त या 26 जनवरी या फिर कोई भी देशभक्ति से भरा कार्यक्रम, सब में यह गाना आज भी खूब बजता है। इस गाने को महेंद्र कपूर ने गाया था।
70 के दशक में उन्होंने देशभक्ति से प्रेरित अपनी फिल्मों के जरिए भारत के लोगों पर गहरी छाप छोड़ी। अगर उन्हें भारत का देशभक्त कलाकार कहा जाए तो इसमें कोई हर्ज नहीं होगा। जहां, दूसरे कलाकारों ने कॉमेडी और एक्शन से ऑडियन्स का दिल जीता और सक्सेस हासिल की, वहीं, मनोज कुमार ने देशवासियों को फिल्मों के जरिए देशभक्ति का मतलब बताया। बॉलीवुड के कई सुपरस्टार्स ने अपने करियर में स्टारडम और खूब पैसा कमाया लेकिन मनोज कुमार ने सिर्फ दर्शकों का दिल जीता, वे पैसा कमाने में कई कलाकारों से पीछे रह गए। उन्होंने 60 के दशक में बॉलीवुड में डेब्यू किया, और 70 व 80 के दशक में खूब लोकप्रियता हासिल की। मनोज कुमार की मशहूर फिल्मों हरियाली और रास्ता, वो कौन थी?, हिमालय की गोद में, दो बदन, उपकार, पत्थर के सनम, नील कमल, पूरब और पश्चिम, रोटी कपड़ा और मकान और क्रांति के लिए उनको जाना जाता है। (हिफी)

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