लेखक की कलम

मरांडी ने सुलझायी सीट शेयरिंग

(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)
झारखण्ड मंे राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) का सीट शेयरिंग का मामला सहयोगी दलों को लेकर उलझ रहा था लेकिन बाबूलाल मरांडी ने इसे सुलझा दिया है। भाजपा को मुख्य रूप से आल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (आजसू) का साथ चाहिए था। इसीलिए मरांडी ने आजसू प्रमुख सुदेश महतो को राजनीतिक परिस्थिति की जानकारी दी। सुदेश महतो की भी समझ मंे आ गया कि भाजपा और आजसू जब साथ-साथ चुनाव लड़ते हैं तो सफलता मिलती है। इस प्रकार छोटे-मोटे विरोधों को नजरंदाज किया गया और राज्य में विधानसभा सीटों का बंटवारा हो गया है। इस समझौते के तहत भाजपा को सबसे ज्यादा सीटें (68) मिली हैं। आजसू 10 सीटों पर चुनाव लड़ेगी तो नीतीश कुमार की जद(यू) को सिर्फ 2 सीटों पर संतोष करना पड़ा है। चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) को भी एक सीट पर चुनाव लड़ने का अवसर दिया गया है। जद(यू) यहां 11 सीटों पर चुनाव लड़ने की मांग कर रही थी। झारखंड की 81 सदस्यीय विधानसभा मंे दो चरणों मंे मतदान होना है। पहले चरण का मतदान 13 नवम्बर को और दूसरे चरण का मतदान 20 नवम्बर को होगा। चुनाव परिणाम 23 नवम्बर को घोषित होंगे। मुख्य मुकाबला झारखण्ड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) और भाजपा के बीच ही माना जा रहा है।
झारखंड विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान होते ही सूबे में चुनावी बिगुल बज चुका है। हालांकि चुनाव में ज्यादा वक्त नहीं है। इसलिए राजनीतिक दलों ने तैयारी भी तेज कर दी है। इसी कड़ी में दिल्ली में भारतीय जनता पार्टी की चुनाव समिति की बैठक में झारखंड की लगभग सभी सीटों पर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक करीब 55 सीटों पर उम्मीदवारों का नाम फाइनल हो गया है, वहीं करीब 10-12 सीटों पर नाम को तय करने की जिम्मेदारी राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को दी गई है। रांची के प्रदेश बीजेपी कार्यालय में बीजेपी और आजसू ने संयुक्त संवाददाता सम्मेलन कर सीट शेयरिंग का ऐलान किया है। झारखंड में बीजेपी- 68, आजसू-10, जेडीयू-2 और लोजपा रामविलास 1 सीट पर चुनाव लड़ेगी। जेडीयू जमशेदपुर पश्चिम और तमाड़ विधानसभा सीट पर चुनाव लड़ेगी। इसके अलावा एनडीए की सहयोगी लोजपा रामविलास चतरा सीट से चुनाव लड़ेगी। प्रेस कांफ्रेंस के दौरान हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि बीजेपी अपने कोटे की 68 सीटों में से 1 से 2 सीट पर कुछ अलग निर्णय भी ले सकती है।
इस दौरान आजसू प्रमुख सुदेश महतो ने कहा कि भाजपा-आजसू साथ चुनाव लड़ते हैं तो परिणाम अच्छे सामने आते हैं। इस दौरान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी ने कहा कि पिछले पांच साल में हेमंत सोरेन ने कोई भी वादा पूरा नहीं किया। पांच वर्षों में जितना अत्याचार मां बहन के साथ हुआ उतना कभी नहीं हुआ। अपराध का ग्राफ बढ़ा है, सेना की जमीन को भी नहीं छोड़ा है। आदिवासियों की जनसंख्या घटती जा रही है। उनको जमीन से बेदखल किया जा रहा है। बाबूलाल मरांडी ने कहा कि रोटी माटी को बचाना है। इन्हीं सब मुद्दांे को लेकर हमलोग जनता के पास जाएंगे।
इससे पहले केंद्रीय मंत्री और झारखंड चुनाव प्रभारी शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि झारखंड में बीजेपी, आजसू, जेडीयू और लोजपा रामविलास साथ मिलकर चुनाव लड़ेगी। हम लोग साथ में चुनाव प्रचार करेंगे। इस दौरान असम के सीएम हेमंत बिस्वा शर्मा, झारखंड बीजेपी अध्यक्ष बाबूलाल मरांडी, आजसू प्रमुख सुदेश महतो भी मौजूद थे। हेमंत बिस्वा शर्मा ने कहा कि यह चुनाव हम पीएम के नेतृत्व में लड़ रहे हैं।
