मोदी ने बनाया जी-20 को जी-21

(डॉ दिलीप अग्निहोत्री-हिफी फीचर)
अयं निजः परोवेति गणना लघुचेतसाम्।
उदारचरितानां तु वसुधैवकुटुम्बकम् (महोपनिषद् ,अध्याय 6 मंत्र 71)
यह मेरा अपना है और यह नहीं है, इस तरह की गणना लघु चित्त वाले लोग करते हैं। उदार हृदय वाले लोगों के लिए तो वसुधा ही परिवार है। जी 20 सम्मेलन में इसी भारतीय चिंतन का उद्घोष हो रहा है क्योंकि इसमें मानव कल्याण का विचार है। जी-20 का अध्यक्ष होने के नाते भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अफ्रीकी यूनियन को भी इस संगठन में स्थायी रूप से शामिल कराने मंे सफलता प्राप्त कर ली है। इस प्रकार जी-20 को मोदी ने जी-21 बना दिया है। भविष्य में इसका और विस्तार हो सकता है। काउंसिल जनरल आफ यूनियन कामरॉन कन्हैया लाल ने इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री को
धन्यवाद दिया है। अफ्रीकी देशों को अब निवेश की उम्मीद बंधी है।
जी-20 नेता एक स्वस्थ वन अर्थ के लिए वन फैमिली की तरह मिलकर एक स्थायी और न्यायसंगत भविष्य के लिए अपने सामूहिक दृष्टिकोण को साझा करेंगे।जी-20 के लोगो पर अगर आपने गौर किया होगा तो आपको नजर आएगा कमल का फूल और धरती। साथ ही पूरे लोगो को तिरंगे का रंग दिया गया है। वहीं, लोगो के नीचे देवनागरी लिपि में भारत लिखा हुआ है। इस लोगांे को मशहूर सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने डिजाइन किया। जी-20 लोगो में केसरिया, सफेद हरा और नीला रंग है। लोगो भी तिरंगे से प्रेरित है। जी-20 लोगो में भारत के राष्ट्रीय पुष्प कमल को पृथ्वी ग्रह के साथ प्रस्तुत किया गया है जो चुनौतियों के बीच विकास को दर्शाता है। पृथ्वी जीवन के प्रति भारत के पर्यावरण अनुकूल दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका प्रकृति के साथ पूर्ण सामंजस्य है। कमल की सात पंखुड़ियां सात महाद्वीपों की प्रतीक हैं। कुनबा बढ़ रहा है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस संगठन को वसुधैव कुटुम्बकम का ध्येय वाक्य प्रदान किया। दुनिया की किसी सभ्यता संस्कृति वसुधा को कुटुम्ब मानने का विचार नहीं रहा। इसकी उचित अभिव्यक्ति भारत संबोधन से ही सम्भव है। जी-20 बैठक के लिए राष्ट्रपति भवन के आमन्त्रण में प्रेसिडेंट ऑफ भारत लिखना सर्वथा उचित था। जी-20 सदस्य देशों में वैश्विक सकल घरेलू उत्पाद का लगभग 85 प्रतिशत वैश्विक व्यापार का 75 प्रतिशत से अधिक और विश्व की लगभग दो तिहाई आबादी है। ऐसे में भारत नाम पर विवाद की आवश्यकता नहीं थी। भारतीय विरासत संस्कृति का उद्घोष इसी के माध्यम से किया जा सकता है। विपक्ष ने इसे अनावश्यक रूप से मुद्दा बना दिया। उसके अनुसार सरकार ने उसके गठबंधन से घबड़ा कर यह किया है। विपक्षी गठबंधन ने तुकबन्दी के द्वारा इंडिया नाम धारण किया है जबकि सत्ता पक्ष को इससे घबड़ाने की आवश्यकता ही नहीं है। इंडिया के सदस्य दल ही इसको विवादित बना रहे हैं।
