मंत्रिमंडल में झलकी मोदी की निश्चिंतता

इसमंे कोई संदेह नहीं कि नरेन्द्र दामोदर दास मोदी हर परिस्थिति में धैर्य को बरकरार रखते हैं। एक समय था जब दिल्ली में किरण वेदी को मुख्यमंत्री पद का प्रत्याशी घोषित कर दिया था और भाजपा दिल्ली में बुरी तरह पराजित हुई थी। मोदी ने उस समय भी धैर्य रखा और भविष्य मंे भाजपा उनके ही नेतृत्व में शिखर पर पहुंची है। इस बार जब 18वीं लोकसभा के चुनाव हुए तो नतीजे भाजपा के अनुकूल नहीं रहे। यहां तक कि यूपी जैसे राज्य में, जहां वाराणसी से नरेन्द्र मोदी स्वयं प्रतिनिधित्व कर रहे हैं और अयोध्या मंे निर्मित नव्य-भव्य, राम मंदिर को भारत की झांकी बना दिया गया था, वहां भाजपा को 80 में से सिर्फ 33 सांसद मिल पाये। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की तरफ कोई उंगली उठाता, उससे पहले ही मोदी ने उनकी पीठ थपथपाते हुए कहा ‘किसी प्रकार की चिंता मत करो, ये सब होता ही रहता है।’ इसके बाद एनडीए की शक्ल इस बार बदल गयी। पहले भाजपा को ही स्पष्ट बहुमत दिलाने वाले सांसद मिल जाते थे, लेकिन इस बार सिर्फ 240 सांसद मिल पाये। बहुमत के लिए 272 सांसद चाहिए। इस प्रकार एनडीए के सहयोगी दलों विशेषकर नीतीश कुमार की जद(यू) और चंद्रबाबू नायडू की टीडीपी पर निर्भरता बढ़ गयी थी और कयास लगाये जा रहे थे कि मोदी के मंत्रिमंडल पर इसका प्रभाव पड़ेगा लेकिन मोदी का धैर्य यहां भी बरकरार रहा। मंत्रिमंडल गठन मंे किसी प्रकार का दबाव नहीं दिखा। सभी महत्वपूर्ण विभाग भाजपा के पास हैं इतना ही नहीं सभी मंत्रियों को 100 दिन का लक्ष्य भी बता दिया गया है। मंत्रियों ने भी इसका संकेत दिया है। भाजपा के संकल्प पत्र में 3 करोड़ प्रधानमंत्री आवास बनाने का वादा किया गया था। कैबिनेट की पहली बैठक में ही इसकी घोषणा कर दी गयी है। राजग मंे चार दर्जन से ज्यादा राजनीतिक दल शामिल हैं लेकिन प्राथमिकता भाजपा के संकल्प पत्र को ही दी गयी है।
भाजपा में मोदी के बाद कद्दावर नेता समझे जाने वाले अमित शाह को ही फिर से गृहमंत्री का दायित्व मिला है। गृह मंत्रालय के अलावा पिछली बार की तरह सहकारिता मंत्रालय भी दिया गया। नये कार्यकाल मंे अमित शाह की प्राथमिकताओं मंे पिछले वर्ष पारित तीन अपराध कानूनों को अमल मंे लाना है। भारतीय न्याय संहिता, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता और भारतीय साक्ष्य अधिनियम को इसी साल 1 जुलाई से लागू करना है। अमित शाह कहते हैं कि हमने पिछले कार्यकाल मंे सहकारिता क्षेत्र के विकास की नींव रखी थी, अगले पांच वर्षों में उन्हंे जमीनी स्तर पर पहुंचाएंगे। अमित शाह कहते हैं कि पीएम मोदी के नेतृत्व मंे भारत से आतंकवाद और उग्रवाद को मिटाएंगे।
इसी प्रकार मोदी ने अपने पूर्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर पर फिर से भरोसा जताया और दुबारा कार्यभार संभालने के बाद वह कहते हैं कि पाकिस्तान के संरक्षण्सा मंे सीमा पार से जो आतंकवाद की चुनौती है, उससे निपटने के और सार्थक प्रयास किये जाएंगे। कीर्तिवर्द्धन सिंह और पवित्र मार्गरेटा को जयशंकर का सहयोगी (राज्यमंत्री) बनाया गया है। जयशंकर कहते हैं कि भारत प्रथम व वसुधैव कुटुंबकम भारतीय विदेश नीति के दो मार्गदर्शक सिद्धांति होंगे। पीएम मोदी ने निर्मला सीतारमण को फिर से वित्त विभाग सौंपा है। भारत को विकसित देश बनाने मंे अर्थव्यवस्था का महत्वपूर्ण स्थान होगा। अभी हम विश्व की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं लेकिन निर्मला सीतारमण अर्थव्यवस्था को तीसरे स्थान पर लाएंगी।
मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चैहान इस बार शानदार वोटों से जीते हैं। चैहान को केन्द्रीय कृषि एवं ग्रामीण विकास मंत्रालयों का कार्यभार सौंपा गया है। रामनाथ ठाकुर व भगीरथ चैधरी उनके सहयोगी राज्यमंत्री बनाये गये हैं। किसान कल्याण पीएम मोदी की शीर्ष प्राथमिकता में है। अश्विनी वैष्णव सबसे ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे हैं। उनके पास रेलवे, सूचना प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रानिक और सूचना प्रसारण मंत्रालय का दायित्व है। ज्योतिरादित्य सिंधिया को इस बार दूर संचार मंत्री बनाया गया है। यूपीए सरकार मंे भी वह इस मंत्रालय की बागडोर संभाल चुके हैं। इस प्रकार बिना किसी दबाव के नरेन्द्र मोदी ने मंत्रिमंडल का गठन कर और उन्हंे विभाग आवंटित कर यह साबित कर दिया कि विपरीत परिस्थितियों मंे भी धैर्य नहीं खोना चाहिए।
नरेन्द्र मोदी की अगुवाई वाली तीसरी बार बनी सरकार में अधिकांश प्रमुख कैबिनेट मंत्रियों ने पिछले विभागों को बरकरार रखा है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री से लेकर रक्षा मंत्री को बरकरार रखा।
नितिन गडकरी को भी उनके पुराने मंत्रालय में ही बरकरार रखते हुए सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री बनाया गया है। सरकार के अन्य मंत्रियों की बात करें तो भाजपा राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को स्वास्थ्य और परिवार कल्याण एवं रसायन एवं उर्वरक, शिवराज सिंह चैहान को कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्रालय जैसे महत्वपूर्ण विभाग दिए गए हैं. अश्विनी वैष्णव को रेलवे एवं इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी के साथ-साथ सूचना एवं प्रसारण मंत्री बनाया गया। इसके अलावा भूपेंद्र यादव को पर्यावरण एवं वन और जलवायु परिवर्तन, गजेंद्र सिंह शेखावत को संस्कृति और पर्यटन, अन्नपूर्णा देवी को महिला एवं बाल विकास, किरेन रिजिजू को संसदीय कार्य और अल्पसंख्यक मामले, हरदीप सिंह पुरी को पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस, मनसुख मंडाविया को श्रम और रोजगार एवं युवा मामले और खेल, जी. किशन रेड्डी को कोयला और खान, चिराग पासवान को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग और सीआर. पाटिल को जलशक्ति मंत्री बनाया गया है।
नरेंद्र मोदी प्रधानमंत्री, कार्मिक, लोक शिकायत और पेंशन मंत्रालय, परमाणु ऊर्जा विभाग, अंतरिक्ष विभाग, सभी महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दे, अन्य सभी विभाग रहेंगे, जो किसी भी मंत्री को आवंटित नहीं किए गए। मनोहर लाल खट्टर को शहरी विकास और ऊर्जा मंत्री, एचडी कुमारस्वामी को भारी उद्योग और स्टील मंत्री, पीयूष गोयल को कॉमर्स एवं इंडस्ट्री मंत्री, धर्मेंद्र प्रधान को शिक्षा मंत्री, जीतनराम मांझी को सूक्ष़्म एवं मध्यम उद्योग, राजीव रंजन (ललन सिंह) को पंचायती राज मंत्री, मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री, किरेन रिजिजू को संसदीय कार्य एवं अल्पसंख्यक कार्य मंत्री, हरदीप सिंह पुरी को पेट्रोलियम एवं नेचुरल गैस मंत्री, मनसुख मांडविया को श्रम और रोजगार, युवा मामले और खेल मंत्री, जी किशन रेड्डी को कोयला और खान मंत्री, चिराग पासवान को फूड प्रोसेसिंग मंत्री, सीआर पाटिल जल शक्ति मंत्री, सर्बानंद सोनोवाल को बंदरगाह, जहाजरानी और जलमार्ग मंत्री, वीरेंद्र खटीक को सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री, राममोहन नायडू को सिविल एविएशन मंत्री, भूपेंद्र यादव को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री, गजेंद्र सिंह शेखावत को कल्चर और टूरिज्म मंत्री, प्रहलाद जोशी को उपभोक्ता मामले, खाद्य और सार्वजनिक वितरण, नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री, जुएल उरांव को जनजातीय मामलों के मंत्री, अन्नपूर्णा देवी यादव को
महिला एवं बालविकास मंत्री, गिरिराज सिंह को कपड़ा मंत्री बनाया गया है। मंत्रिमंडल मंे कहीं भी दबाव नहीं झलक रहा है। (हिफी)
(अशोक त्रिपाठी-हिफी फीचर)