माना जा रहा है कि बीजेपी की यह लिस्ट जदयू की टेंशन बढ़ा सकती है क्योंकि करीब 68 सीटों पर बीजेपी अकेले चुनाव लड़ेगी और बाकी 14 सीटों पर लोजपा, जदयू और आजसू लड़ रही हैं। बीजेपी के सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे की घोषणा के बाद बीजेपी उम्मीदवारों की सूची भी जारी कर सकती है। सहयोगी दलों के साथ सीट बंटवारे का फॉर्मूला तय करना बीजेपी के लिए आसान नहीं था। क्योंकि एक तरफ जहां भारतीय जनता पार्टी जदयू को झारखंड में केवल 2 सीट देना चाहती थी। वहीं जदयू 11 सीटों की मांग कर रही थी। इस बीच बीजेपी के लिए राहत की खबर यह रही कि जदयू ने ऐलान कर दिया कि वह झारखंड विधानसभा का चुनाव बीजेपी के साथ लड़ेगी।
18 अक्टूबर से राज्य में चुनावी प्रक्रिया शुरू हो गयी है। झारखंड के 81 विधानसभा सीटों पर दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण का चुनाव 13 नवंबर को और दूसरे चरण का चुनाव 20 नवंबर को होगा। इसके अलावा विधानसभा चुनाव के नतीजे 23 नवंबर को आएंगे। इसके साथ ही राज्य में नई सरकार बनाने को लेकर राजनीतिक दलों के बीच मुकाबले का मंच तैयार हो गया है। 2019 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 79 सीटों पर चुनाव लड़ा था, जिसमें से 25 सीटों पर जीत हासिल की थी। भाजपा को 33.37 प्रतिशत, कांग्रेस को 13.8, जेएमएम को 18.72, राजद को 2.75, जदयू को 0.73, बसपा को 1.53, सीपीआईएम को 0.32 और आजसू को 8.10 प्रतिशत वोट मिले थे। इस बार बीजेपी अपने सहयोगी दलों के साथ मजबूती से चुनाव लड़ने वाली है। बीजेपी, जदयू, आजसू और लोजपा एक साथ मिलकर चुनाव लड़ रहे हैं।
दूसरी तरफ सत्ताधारी इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारे पर ही काफी दिनों तक मंथन चलता रहा। इसके लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कई बार दिल्ली जाकर मल्लिकार्जुन खरगे, सोनिया गांधी और राहुल गांधी से मुलाकात कर ने पहुंचे। बताया जा रहा है कि अब लगभग तय हो गया कि झामुमो 43 सीटों पर जबकि कांग्रेस 29 सीटों पर चुनाव लड़ेगी। राजद को 5 और भाकपा (माले) को 4 सीटें दी जा सकती हैं।
झारखंड मुक्ति मोर्चा (जेएमएम) ने पिछले विधानसभा चुनाव में 43 सीटों पर चुनाव लड़ा था। इस बार वह कम से कम 45 सीटें चाहता है। कांग्रेस 31 पर लड़ कर 16 सीटें जीती थी। जेएमएम को 30 सीटों पर कामयाबी मिली थी। आरजेडी ने 7 सीटों पर चुनाव लड़ा, लेकिन उसे एक सीट पर ही जीत हासिल हुई थी। लालू यादव की पार्टी आरजेडी भी इस बार 10 सीटों की मांग कर रहा है। पिछली बार सिर्फ तीन दल (जेएमएम, कांग्रेस और आरजेडी) ही गठबंधन में थे। इस बार सीपीआई (एमएल) भी साथ है। सीपीआई (एमएल) ने 14 सीटों पर चुनाव लड़ कर पिछली बार सिर्फ एक सीट जीती थी। यही वजह है कि इंडिया ब्लॉक में सीट बंटवारा आसानी से नहीं हो पा रहा। झारखंड में मुख्य मुकाबला तो एनडीए और इंडिया ब्लॉक के बीच ही है, लेकिन लोकसभा चुनाव से उभरे झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा (जेएलकेएम) प्रमुख जयराम महतो चुनावी लड़ाई में तीसरा कोण बनाते नजर आ रहे हैं। उनकी योजना 70 सीटों पर उम्मीदवार उतारने की है, जिनमें 20 उम्मीदवारों के नाम दो चरणों में वे घोषित कर चुके हैं। कुर्मी बिरादरी से ताल्लुक रखने वाले जयराम ने लोकसभा चुनाव में भी उम्मीदवार उतारे थे, लेकिन कोई जीत नहीं पाया।
इस बीच 19 अक्टूबर को लोकसभा मंे नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस के पूर्व
अध्यक्ष राहुल गांधी रांची पहुंचे और संविधान सम्मान सम्मेलन किया। उन्हांेने संविधान मंे एसटी, एससी और अल्पसंख्यकों के हक पर चर्चा की। (हिफी)

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