मुंबई में विपक्षी इंडिया की बैठक में जुड़ेगा भारत जीतेगा इंडिया थीम तय की गई थी। इसके पहले राहुल गांधी ने मोहब्बत की दुकान शुरू की थी। लेकिन गठबंधन के कई दलों का आचरण विभाजनकारी है। इसमें श्रीरामचरित मानस पर हमला बोला जाता है। हिन्दू धर्म को धोखा बताया जाता है। सनातन धर्म के समूल उन्मूलन का आतंकी ऐलान किया जाता है। इंडिया की थीम है जुड़ेगा भारत। इसके घटक ही बहुसंख्यकों को स्वीकार करने को तैयार नहीं है। हिन्दुओं के उन्मूलन नाम से सम्मेलन आयोजित किए जाते हैं। यूपीए ही इंडिया का मुखौटा लगाकर सामने है।
यूपीए घोटालांें और तुष्टीकरण में बदनाम हुआ था। वही लोग इंडिया में हैं। इसके दिग्गज नेता ही हिन्दुओं के प्रति नफरत की दुकान सजाये बैठे हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा- जी-20 को दुनिया के अंतिम छोर तक ले जाना है।
वसुधैव कुटुम्बकम, भारतीय संस्कृति के इन शब्दों में एक गहरा दार्शनिक विचार समाहित है। इसका अर्थ है, पूरी दुनिया एक परिवार है। यह सर्वव्यापी दृष्टिकोण है। जो एक सार्वभौमिक परिवार के रूप में प्रगति करने के लिए प्रोत्साहित करता है। एक ऐसा परिवार जिसमें सीमा, भाषा और विचारधारा का कोई बंधन न हो। भारत की जी-20 अध्यक्षता के दौरान यह विचार मानव-केंद्रित प्रगति का विचार बना।अब दुनिया के जीडीपी केंद्रित दृष्टिकोण से हटकर मानव-केंद्रित दृष्टिकोण की ओर बढ़ने की आवश्यकता है। अफ्रीकी समूह को सदस्य बनाकर पहल की गयी।
दुनिया ग्लोबल सप्लाई चेन में सुदृढ़ता और विश्वसनीयता के महत्व को पहचान रही है। वैश्विक संस्थानों में सुधार के माध्यम से बहुपक्षवाद को बढ़ावा देने का सामूहिक आह्वान सामने है। भारत की अध्यक्षता ने इन बदलावों में उत्प्रेरक की भूमिका निभाई है। भारत की अध्यक्षता विभाजन को पाटने, बाधाओं को दूर करने और सहयोग को गहरा करने का प्रयास करती है। भारत भावना ऐसी दुनिया का निर्माण चाहता है, जहां एकता हर मतभेद से ऊपर हो।
नरेंद्र मोदी ने कहा कि शिखर सम्मेलन की प्रमुख बैठकों की मेजबानी करने वाले भारत मंडपम में स्थापित नटराज की प्रतिमा भारत की सदियों पुरानी कलात्मकता और परंपराओं के प्रमाण की साक्षी है।भारत मंडपम में भव्य नटराज प्रतिमा हमारे समृद्ध इतिहास और संस्कृति के विभिन्न पहलुओं को जीवंत करती है।शिखर सम्मेलन का आयोजनप्रगति मैदान में नवनिर्मित अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी केंद्र भारत मंडपम में हो रहा है। सत्ताइस फीट लंबी, अठारह टन वजनी यह प्रतिमा अष्टधातु से बनी सबसे ऊंची प्रतिमा है और
इसे तमिलनाडु के स्वामी मलाई
के प्रसिद्ध मूर्तिकार राधाकृष्णन ने बनाई है।
प्रधानमंत्री मोदी 10 सितंबर को ब्राजील के राष्ट्रपति लूला को जी-20 अध्यक्ष पद की कमान सौंपेंगे। ब्राजील एक दिसंबर को औपचारिक रूप से जी-20 की अध्यक्षता संभालेगा। जी-20 समूह में अर्जेंटीना, ऑस्ट्रेलिया, ब्राजील, कनाडा, चीन, फ्रांस, जर्मनी, भारत, इंडोनेशिया, इटली, जापान, कोरिया गणराज्य, मेक्सिको, रूस, सऊदी अरब, दक्षिण अफ्रीका, तुर्किये, ब्रिटेन, अमेरिका और यूरोपीय संघ शामिल हैं। (हिफी)